लखनऊ: योगी सरकार नकल विहीन परीक्षा में बाधक बने स्कूलों पर कठोरतम कार्रवाई करने की तैयारी में है. उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को एलान किया कि ऐसे 29 विद्यालयों की मान्यता वापस लेने की कार्रवाई शुरू की जा रही है, जो हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में नकल कराने के दोषी पाए गए हैं.
मऊ जिले के विद्यालय
सरस्वती इंटर कॉलेज किन्नूपुर, केदारनाथ इंटर कॉलेज देघना, हबीब इंटर कॉलेज गोपालगंज, हरिवंश मेमोरियल इंटर कॉलेज पांती रोड मधुबन, राम लखन इंटर कॉलेज अमिला.
प्रयागराज के विद्यालय
बचई सिंह सिंगरौर इंटर कॉलेज चंद्रसेन प्रयागराज, यू डी मेमोरियल इंटर कॉलेज असरावे कला प्रयागराज.
बलिया जिले के विद्यालय
पंचव देवी राजमणि इंटर कॉलेज बिगही बहुआरा, राम लखन इंटर कॉलेज बाहरपुर, सुखपुरा पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल, सुखपुरा बाबा स्नेही दास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, इब्राहिमपट्टी सूरज किसान इंटर कॉलेज राव चिलकहर.
बस्ती जिले के विद्यालय
राम प्यारे चौधरी इंटर कॉलेज रेहरवा नकटीदेई कप्तानगंज, राकेश कुमार मिश्र मीरा देवी इंटर कॉलेज केवटली.
अन्य परीक्षा केंद्र
- चौधरी चरण सिंह इंटर कॉलेज बंका मुरसान हाथरस.
- नूर इंटर कॉलेज रंकेडीह सुल्तानपुर.
- अति कुमार हरिशंकर इंटर कॉलेज कासिमपुर नागरी अतरौली अलीगढ़.
- भूदेव सिंह उत्तर माध्यमिक विद्यालय शिखराना अतरौली अलीगढ़.
- हरिओम साहू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अझुवा कौशांबी.
- श्री कृष्ण चंद्र भरुहिया इंटर कॉलेज बैर गांव कौशांबी.
- स्वामी रामानंद उत्तर माध्यमिक विद्यालय अमराही विशेश्वरगंज बहराइच.
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उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल विहीन और शुचिता पूर्ण तरीके से कराने के लिए कटिबद्ध है. माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऐसे 29 विद्यालयों को चिन्हित किया है, जहां परीक्षा की शुचिता को प्रभावित करने की कोशिश की गई है. ऐसे विद्यालयों की मान्यता वापस ली जाएगी. माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से उन्हें मान्यता वापस ले जाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनका स्पष्टीकरण मिलने के बाद विभाग की ओर से कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इसी तरह से प्रदेश के अन्य विद्यालयों का भी चिन्हीकरण किया जा रहा है. जो परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करने में शामिल हैं. ऐसे परीक्षा केंद्रों को काली सूची में डालने के साथ ही मान्यता वापस लेने और पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है. अब तक प्रदेश में 133 लोगों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.