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169 निजी संस्थाएं यूपी के युवाओं को देंगी स्टार्टअप की ट्रेनिंग, जानिए कब से होगी शुरू - स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति 2023

योगी सरकार ने स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति 2023 के तहत 169 निजी संस्थाओं को चिन्हित किया है. यह संस्थाएं सितंबर अंत तक युवाओं को स्टार्टअप ट्रेनिंग देना शुरू कर देंगी.

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Published : Jul 21, 2023, 7:26 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में युवाओं का रुझान नौकरी के साथ स्टार्टअप पर ले जाने के लिए कौशल विकास मिशन की ओर से नई स्टार्टअप नीति 2023 के तहत 169 निजी संस्थाओं का चयन किया गया है. यह संस्थाएं उत्तर प्रदेश में युवाओं के रुझान को देखते हुए उन्हें स्टार्टअप शुरू करने के लिए परीक्षण दिलाने का काम करेंगी. चयनित सभी संस्थाओं को सितंबर से प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित केंद्रों पर शुरू करना होगा. इस संबंध में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी ने आदेश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बताया कि 'इससे देश भर में निजी संस्थाओं से उत्तर प्रदेश में निवेश के साथ ही स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू कर युवाओं को स्टार्टअप से जोड़ने की पहल की जा रही है.'

युवाओं को स्टार्टअप की ट्रेनिंग
युवाओं को स्टार्टअप की ट्रेनिंग



निदेशक ने बताया कि 'सभी चयनित 169 संस्थान स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति 2023 के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं को निखारने के साथ ही उन्हें स्टार्टअप शुरू करने के लिए ट्रेंड करेंगे. राज्य कार्यकारिणी समिति से अनुमोदन मिलने के बाद इन सभी निजी संस्थाओं को इसी वर्ष सितंबर से प्रदेश में अपने-अपने केंद्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देने के प्रोग्राम को शुरू करना है. निदेशक ने बताया कि स्टार्टअप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए कुल 233 संस्थाओं ने आवेदन किए थे. इसके पहले चरण में प्राप्त सभी 233 आवेदनों का प्रवेश करने के बाद उनमें से 169 आवेदक संस्थाओं को प्रदेश की नीति के अनुसार पाया गया. इसके अतिरिक्त 12 आवेदक संस्थाओं के आवेदनों में कुछ कमियां पाई गईं, जिसके निराकरण के लिए उन्हें एक अवसर प्रदान किया गया, वहीं आवेदक संस्थाओं के आवेदकों को मानक की पूर्ति नहीं किए जाने के कारण उनके आवेदन को निरस्त कर दिया गया था.'

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी ने बताया कि 'चयनित संस्थाओं द्वारा प्रदान किए प्रशिक्षण की गुणवत्ता औद्योगिक मांग के अनुरूप होगी. जिसका लाभ प्रशिक्षित युवाओं को सेवायोजन के माध्यम से दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत फ्लेक्सी कॉरपोरेट पार्टनर के तौर पर बड़ी निजी संस्थाओं को जोड़कर अपने आईटीआई या अन्य केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराता है. क्योंकि यह स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम है, इसलिए छोटे निजी संस्थान को भी आमंत्रित किया गया था. इस बार जो व्यवस्था बनाई गई है उसके तहत स्टार्टअप ट्रेनिंग पार्टनर कौशल विकास केंद्र या आईटीआई नहीं होंगे, बल्कि उनके द्वारा खुद के सेंटर खोलकर युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के 20 अगस्त तक पूरा होने की संभावना है. एमओयू होने के बाद हर एक संस्था से कम से कम ढाई सौ छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इन संस्थाओं द्वारा छात्रों को 3 से 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.'

यह भी पढ़ें : यात्रीगण कृपया ध्यान दें! नॉन इंटरलॉकिंग से बदलेंगे ट्रेनों के रूट, घर से निकलने के पहले यहां चेक करें

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में युवाओं का रुझान नौकरी के साथ स्टार्टअप पर ले जाने के लिए कौशल विकास मिशन की ओर से नई स्टार्टअप नीति 2023 के तहत 169 निजी संस्थाओं का चयन किया गया है. यह संस्थाएं उत्तर प्रदेश में युवाओं के रुझान को देखते हुए उन्हें स्टार्टअप शुरू करने के लिए परीक्षण दिलाने का काम करेंगी. चयनित सभी संस्थाओं को सितंबर से प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित केंद्रों पर शुरू करना होगा. इस संबंध में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी ने आदेश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बताया कि 'इससे देश भर में निजी संस्थाओं से उत्तर प्रदेश में निवेश के साथ ही स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू कर युवाओं को स्टार्टअप से जोड़ने की पहल की जा रही है.'

युवाओं को स्टार्टअप की ट्रेनिंग
युवाओं को स्टार्टअप की ट्रेनिंग



निदेशक ने बताया कि 'सभी चयनित 169 संस्थान स्टार्टअप प्रशिक्षण नीति 2023 के अंतर्गत प्रदेश के युवाओं को निखारने के साथ ही उन्हें स्टार्टअप शुरू करने के लिए ट्रेंड करेंगे. राज्य कार्यकारिणी समिति से अनुमोदन मिलने के बाद इन सभी निजी संस्थाओं को इसी वर्ष सितंबर से प्रदेश में अपने-अपने केंद्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देने के प्रोग्राम को शुरू करना है. निदेशक ने बताया कि स्टार्टअप ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए कुल 233 संस्थाओं ने आवेदन किए थे. इसके पहले चरण में प्राप्त सभी 233 आवेदनों का प्रवेश करने के बाद उनमें से 169 आवेदक संस्थाओं को प्रदेश की नीति के अनुसार पाया गया. इसके अतिरिक्त 12 आवेदक संस्थाओं के आवेदनों में कुछ कमियां पाई गईं, जिसके निराकरण के लिए उन्हें एक अवसर प्रदान किया गया, वहीं आवेदक संस्थाओं के आवेदकों को मानक की पूर्ति नहीं किए जाने के कारण उनके आवेदन को निरस्त कर दिया गया था.'

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी ने बताया कि 'चयनित संस्थाओं द्वारा प्रदान किए प्रशिक्षण की गुणवत्ता औद्योगिक मांग के अनुरूप होगी. जिसका लाभ प्रशिक्षित युवाओं को सेवायोजन के माध्यम से दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत फ्लेक्सी कॉरपोरेट पार्टनर के तौर पर बड़ी निजी संस्थाओं को जोड़कर अपने आईटीआई या अन्य केंद्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराता है. क्योंकि यह स्टार्टअप के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम है, इसलिए छोटे निजी संस्थान को भी आमंत्रित किया गया था. इस बार जो व्यवस्था बनाई गई है उसके तहत स्टार्टअप ट्रेनिंग पार्टनर कौशल विकास केंद्र या आईटीआई नहीं होंगे, बल्कि उनके द्वारा खुद के सेंटर खोलकर युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के 20 अगस्त तक पूरा होने की संभावना है. एमओयू होने के बाद हर एक संस्था से कम से कम ढाई सौ छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इन संस्थाओं द्वारा छात्रों को 3 से 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.'

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