लखनऊ: इन दिनों राजधानी लखनऊ की आबोहवा बेहद खराब है. ऐसी स्थिति में धुंध और हवा में फैले प्रदूषण से सांस के मरीजों को दिक्कत हो रही है. दीपावली के बाद सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या करीब 30 फीसदी बढ़ गई है. राजधानी के अस्पतालों में मरीज भारी संख्या में आ रहे हैं. इनमें सभी उम्र और वर्ग के मरीज शामिल हैं. वहीं प्रदेश में मौसम भी बदल रहा है और डेंगू का प्रकोप लगातार कहर बरपा रहा है. यहां सर्दी जुकाम बुखार से बच्चे भी अधिक प्रभावित हैं.
लखनऊ के अस्पतालों की ओपीडी में दमा व पोस्ट कोविड दोनों मरीज बढ़ गए हैं. अस्पतालों की ओपीडी में मेडिसिन, चेस्ट फिजिशियन के कमरों के बाहर सबसे ज्यादा इन मरीजों की कतारे लग रही हैं. इसमें 20 साल से लेकर बुजुर्ग मरीज शामिल हैं. बलरामपुर, सिविल, लोक बधु के अलावा रानी लक्ष्मी बाई व भाऊराव देवरस अस्पताल में बुधवार को तकरीबन 400-550 मरीज सिर्फ सांस की तकलीफ वाले देखे गए.
बलरामपुर अस्पताल की सामान्य ओपीडी में दीवाली के पहले करीब 100 मरीज आ रहे थे. दिवाली बाद दूसरे दिन ओपीडी में सोमवार को 150 से ज्यादा मरीज देखे गए. इनमें हर उम्र के मरीज शमिल हैं. यहां के डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में तब्दीली के साथ पटाखों के धुएं और धुंध से सांस की तकलीफ बढ़ गई है. कुछ दमा के पुराने मरीज थे. जो बीते कई दिनों से दवा नही खा रहे थे. अब उन्हें दिक्कत होने पर फिर से अस्पताल आ रहे हैं. अब दवाओं की खुराक बढ़ायी जा रही है.
सिविल अस्पताल में खांसी और जकड़न के मरीज बढ़े
सांस की तकलीफ बढ़ने पर मरीजों को दवाओं की खुराक बढ़ानी पड़ रही है. यहां भी दिवाली के बाद से ओपीडी में 30 से 35 मरीज बढ़े हैं. इनमें करीब 15 से 20 मरीज कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. यह मरीज खांसी और जकड़न की समस्या लेकर आ रहे हैं. बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 150 से ज्यादा मरीज देखे गए हैं.
लोक बंधु अस्पताल में आए मरीज बोले- धुएं के बाद बढ़ी समस्या
लोक बंधु अस्पताल में आए मरीजों ने बताया कि बदलते मौसम में के कारण और दीवाली के बाद बढ़ें प्रदूषण के कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है. अस्पताल के कर्मचारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, ओपीडी में 121 मरीजों को देखा गया. इन्हें पटाखों के धुएं और धुंध के बाद से दिक्कत हुई है. अब दवा खाने की नौबत आ गई है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप