लखनऊ: प्रदेश में जबसे योगी सरकार बनी है, तब से सरकार बाल श्रम उन्मूलन के लिए दृढ़ संकल्पित है. सरकार लगातार प्रयास कर रही है. हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए आवश्यक है कि विभिन्न आर्थिक एवं पारिवारिक कारणों से बाल श्रम में लगे बच्चों को वहां से मुक्त कराकर विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाए. यह बात भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार राज्य परामर्श दात्री समिति के अध्यक्ष ठाकुर रघुराज सिंह ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि बाल श्रम में लगे बच्चों के परिवार के वयस्क सदस्यों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करा रही है. ताकि वह आर्थिक कारणों से अपने बच्चों को कार्य पर न भेजे और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाये. राज्य मंत्री रघुराज सिंह ने बाल श्रम देश में अभिशाप की तरह है. इससे उस परिवार के भविष्य के साथ-साथ बच्चों का भी भविष्य खराब हो रहा है. प्रदेश सरकार ऐसे मामलों में बाल श्रमिकों के पुनर्वासन व उनकी शिक्षा के प्रति गम्भीरता से कार्य कर रही है. इस कार्य में समाज, स्वयंसेवी संस्थाओं और स्वयं बाल श्रमिकों के परिवारों का भी सहयोग आवश्यक है.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन अनिल कुमार (तृतीय) ने कहा कि इस वर्ष नया सवेरा योजना के तहत लाभान्वित 20 जनपदों के 200 ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड को बाल श्रम मुक्त (200 panchayat wards declared child labor free) घोषित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व वर्ष दो हजार अट्ठारह 22 के मध्य 508 ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डो को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा चुका है. ऐसे ही चरणबद्ध रूप से नया सवेरा योजना आच्छादित इन 20 जनपदों को जल्दी पूरी तरह से बाल श्रम मुक्त घोषित करा लिया जाएगा.
वहीं बीओसीडब्ल्यू बोर्ड के सचिव निशा अनंत ने श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने निशा बताया कि उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. साथ ही बोर्ड द्वारा शीघ्र ही निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय का संचालन प्रारम्भ करने जा रहा है. कार्यक्रम में अपर श्रमायुक्त, अंजूलता ने बताया कि श्रम विभाग उत्तर प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहा है. बाल श्रम अधिनियम में दी गयी व्यवस्था के अन्तर्गत प्रवर्तन की कार्यवाही की जा रही है और विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से बाल श्रमिक, कामकाजी बच्चों व उनके परिवारों का पुनर्वासन सुनिश्चित कराया जाता है.
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों व जिलों से आये हुए लगभग 600 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम में सभी क्षेत्रों से अपर/उप श्रमायुक्त, सहायक श्रमायुक्त श्रम प्रवर्तन अधिकारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, नियोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि, ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि दिलीप कुमार सिंह मुख्यालय, सरजू राम कानपुर क्षेत्र, राकेश द्विवेदी लखनऊ क्षेत्र, प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये पार्षद, सभासद, ग्राम प्रधान, बाल श्रमिक विद्या योजना के लाभार्थी, यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थी मौजूद रहे.
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