लखनऊ. राजधानी के मोहनलालगंज नगर पंचायत क्षेत्र के गौरा गांव में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए 21 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. हालांकि देर रात दो दर्जन से ज्यादा लोग अस्पताल में बिना जानकारी दिए गायब हो गए. अस्पताल से एक दर्जन कंबल भी गायब हैं. जिसके बाद सीएचसी अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने मामले की जानकारी पुलिस और एसडीएम को दी है.
लखनऊ के मोहनलालगंज नगर पंचायत क्षेत्र के गौरा गांव में 31 अक्टूबर को एक जन्मदिन पार्टी में शामिल हुए तकरीबन 70 से ज्यादा लोग फूड प्वाइजनिंग से बीमार हो गए थे. मरीजों की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था. हालत गंभीर होने पर तकरीबन 20 लोगों को लखनऊ के बड़े अस्पतालों में रेफर किया गया था. मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती 21 लोगों को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग अस्पताल में जानकारी दिए बगैर अस्पताल से गायब हो गए. यही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनलालगंज से एक दर्जन कंबल भी उठा ले गए. सीएचसी अधीक्षक डॉ अशोक कुमार ने मामले की जानकारी पुलिस और प्रशासन को देखकर कार्रवाई की मांग की है. वहीं मोहनलालगंज सीएचसी में गुरुवार को मोनी, ऋषभ और प्रभात को भर्ती किया गया. प्रभात की मां शिव कुमारी, छोटा भाई आलोक, जीजा अमित और बहन रूबी दो दिनों से मोहनलालगंज सीएचसी में भर्ती हैं. हालत बिगड़ने के बाद प्रभात भी अस्पताल में भर्ती हो गए. तीन साल की श्रेया के स्वास्थ्य में भी सुधार नहीं हो रहा.
सीएससी अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि बीते दो दिन पहले गौरा गांव में एक बर्थडे पार्टी में शामिल हुए तकरीबन 70 लोग फूड प्वाइजनिंग से बीमार हो गए थे. मोहनलालगंज सीएचसी में करीब 45 लोग भर्ती थे, जिसमें 21 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया. जबकि देर रात दो दर्जन से ज्यादा लोग बिना जानकारी दिए अस्पताल से फरार हो गए. अस्पताल में मरीजों को दिए गए एक दर्जन कंबल भी गायब हैं. मामले की जानकारी पुलिस और एसडीएम को दे दी गई है. गुरुवार को चार नए मरीज भर्ती हुए हैं.
यह भी पढ़ें : यूपी के 30 PPS अधिकारियों को मिला बड़ा तोहफा, पदोन्नति कर बनाए गए IPS
इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कुलदीप दुबे ने बताया कि मोहनलालगंज सीएससी अधीक्षक ने 2 नवंबर को एक लिखित पत्र थाने में दिया है कि अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग से गौरा गांव के मरीज भर्ती थे, जिसमें 21 लोग बिना अस्पताल को सूचना दिए ही अस्पताल से चले गए जिसकी जांच की जा रही है.
यह भी पढ़ें : 2000 का चालान कटा तो हेलमेट पहनकर धरने पर बैठा चायवाला, बोला-माफ हो मनमाना चालान