लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का पालन बिजली विभाग में बेहतर तरीके से किया जा रहा है. मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हो तो तत्काल कार्रवाई की जा रही है. कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा रहा है. लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी निलंबन की गाज गिर रही है. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं के साथ बेहतर तरीके से पेश न आने वाले अधिकारियों पर एक्शन ले रहा है. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा का कहना है कि बीते एक माह की ही बात करें तो दर्जनों कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है कई अधिकारी निलंबित किए गए हैं और तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है.
ऊर्जा मंत्री ने लिया सख्त एक्शन. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विभाग के हित में किए जा रहे कार्यों को बोझ समझने वाले और बेईमानीपूर्ण कार्यों से विभाग का बंटाधार करने वाले दोषी कर्मियों पर व्यापक कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि पिछले माह में दी गई चेतावनी के बाद भी अपनी कार्यशैली में सुधार न करने वाले कार्मिकों में 12 को बर्खास्त, 12 को निलंबित व अनेकों का तबादला किया गया है, जिसमें पूर्वांचल में आठ, मध्यांचल में छह, दक्षिणांचल में तीन सहित 12 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर उनकी सेवाएं समाप्त की गई. इनमे एक अधिशासी अभियंता (EE) को निलंबित किया गया. छह अवर अभियंता (AE) को निलंबित किया गया. तीन टीजी-2 को निलंबित किया गया. एक उपखण्ड अधिकारी (SDO) को निलंबित किया गया. एक संविदा कर्मी को भी निलंबित किया गया. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने से ही विद्युत व्यवस्था में सुधार किया जा सकता है. ईमानदारी से कार्य करने वालों की हमेशा सराहना होगी, तो वहींं कार्य में बाधा डालने या भ्रष्टाचार से विभाग की बदनामी कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय है. ये भी पढ़ेंः UP Power Corporation : फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने पर मुहर लगी तो बढ़ जाएंगी बिजली दरेंये भी पढे़ंः नियामक आयोग दे सकता है उपभोक्ताओं को बड़ी राहत? जानें क्या है पूरा मामला