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लखनऊ: टीबी से ग्रसित 21 बच्चों को राज्यपाल सहित कई अधिकारियों ने लिया गोद - lucknow samachar

यूपी की राजधानी लखनऊ के राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में टीबी से ग्रसित बच्चों को राज्यपाल और राजभवन के अधिकारियों ने गोद लिया. वहीं राज्यपाल ने सलाह दी कि बच्चों को किसी भी प्रकार कोई अव्यवस्था न हो इसका खास ख्याल रखा जाए.

टीबी से ग्रसित 21 बच्चों को राज्यपाल सहित कई अधिकारियों ने लिया गोद
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Published : Aug 25, 2019, 8:37 PM IST

लखनऊ: राजधानी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में टीबी से ग्रसित एक बच्ची को गोद लिया. वहीं टीबी से ग्रसित 21 अन्य बच्चों को राजभवन के सभी अधिकारियों ने सहयोग की दृष्टि से गोद लिया. अधिकारियों का दायित्व होगा कि बच्चों को सरकारी दवा सुचारू रूप से मिलती रहे, जिससे वे नियमित रूप से दवा का प्रयोग कर पौष्टिक आहार का सेवन करें.

सराहनीय कदम:

  • राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सभी अधिकारियों ने टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया.
  • राज्यपाल ने सलाह दी कि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान हो तो उसका त्वरित निस्तारण किया जाए.
  • राजभवन में आए राज्यपाल ने सभी बच्चों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री और फल वितरित किये.
  • राज्यपाल ने स्वेच्छा से बच्चों को गोद लेने वाले अधिकारियों की सराहना भी की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इससे ग्रसित बच्चों को गोद लेने की पहल राजभवन से शुरूआत की गई, गोद लेना कोई उपकार नहीं, जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो. जो सम्पन्न हैं वे अपनी जरूरत के अतिरिक्त कुछ अंश समाज के लिये भी खर्च करें, छोटे-छोटे प्रयास से बड़ा लक्ष्य प्राप्त हो सकता है.
आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल

जनपद लखनऊ में टीबी रोग के 14,600 मरीज चिन्हित किये गये हैं, जिन्हें दवाई और पौष्टिक आहार के लिये 500 रुपये का भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है.
डाॅ. पीके गुप्ता, जिला क्षय रोग निवारण

लखनऊ: राजधानी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में टीबी से ग्रसित एक बच्ची को गोद लिया. वहीं टीबी से ग्रसित 21 अन्य बच्चों को राजभवन के सभी अधिकारियों ने सहयोग की दृष्टि से गोद लिया. अधिकारियों का दायित्व होगा कि बच्चों को सरकारी दवा सुचारू रूप से मिलती रहे, जिससे वे नियमित रूप से दवा का प्रयोग कर पौष्टिक आहार का सेवन करें.

सराहनीय कदम:

  • राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सभी अधिकारियों ने टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया.
  • राज्यपाल ने सलाह दी कि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान हो तो उसका त्वरित निस्तारण किया जाए.
  • राजभवन में आए राज्यपाल ने सभी बच्चों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री और फल वितरित किये.
  • राज्यपाल ने स्वेच्छा से बच्चों को गोद लेने वाले अधिकारियों की सराहना भी की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इससे ग्रसित बच्चों को गोद लेने की पहल राजभवन से शुरूआत की गई, गोद लेना कोई उपकार नहीं, जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो. जो सम्पन्न हैं वे अपनी जरूरत के अतिरिक्त कुछ अंश समाज के लिये भी खर्च करें, छोटे-छोटे प्रयास से बड़ा लक्ष्य प्राप्त हो सकता है.
आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल

जनपद लखनऊ में टीबी रोग के 14,600 मरीज चिन्हित किये गये हैं, जिन्हें दवाई और पौष्टिक आहार के लिये 500 रुपये का भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है.
डाॅ. पीके गुप्ता, जिला क्षय रोग निवारण

Intro:राज्यपाल ने टीबी रोग से ग्रसित बच्ची को लिया गोद, अधिकारियों ने भी 21 बच्चों को गोद लिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में टीबी रोग से ग्रसित एक बच्ची मोहसिना (काल्पनिक नाम) को गोद लिया तथा इसी के साथ टीबी रोग से ग्रसित 21 अन्य बच्चों को राजभवन के सभी अधिकारियों ने सहयोग की दृष्टि से गोद लिया। गोद लेने वाले अधिकारियों का यह दायित्व होगा कि वे बच्चों को सरकारी दवा सुचारू रूप से मिलती रहे तथा बच्चा नियमित रूप से दवा का प्रयोग करें और पौष्टिक आहार का सेवन करे, इसका ध्यान रखेंगे।

Body:राज्यपाल ने यह भी सलाह दी कि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान हो तो उसका भी निस्तारण किया जाये। राज्यपाल ने राजभवन आये सभी बच्चों को पोषणयुक्त खाद्य सामग्री और फल वितरित किये। यह सभी बच्चें राजभवन के नजदीकी क्षेत्र के रहने वाले हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव, विशेष सचिव डाॅ अशोक चन्द्र, जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डाॅ पीके गुप्ता सहित राजभवन के अधिकारीगण उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दृष्टि से यह तय किया गया है कि टीबी रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लेने की पहल की राजभवन से शुरूआत की जाये। गोद लेना कोई उपकार नहीं है। जागृत समाज का फर्ज है कि समाज स्वस्थ हो। जो सम्पन्न हैं वे अपनी जरूरत के अतिरिक्त कुछ अंश समाज के लिये भी खर्च करें। छोटे-छोटे प्रयास से बड़ा लक्ष्य प्राप्त हो सकता है। लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी योजना की जानकारी के अभाव के कारण लाभ नहीं उठा पाते। यह सबकी जिम्मेदारी है कि सरकारी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जुड़कर काम करने से वर्ष 2025 का लक्ष्य समय से पहले भी पूरा हो सकता है। राज्यपाल ने स्वेच्छा से बच्चों को गोद लेने वाले अधिकारियों की सराहना भी की।

Conclusion:राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि सभी स्थान पर सरकार नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में समाज के जिम्मेदार, सम्पन्न एवं समृद्ध लोग अपने दायित्व को समझते हुए स्वयं को रोगी के परिवार से जोड़े, चर्चा करें तथा समाधान निकालने में उनका सहयोग करें। उचित सफाई, पौष्टिक भोजन, समय पर दवाई लेने से रोग पर पूर्णतया काबू पाया जा सकता है। अस्वस्थ बच्चों में आगे चलकर विवाह एवं जीविकोपार्जन की भी समस्या आती है। उन्होंने अपने गुजरात और मध्य प्रदेश के अनुभव साझा करते हुऐ बताया कि ऐसे प्रयास से रोग ग्रस्त बच्चे कम समय में ही स्वस्थ हो गये और इससे प्रेरणा लेकर समाज के लोगों ने ज्यादा से ज्यादा बच्चें गोद लिये।कार्यक्रम में जिला क्षय रोग निवारण अधिकारी डाॅ पीके गुप्ता ने बताया कि जनपद लखनऊ में टीबी रोग के 14,600 मरीज चिन्हित किये गये हैं जिन्हें दवाई और पौष्टिक आहार के लिये रूपये 500 का भत्ता सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जा रहा है।
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