लखनऊ : राजधानी स्थित केजीएमयू में 13वां लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है. इसमें 3डी तकनीक के आधार पर ऑपरेशन प्रक्रिया पूरी की गई है. इस तकनीक के जरिए पहले कम्प्यूटरीकृत मशीन पर ऑर्गन रिट्रीवल व ट्रांसप्लांट प्लान किया गया. इसके बाद डोनर और मरीज को ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट करके प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी की गई. जिस युवक को लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है उसके छोटे भाई ने लिवर डोनेट किया है.
बता दें कि लखनऊ के आलमबाग निवासी 28 वर्षीय युवक 3 साल से बीमार था. वह लिवर सिरोसिस की समस्या से पीड़ित था. इस मरीज को पीलिया भी था. मरीज का प्लेटलेट्स काउंट बहुत कम हो गया था.
नाजुक हालत में मरीज को केजीएमयू गेस्ट्रो सर्जरी विभाग लाया गया था. जिसके बाद केजीएमयू के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने मरीज का इलाज शुरू किया था. डॉ. अभिजीत ने मरीज को लिवर प्रत्यारोपण की सलाह दी थी. जिसके बाद मरीज के छोटे भाई ने लिवर दान करने की सहमति जताई थी.
केजीएमयू का यह 13वां लीवर ट्रांसप्लांट है, ऐसे केस में यहां 90 फीसद से अधिक की सफलता दर रही है. यह आंकड़ा दुनिया के टॉप संस्थानों के बराबर है. वहीं केजीएमयू बहु-अंग दान करने वाला यूपी का एकमात्र संस्थान भी रहा है. नई दिल्ली के एम्स और एआरएमवाई आर एंड आर अस्पताल आदि संस्थानों में केजीएमयू के सहयोग से 50 से अधिक अंगों को जरूरतमंद रोगियों में प्रत्यारोपित किया गया है.
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इन डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन
लीवर ट्रांसप्लांट केस में सर्जरी टीम का नेतृत्व गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. अभिजीत चंद्रा और डॉ. विवेक गुप्ता ने किया. अन्य डॉक्टरों में गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. संदीप कुमार, गैस्ट्रोमेडिसिन से डॉ. सुमित रूंगटा, एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. जीपी सिंह, डॉ. मोहम्मद परवेज, डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. रति प्रभा ने सहयोग प्रदान किया.
इसके अलावा डॉ. एसएन संखवार, डॉ. आरएन श्रीवास्तव, डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. नीरा कोहली, डॉ. अतिन सिंघई, डॉ. अविनाश अग्रवाल, डॉ. एसके द्विवेदी, डॉ. गौरव चौधरी, डॉ. डी हिमांशु, डॉ. अजय कुमार, डॉ. दिव्या मेहरोत्रा आदि 100 लोगों का स्टाफ मौजूद था. ट्रांसप्लांट करने का आपरेशन लगभग 12 घंटे तक चला. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद फिलहाल मरीज और डोनर की हालत स्थिर है.