लखनऊ: लखनऊ में गोमती नगर के विराज खण्ड में कराये गये ड्रोन सर्वे में 100 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की छिपी हुई आवासीय एवं व्यवसायिक सम्पत्तियों (Plots seen from drone in Lucknow) का पता चला है. बुधवार को एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी (LDA Vice President Dr. Indramani Tripathi) ने सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत योजना के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ इस सम्बंध में बैठक की. बैठक में सलाहकार द्वारा ड्रोन सर्वे के अंतर्गत आवासीय एवं व्यवसायिक सम्पत्तियों की करायी गयी मैपिंग और इसमें मिले तथ्यों के सम्बंध में प्रेजेन्टेशन दिया गया.
इसके मुताबिक सर्वे में कुल 2440 सम्पत्तियों की स्थल पर पहचान की गयी. इनमें से 1936 आवासीय सम्पत्ति तथा 504 व्यवसायिक सम्पत्ति शामिल हैं. इसमें से कुछ सम्पत्तियां ऐसी हैं, जोकि ले-आउट में नहीं है. कुछ सम्पत्तियों का विवरण प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के रिकाॅर्ड में नहीं है. इसके अलावा लगभग 20 हजार वर्गफुट की दो व्यवसायिक सम्पत्तियां खोजी गयीं, जिसमें से एक सम्पत्ति पर अवैध कब्जा है तथा एक सम्पत्ति पर कोई निर्माण नहीं है. उपाध्यक्ष ने अभियंत्रण और नियोजन अनुभाग के अधिकारियों को इन सभी सम्पत्तियों का स्थलीय निरीक्षण करने तथा पत्रावलियों से मिलान कराके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं.
उपाध्यक्ष ने कहा कि इनमें से जिन सम्पत्तियों का विवरण पोर्ट्ल पर अपलोड नहीं है, उनका मूल पत्रावली से परीक्षण करा लिया जाए. इसके अलावा ड्रोन सर्वे में वाॅटर बाॅडी के पास 195 आवासीय भूखण्डों के लिए खाली जमीन चिन्हित की गयी है, जिसके सम्बंध में उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने अधिकारियों को स्थल का निरीक्षण करके नियोजन की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिये गये हैं. सर्वे के क्रम में यह भी अवगत कराया गया कि योजना के 208 भूखण्ड रेलवे द्वारा अधिग्रहित किये गये हैं.
इसके लिए उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेलवे द्वारा लिये गये भूखण्डों और इसके सापेक्ष प्राप्त हुई धनराशि का परीक्षण करा लिया जाए. इसमें अगर धनराशि मिलनी शेष है, तो इस सम्बंध में रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक कर ली जाए तथा अगर वर्तमान में रेलवे को इसमें से जिन सम्पत्तियों की आवश्यकता नहीं है, उसे नियमानुसार वापस लेने की कार्रवाई की जाए. ड्रोन सर्वे से यह भी पता चला कि 85 व्यवसायिक सम्पत्तियां तथा 234 आवासीय सम्पत्तियां ऐसी हैं, जिनमें मौके पर आवंटित क्षेत्रफल से अधिक हिस्से में कब्जा/निर्माण है.
इस पर उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित कि इन सम्पत्तियों की पत्रावलियों का परीक्षण करा लिया जाए तथा जिन आवंटियों द्वारा अधिक क्षेत्रफल के सापेक्ष प्राधिकरण में धनराशि जमा नहीं करायी गयी है, उन्हें नोटिस देकर वसूली की कार्रवाई की जाए. इससे प्राधिकरण को करोड़ों रुपये की आय होने की संभावना है. बैठक में विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार एवं प्रिया सिंह, एसडीएम शशिभूषण पाठक, नगर नियोजक केके गौतम, अधिशासी अभियंता केके बंसला, उप सचिव माधवेश कुमार, सहायक लेखाधिकारी विनोद श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.
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