लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण आजीविका मिशन से करीब चार लाख महिलाओं को जोड़कर उन्हें रोजगार दिलाने जा रही है. उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने प्रदेश की ऐसी महिलाओं को चिह्नित कर लिया है. इनमें से करीब दो लाख ऐसी महिलाएं हैं, जो हुनरमंद हैं. वह कोई न कोई कार्य कर रही हैं. उनके काम को और बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इनमें करीब 30 हजार प्रवासी महिलाएं शामिल हैं. करीब दो लाख ऐसी महिलाएं हैं, जो किसी काम से सीधे जुड़ी नहीं हैं. इन अनस्किल्ड महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ लिया गया है. इन्हें भी कार्य दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रमीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में बाहर से आने वाले श्रमिकों और कामगारों के परिवार की महिलाओं को रोजगार दिलाया जा रहा है. आजीविका मिशन ऐसी करीब दो लाख महिलाओं के लिए प्रशिक्षण प्रोग्राम चला रहा है. विभाग ने एक लाख 98 हजार 533 महिलाओं के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी चार अलग-अलग विभागों को दी है.
16 हजार 150 महिलाओं को सिलाई-बुनाई की ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन 16 हजार 150 महिलाओं को सिलाई-बुनाई की ट्रेनिंग देगा. यह प्रशिक्षण 10 दिन का होगा. यह महिलाएं राज्य के 45 जिले के 170 ब्लॉक की हैं. पशुपालन विभाग 38 जिले के 193 ब्लॉक की एक लाख 23 हजार 349 महिलाओं को पशुपालन की दो दिन ट्रेनिंग दे चुका है. यूपी के 42 जिलों के 209 ब्लॉक की 36 हजार 959 महिलाओं को बकरी पालन का प्रशिक्षण दिलाया गया है. वहीं पशुपालन विभाग ने 39 जिले के 169 ब्लॉक की 15 हजार 636 मालाओं को मुर्गी पालन की ट्रेनिंग दिलाई है.
फूड प्रोसेसिंग विभाग चलाएगा 15 दिन का कार्यक्रम
हॉर्टिकल्चर और फूड प्रोसेसिंग विभाग जून के दूसरे सप्ताह में 15 दिन का फूड प्रोसेसिंग एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है. इसमें दस जिले के दस ब्लॉकों की एक हजार 281 महिलाएं भाग ले रही हैं. वहीं स्वयं सहायता समूह की 4336 महिलाओं को एमएसएमई विभाग की तरफ से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है. इसमें एक ट्रेनिंग छह दिन की है. दूसरी 10 दिवसीय ट्रेनिंग है. ओडीओपी, विश्वकर्मा श्रम सम्मान निधि समेत अन्य योजना के तहत रोजगार से जुड़े हुनर के बारे में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, ताकि वे महिलाएं इस क्षेत्र में कार्य कर सकें.
आजीविका मिशन के निदेशक ने दी जानकारी
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि करीब चार लाख महिलाओं को चिह्नित कर लिया गया है. उन्हें स्वयं सहायता समूह से जोड़ भी दिया गया है. इनमें से करीब दो लाख महिलाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित हैं. कुछ महिलाओं के प्रशिक्षण हो भी गए हैं. इसके बाद इन्हें रोजगार दिया जाएगा. बता दें दो लाख उन महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो पहले से ही किसी क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. इनमें करीब 30 हजार प्रवासी महिलाएं हैं.