लखनऊ: यूपी में कोरोना मरीजों पर ब्लैक फंगस का हमला जारी है. हर रोज कई मरीज फंगस की चपेट में आ रहे हैं. शुक्रवार को प्रदेश में 17 नए मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई. वहीं, हालत गंभीर होने पर विभिन्न जनपदों से कई मरीज केजीएमयू रेफर किए गए हैं. स्वास्थ विभाग के मुताबिक राज्य में शुक्रवार को 3 आगरा, 2 बरेली, 1 चित्रकूट, 1 कासगंज, 10 लखनऊ के मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. इसके अलावा कई मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. अब प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 289 हो गई. जबकि ब्लैक फंगस से मृतकों की संख्या 19 हो गई है.
लखनऊ रेफर होकर पहुंचे 32 मरीज
ब्लैक फंगस के गंभीर मरीजों को जनपदों में इलाज नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्हें लखनऊ रेफर किया गया. 24 घंटे में 23 मरीजों को केजीएमयू में भर्ती किया गया. वहीं 4 नए मरीज लोहिया संस्थान में शिफ्ट किए गए. 5 मरीज निजी अस्पतालों में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया.
कोरोना मरीज ठीक होने के बाद आ रहे चपेट में
केजीएमयू नेत्र रोग विभाग के डॉ. संजीव कुमार गुप्ता के मुताबिक ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमायकोसिस के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में डायबिटीज मरीज कोरोना की चपेट में आने के बाद स्टरायड डॉक्टर की सलाह पर ही लें. स्टाराइड से रोग प्रतिरोधक क्षमता और घट जाती है. इससे ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है. पहले यह फंगस लकड़ी, गोबर के कंडे, गमले में पाया जाता रहा. ब्लैक फंगस दिमाग,आंख, फेफड़े और पूरे श्वसन तंत्र पर हमला करता है. ज्यादातर मरीजों में निगेटिव होने के 14 से 15 दिन बाद समस्या हो रही है.
ये मरीज रहे सावधान
-डायबिटीज मरीज
-एचआईवी, कैंसर, अस्थमा
-वेंटिलेटर पर रहे मरीज
-स्टेरॉयड थेरेपी लेने वाले
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ब्लैक फंगस के लक्षण
-आंखों में दर्द
-आंखों का लाल होना
-आधे सिर में दर्द होना
-पलक का झुक जाना या सूजन
-अचानक आंखों की रोशनी कम होना
-आंखों के अलावा नाक से खून आना
-काली पपड़ी जमना
-मुंह का टेढ़ा होना
-नाक पर दाना
-फेफड़े में गांठ
-बेहोशी आना