लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में आगामी 3 मार्च को 10 जिलों की 57 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. वहीं, इस चरण में कुल 676 प्रत्याशी चुनावी मैदान अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इधर, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि समाजवादी पार्टी के 45 प्रत्याशियों के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है तो वहीं, इस सूची में भाजपा के 42, बसपा के 57, कांग्रेस के 26 और आप के 14 प्रत्याशी शामिल हैं. हालांकि इस चरण में भी दागी प्रत्याशियों की संख्या कमी नहीं है. छठवें चरण में भी धनबल का बोलबाला है. इस चरण में भी 38% करोड़पति प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. इस चरण के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 94%, भाजपा ने 81%, बसपा ने 77% और कांग्रेस ने 46 करोड़पति उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
ये हैं छठे चरण के सबसे अमीर उम्मीदवार
वहीं, सबसे अमीर उम्मीदवारों में 67 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ गोरखपुर के चिल्लूपार से सपा के विनय शंकर तिवारी, अंबेडकरनगर से 63 करोड़ रुपये के साथ सपा के राकेश पांडे और बलिया से उसी पार्टी के उमाशंकर सिंह ने 54 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. इस चरण में अधिकतम 57% उम्मीदवारों के पास स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता है.
ये हैं सबसे गरीब उम्मीदवार
वहीं, अगर इस चरण के सबसे कम संपत्ति वाले लोगों की बात करें तो महाराजगंज की सिसवा सीट से आम जनता पार्टी के उम्मीदवार दीपक श्रीवास्तव ने अपनी कुल संपत्ति 500 रुपये की दिखाई है. बलिया की बेल्थरारोड (एससी) सीटे से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे शिमोन प्रकाश ने अपनी संपत्ति 6 हजार 600 सौ रुपये की दिखाई है. वहीं देवरिया की रुद्रपुर सीट से आम जनता पार्टी के उम्मीदवार नरसिंघ पाल ने अपनी संपत्ति 10 हजार रुपये से अधिक की दिखाई है.
65% सीटों पर दागियों को टिकट
इस चरण की करीब 65% विधानसभा सीटों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की उपस्थिति के कारण संवेदनशील घोषित किया गया है. यूपी इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने छठवें चरण में कुल 676 उम्मीदवारों में से 670 की ओर से दिए गए हलफनामों का विश्लेषण करने के बाद एक रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट में 670 उम्मीदवारों में से 182 यानी 27% के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 23% के खिलाफ गंभीर मामले लंबित हैं.
इनमें सपा ने इस चरण में 48 में से 40 उम्मीदवारों यानी 83% को मैदान में उतारा है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि भाजपा ने ऐसे 44% उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस और बसपा ने आपराधिक इतिहास वाले 39% प्रत्याशी उतारे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने केवल 14% ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं.
इधर, आपराधिक रिकॉर्ड वाले शीर्ष तीन प्रत्याशियों में सहजनवा, गोरखपुर से बसपा उम्मीदवार, 26 मामलों के साथ सुधीर सिंह, खड्डा, कुशीनगर जिले से सुहेलदेव राजभर, भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के उम्मीदवार अशोक चौहान 19 मामलों के साथ और आजाद समाज पार्टी से चंद्रशेखर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 16 आपराधिक मामले लंबित हैं. इसके अलावा इस चरण में दो उम्मीदवारों के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप है, जबकि 8 के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप