लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांव में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए बड़ी पहल की है. देश के इतिहास में उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बना है, जिसने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के सालाना बजट को करीब दोगुना कर दिया है. सीएम योगी ने मनरेगा के बजट को 8500 करोड़ सालाना से बढ़ाकर 15 हजार करोड़ करने के निर्देश दिए हैं. बढ़े बजट की वजह से गांव में मनरेगा के तहत हर हाथ को काम मिलना संभव हो सकेगा. अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने इस सम्बंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है.
बजट बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार लिखा पत्र
दरअसल वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत 26 करोड़ मानव दिवस कार्य सृजित होने का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को मिला था. कोराना काल में श्रमिकों की संख्या बढ़ी तो इसकी समीक्षा करते हुए 35 करोड़ श्रमिक दिवस किया गया. इसके सापेक्ष्य राज्य ने 32. 66 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य पूरा किया. अब इसे 45 करोड़ मानव दिवस करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपये चाहिए. लिहाजा राज्य सरकार ने केंद्र से मनरेगा के बजट को बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है.
यूपी में सबसे अधिक 85 लाख परिवारों को मिला रोजगार
यूपी में पिछले साल देश में सबसे ज्यादा मनरेगा में 85 लाख परिवारों के एक करोड़ चार लाख 70 हजार से ज्यादा श्रमिकों को काम दिया गया था. जो प्रदेश के इतिहास में रिकॉर्ड है. जबकि वर्ष 2019-2020 में 53.15 लाख परिवारों को काम मिला था. इसमें राज्य के 74 जिलों में मनरेगा में काम पाने वाले 32 लाख परिवार पिछले साल बढ़े हैं. सीएम योगी ने कोरोना के दौरान दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों को मनरेगा में काम देने के लिए आदेश दिया था.
20 लाख श्रमिकों को 100 दिन का काम
मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले 20 लाख से अधिक श्रमिकों को नए साल में श्रम विभाग में पंजीकरण कराने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है. राज्य के श्रम विभाग में पंजीकृत होने वाले श्रमिकों और उनके परिवार को 17 योजनाओं का लाभ मिलेगा. इससे सूबे के 20 लाख श्रमिकों के जीवन में बदलाव आएगा.
श्रमिकों को मिलेगा 17 योजनाओं का लाभ
श्रम विभाग में पंजीकृत होने के बाद हर श्रमिक परिवार को श्रमिक मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, शिशु हित लाभ योजना, निर्माण कामगार बालिका मदद योजना, भोजन सहायता योजना, चिकित्सा सुविधा योजना, कन्या विवाह योजना और आवास सहायता योजना समेत 17 योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. मनरेगा के अपर आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि विभाग ने 100 दिन काम करने वाले 20 लाख श्रमिकों को 31 मार्च तक श्रम विभाग में पंजीकृत कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसे तय समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
पिछले सालों में यह रहा बजट
- वर्ष 2016-17 में 15 करोड़ मानव दिवस के लिए 4350 करोड़ रुपये.
- वर्ष 2017-18 में 18 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल 5250 करोड़ रुपये.
- वर्ष 2018-19 में 20 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल 5833.33 करोड़.
- वर्ष 2019-20 में 25 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल 7583.33 करोड़ रुपये.
- वर्ष 2020-21 में 35 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल अबतक कुल 11725 करोड़.