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लखनऊ में 121 अवैध प्लाटिंग, अभियान चलाकर होगा ध्वस्तीकरण

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 121 अवैध प्लाटिंग (121 illegal plotting in Lucknow) चिन्हित की गई हैं. इन पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Apr 26, 2023, 7:17 AM IST

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लखनऊ: लखनऊ में सरकारी भूमि पर कब्जा करके अवैध प्लाटिंग/निर्माण करने वाले भू-माफियाओं पर शिकंजा कसेगा. इसके लिए एलडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जोनवार सर्वे करके इस तरह के अवैध कब्जों को चिन्हित करेगी. इसके आधार पर अभियान चलाकर अवैध कालोनियों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ रोशन जैकब ने मंगलवार को प्राधिकरण भवन में हुई बैठक में इस बाबत आदेश जारी किये.

बैठक के दौरान मण्डलायुक्त द्वारा सर्वप्रथम अवैध निर्माणों/प्लाटिंग के खिलाफ विगत एक माह में की गयी सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जोनवार समीक्षा की गई. इसमें प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि बीते दिनों कराये गये सर्वे में 121 अवैध प्लाटिंग चिन्हित की गयी हैं. इनमें से 50 से अधिक अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करायी गयी है और यह अभियान निरंतर जारी है. उपाध्यक्ष ने बताया कि मोहनलालगंज और गोसाईंगंज क्षेत्र में किये गये सर्वे में यह भी पाया गया कि कुछ विकासकर्ताओं द्वारा चकरोड, तालाब, बंजर व ग्राम समाज आदि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके प्लाटिंग का कार्य कराया जा रहा हैै.

लखनऊ में 121 अवैध प्लाटिंग (121 illegal plotting in Lucknow) को लेकर मण्डलायुक्त ने आदेश दिये कि एलडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जोनवार सर्वे करके इस तरह के अवैध कब्जों को चिन्हित करके इनके खिलाफ वृह्द स्तर पर अभियान चलाये. उन्होंने जोनल अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि सीलिंग आदेश के सापेक्ष जितने भी अवैध भवन सील किये गये हैं. उनमें अगर निर्माण होता मिला तो सम्बंधित फील्ड अफसर पर कार्यवाही के साथ ही जोनल अधिकारियों की भी जवाबदेही निर्धारित की जाएगी. उन्होंने निर्देश दिये कि सीलिंग के उपरांत पुलिस अभिरक्षा में दिये गये अवैध निर्माणों की नियमित रूप से निगरानी के लिए पुलिस कमिश्नर को पत्र प्रेषित किया जाए और इसमें सील भवनों की सूची भी संलग्न की जाए.

मण्डलायुक्त ने कहा कि सील तोड़कर अवैध निर्माण कराने के जिन प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा एफआईआर दर्ज करवायी गयी है, उनमें जांच व की गयी कार्यवाही का ब्योरा भी पुलिस विभाग से प्राप्त किया जाए. उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त जोनल अधिकारियों को दो-दो आर्मड होमगार्ड उपलब्ध कराये जाएं, जिससे कि फील्ड पर प्रवर्तन की कार्यवाही के दौरान किसी तरह की अड़चन न आए.

प्राधिकरण के नाम पर जन सामान्य से अवैध वसूली की शिकायतों को लेकर मण्डलायुक्त ने उपाध्यक्ष को निर्देशित किया कि इस तरह के प्रकरणों की शिकायत हेतु एक मोबाइल नंबर जारी किया जाए, जिससे कि लोग अवैध वसूली की शिकायत दर्ज करा सकें. साथ ही इस तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत जांच कराकर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए. बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार व अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत सभी जोनल अधिकारी उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें-डीजीपी ने की आकस्मिक चेकिंग, परेड में 25 जिलों के पुलिस अधिकारी नदारद मिले

लखनऊ: लखनऊ में सरकारी भूमि पर कब्जा करके अवैध प्लाटिंग/निर्माण करने वाले भू-माफियाओं पर शिकंजा कसेगा. इसके लिए एलडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जोनवार सर्वे करके इस तरह के अवैध कब्जों को चिन्हित करेगी. इसके आधार पर अभियान चलाकर अवैध कालोनियों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष/मण्डलायुक्त डाॅ रोशन जैकब ने मंगलवार को प्राधिकरण भवन में हुई बैठक में इस बाबत आदेश जारी किये.

बैठक के दौरान मण्डलायुक्त द्वारा सर्वप्रथम अवैध निर्माणों/प्लाटिंग के खिलाफ विगत एक माह में की गयी सीलिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जोनवार समीक्षा की गई. इसमें प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि बीते दिनों कराये गये सर्वे में 121 अवैध प्लाटिंग चिन्हित की गयी हैं. इनमें से 50 से अधिक अवैध प्लाटिंग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करायी गयी है और यह अभियान निरंतर जारी है. उपाध्यक्ष ने बताया कि मोहनलालगंज और गोसाईंगंज क्षेत्र में किये गये सर्वे में यह भी पाया गया कि कुछ विकासकर्ताओं द्वारा चकरोड, तालाब, बंजर व ग्राम समाज आदि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके प्लाटिंग का कार्य कराया जा रहा हैै.

लखनऊ में 121 अवैध प्लाटिंग (121 illegal plotting in Lucknow) को लेकर मण्डलायुक्त ने आदेश दिये कि एलडीए, नगर निगम व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम जोनवार सर्वे करके इस तरह के अवैध कब्जों को चिन्हित करके इनके खिलाफ वृह्द स्तर पर अभियान चलाये. उन्होंने जोनल अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि सीलिंग आदेश के सापेक्ष जितने भी अवैध भवन सील किये गये हैं. उनमें अगर निर्माण होता मिला तो सम्बंधित फील्ड अफसर पर कार्यवाही के साथ ही जोनल अधिकारियों की भी जवाबदेही निर्धारित की जाएगी. उन्होंने निर्देश दिये कि सीलिंग के उपरांत पुलिस अभिरक्षा में दिये गये अवैध निर्माणों की नियमित रूप से निगरानी के लिए पुलिस कमिश्नर को पत्र प्रेषित किया जाए और इसमें सील भवनों की सूची भी संलग्न की जाए.

मण्डलायुक्त ने कहा कि सील तोड़कर अवैध निर्माण कराने के जिन प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा एफआईआर दर्ज करवायी गयी है, उनमें जांच व की गयी कार्यवाही का ब्योरा भी पुलिस विभाग से प्राप्त किया जाए. उन्होंने निर्देश दिये कि समस्त जोनल अधिकारियों को दो-दो आर्मड होमगार्ड उपलब्ध कराये जाएं, जिससे कि फील्ड पर प्रवर्तन की कार्यवाही के दौरान किसी तरह की अड़चन न आए.

प्राधिकरण के नाम पर जन सामान्य से अवैध वसूली की शिकायतों को लेकर मण्डलायुक्त ने उपाध्यक्ष को निर्देशित किया कि इस तरह के प्रकरणों की शिकायत हेतु एक मोबाइल नंबर जारी किया जाए, जिससे कि लोग अवैध वसूली की शिकायत दर्ज करा सकें. साथ ही इस तरह की शिकायत मिलने पर तुरंत जांच कराकर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए. बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार व अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत सभी जोनल अधिकारी उपस्थित रहे.

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