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प्रदेश में 27 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित- सर्वे

अंतरराष्ट्रीय कैंसर डे (International Cancer Day 2022) के मौके पर लखनऊ के केजीएमयू की थाइराइड और स्तन कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. गिरिका नंदा सिंह (Dr. Girika Nanda Singh) ने स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के बारे में जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया है कि एक सर्वे में बताया है कि प्रदेश में 27 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती हैं.

डॉ. गिरिका नंदा सिंह
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Published : Feb 4, 2022, 5:09 PM IST

लखनऊ: महिलाओं में स्तन कैंसर स्तन (Breast Cancer) कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है. डॉ. गिरिका नंदा सिंह (Dr. Girika Nanda Singh) ने बताया कि आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. कुछ मामलों में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है. एक सर्वे के अनुसार, प्रदेश में 27 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती है. रोजाना ओपीडी में 25 से 30 महिलाएं आती है, जिसमें से तीन से चार महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती है. उन्हें तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जाता है, क्योंकि एक स्टेज पर यह भयावह रूप ले लेता है.

ऐसे करें पहचान

  • स्तन में गांठ या मस्से:-
    स्तन कैंसर के मामलों में दिखाई देने वाला यह सबसे आम लक्षणों में से एक हैं. स्तन में गांठों की जांच की जानी चाहिए, चाहे गांठें कोमल ही क्यों न हों.
  • पूरे स्तन या किसी हिस्से में सूजन:-
    स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है. हालांकि यह संक्रमण या गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है, लेकिन स्तन की त्वचा में जलन या डिंपलिंग जैसे अन्य लक्षण हैं या नहीं यह खोज करना महत्वपूर्ण है. खुद से की गई स्तन परीक्षण किसी भी असामान्य परिवर्तन की जांच करने में मदद करेगी. ऐसा होने पर महिलाओं को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
  • स्तन की त्वचा में परिवर्तन भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है. इसमें जलन/त्वचा का लाल होना, त्वचा का मोटा होना, स्तन ऊतक के डिंपलिंग, त्वचा की बनावट में बदलाव शामिल है.
  • निप्पल में बदलाव:-
    निप्पल से किसी भी तरह के असामान्य तरल निकालने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. साथ ही, निप्पल का अंदर की ओर को दबना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है. अगर निप्पल में दर्द हो, तो उसकी भी चिकित्सा करानी चाहिए.
  • अंडरआर्म में गांठ:-
    अगर अंडरआर्म में गांठ होती है, तो इसकी स्तनों से संबंधित होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. स्तन का ऊतक अंडरआर्म्स तक होता है. साथ ही, स्तन के कैंसर हाथों के नीचे मौजूद लिम्फ नोड्स से भी फैल सकते हैं.
    डॉ. गिरिका नंदा सिंह

यह भी पढ़ें: लखनऊ के गोमती नगर में फायरिंग का मामला, अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की

कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms)

- शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर, जो न भरे.

- लम्‍बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गांठ या सूजन.

- स्‍तनों में गांठ होना या रिसाव होना मल, मूत्र, उल्‍टी और थूंक में खून आना.

- आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्‍कत, मल-मूत्र की सामान्‍य आदत में परिवर्तन, लम्‍बे समय तक लगातार खांसी.

- पहले से बनी गांठ, मस्‍सों व तिल का अचानक तेजी से बढ़ना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गांठ के आस-पास नई गांठो का उभरना.

- बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी.

- औरतों में स्‍तन में गांठ, अस्‍वाभाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच व यौन सम्‍बन्‍धों के तुरन्‍त बाद और 40-45 वर्ष की उर्म में महावारी बन्‍द हो जाने के बाद खून आना.

- महिलाओं में स्तन कैंसर के पहचाने जाने वाले कई जोखिम कारक हैं.

- पारिवारिक इतिहास.

- BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन.

- लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना.

- समय से पहले पहला मासिक धर्म.

- देर से रजोनिवृत्ति.

- गर्भनिरोधक गोली.

- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी.

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लखनऊ: महिलाओं में स्तन कैंसर स्तन (Breast Cancer) कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है. डॉ. गिरिका नंदा सिंह (Dr. Girika Nanda Singh) ने बताया कि आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. कुछ मामलों में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है. एक सर्वे के अनुसार, प्रदेश में 27 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती है. रोजाना ओपीडी में 25 से 30 महिलाएं आती है, जिसमें से तीन से चार महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती है. उन्हें तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जाता है, क्योंकि एक स्टेज पर यह भयावह रूप ले लेता है.

ऐसे करें पहचान

  • स्तन में गांठ या मस्से:-
    स्तन कैंसर के मामलों में दिखाई देने वाला यह सबसे आम लक्षणों में से एक हैं. स्तन में गांठों की जांच की जानी चाहिए, चाहे गांठें कोमल ही क्यों न हों.
  • पूरे स्तन या किसी हिस्से में सूजन:-
    स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है. हालांकि यह संक्रमण या गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है, लेकिन स्तन की त्वचा में जलन या डिंपलिंग जैसे अन्य लक्षण हैं या नहीं यह खोज करना महत्वपूर्ण है. खुद से की गई स्तन परीक्षण किसी भी असामान्य परिवर्तन की जांच करने में मदद करेगी. ऐसा होने पर महिलाओं को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए.
  • स्तन की त्वचा में परिवर्तन भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है. इसमें जलन/त्वचा का लाल होना, त्वचा का मोटा होना, स्तन ऊतक के डिंपलिंग, त्वचा की बनावट में बदलाव शामिल है.
  • निप्पल में बदलाव:-
    निप्पल से किसी भी तरह के असामान्य तरल निकालने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. साथ ही, निप्पल का अंदर की ओर को दबना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है. अगर निप्पल में दर्द हो, तो उसकी भी चिकित्सा करानी चाहिए.
  • अंडरआर्म में गांठ:-
    अगर अंडरआर्म में गांठ होती है, तो इसकी स्तनों से संबंधित होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. स्तन का ऊतक अंडरआर्म्स तक होता है. साथ ही, स्तन के कैंसर हाथों के नीचे मौजूद लिम्फ नोड्स से भी फैल सकते हैं.
    डॉ. गिरिका नंदा सिंह

यह भी पढ़ें: लखनऊ के गोमती नगर में फायरिंग का मामला, अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की

कैंसर के लक्षण (Breast Cancer Symptoms)

- शरीर में किसी भी अंग में घाव या नासूर, जो न भरे.

- लम्‍बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गांठ या सूजन.

- स्‍तनों में गांठ होना या रिसाव होना मल, मूत्र, उल्‍टी और थूंक में खून आना.

- आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्‍कत, मल-मूत्र की सामान्‍य आदत में परिवर्तन, लम्‍बे समय तक लगातार खांसी.

- पहले से बनी गांठ, मस्‍सों व तिल का अचानक तेजी से बढ़ना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गांठ के आस-पास नई गांठो का उभरना.

- बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी.

- औरतों में स्‍तन में गांठ, अस्‍वाभाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच व यौन सम्‍बन्‍धों के तुरन्‍त बाद और 40-45 वर्ष की उर्म में महावारी बन्‍द हो जाने के बाद खून आना.

- महिलाओं में स्तन कैंसर के पहचाने जाने वाले कई जोखिम कारक हैं.

- पारिवारिक इतिहास.

- BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन.

- लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना.

- समय से पहले पहला मासिक धर्म.

- देर से रजोनिवृत्ति.

- गर्भनिरोधक गोली.

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