लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है. योगी सरकार भले ही संक्रमण की रोकथाम के तमाम दावे कर रही हो, पर लगातार हो रहीं मौतें सरकार के दावों की पोल खोल रहीं हैं. हालात इतने भयावह हैं कि भारी संख्या में मरीजों को अस्पताल में ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहे हैं. सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ने वाले मरीजों का अंतिम संस्कार करना भी बड़ी चुनौती बन गई है. परिजनों को श्मशान घाट या कब्रिस्तान में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसा ही नजारा सोमवार की रात राजधानी स्थित घाटों पर देखने को मिला. जहां श्मशान स्थलों पर देर रात अंतिम संस्कार के लिए 165 शव पहुंचे.
तीन घाटों पर पहुंचे 165 शव
सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो सोमवार देर शाम प्राप्त रिपोर्ट में 4,566 नए कोविड संक्रमित पाए गए, जबकि 21 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई है. यदि जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो सोमवार देर रात तक राजधानी के भैसा कुंड घाट पर 85 शव, गुलाला घाट पर 55 शव और आलमबाग स्थित श्मशान घाट पर 25 से अधिक शव आए, जिनका देर रात तक अंतिम संस्कार होता रहा.
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मास्क न पहनने पर 76 व्यक्तियों से वसूला गया जुर्माना
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी के निर्देश पर सार्वजनिक स्थलों पर कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने पर 76 व्यक्तियों पर कार्रवाई करते हुए उनसे 7,590 रुपये का जुर्माना वसूला गया. इसके साथ ही मोहल्ला निगरानी समिति ने बाहर से आए हुए लोगों के बारे में नगर निगम को अवगत कराया. वॉर्ड निगरानी समितियों ने 102 ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जो बाहर से आए थे और उनमें सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षण थे. अब नगर निगम इन सभी संदिग्ध व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराएगा. यदि किसी में संक्रमण मिलता है तो उनका समुचित उपचार कर उनको राहत दी जाएगी.
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लखनऊ नगर निगम ने राजधानी से संक्रमण के खात्मे के लिए अभियान चलाया है. अभियान के तहत प्रत्येक गली मोहल्लों में नगर निगम की गाड़ियां सेनिटाइजेशन का काम कर रही हैं.