लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना वायरस (Corona Viras) का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है. प्रदेश के कई जिले कोविड-19 (Covid-19) से मुक्त हो चुके हैं. वहीं, राज्य के अधिकांश जिलों में डेंगू, बुखार (dengue fever) और वायरल फीवर (viral fever) का प्रकोप जारी है. इन वायरल इनफेक्शन के अधिकांश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रिपोर्ट किए गए हैं. कई जिलों में स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस जैसे बैक्टीरिया भी हमला कर रहे हैं. अस्पतालों की ओपीडी में हजारों की तादाद में बुखार (Fiver) के मरीज पहुंच रहे हैं. इनमें से 129 संदिग्ध लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है.
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद (Additional Chief Secretary Health Amit Mohan Prasad) के मुताबिक, राज्य में कोरोना का प्रकोप नियंत्रण में है. वहीं, डेंगू अब पैर पसार रहा है. ऐसे में सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है. बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है. गुरुवार को 14 जिलों में 129 डेंगू के मामले पाए गए हैं. इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश में जनवरी से अब तक 700 से अधिक डेंगू के केस रिपोर्ट किए गए हैं.
राजधानी में डेंगू की जांच की पुख्ता व्यवस्था नहीं है. इससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. आलम यह है कि डेंगू में कार्ड टेस्ट को कंफर्मेटिव टेस्ट नहीं माना गया. मसलन, इसमें पॉजिटिव आने पर भी डेंगू का केस नहीं माना जाएगा. उधर, एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट में दो दिन का वक्त लग रहा है.
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शहर के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 200 से 300 बुखार पीड़ित आ रहे हैं. इनमें 100 से अधिक मरीजों की डेंगू के लक्षणों के आधार पर जांच कराई जा रही है. बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु, महानगर भाऊराव देवरस और रानी लक्ष्मीबाई समेत दूसरे किसी भी सरकारी अस्पताल में डेंगू की एलाइजा जांच की सुविधा नहीं है. सिर्फ कार्ड से रैपिड जांच हो रही है. इसमें पुष्टि के बाद नमूने स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित स्टेट लैब में भेजा जा रहा है. यहां प्रदेश भर से डेंगू जांच के लिए नमूने आ रहे हैं. काम का दबाव अधिक होने से नमूनों की जांच में वक्त लग रहा है. दो दिन बाद रिपोर्ट आ रही है. वहीं, लोहिया, केजीएमयू, एसजीपीजीआई में शुल्क लग रहा है. वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर का कहना है कि फिरोजाबाद में हुई अधिकांश मौतों की वजह डेंगू बुखार (D2) है.
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