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यूपी में डेंगू के 110 नए मरीज, केजीएमयू में भर्ती प्रक्रिया रद्द

यूपी में डेंगू का प्रकोप जारी है. पिछले 24 घंटे में 110 नए मरीज मिले हैं. इनमें से लखनऊ के 26 मरीज हैं. वहीं, राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारियां भी बढ़ रही हैं. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस और डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है.

डेंगू का कहर.
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Published : Sep 25, 2021, 10:07 AM IST

लखनऊ: यूपी में डेंगू का प्रकोप जारी है. पिछले 24 घंटे में 110 नए मरीज मिले हैं. इनमें से लखनऊ के 26 मरीज हैं. साथ ही 44 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है. वहीं, केजीएमयू में दिव्यांग आरक्षण में गड़बड़ी करने पर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई है. वहीं, राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप जारी है. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हजारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं, अब मरीजों की संख्या 6598 हो गई है.

संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक, स्क्रबटाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस बैक्टीरिया है. इसका बुखार ज्यादा दिन रहने पर ब्रेन पर असर करता है. ऐसे में वयस्क को डॉक्सीसाइक्लिन और बच्चों को एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक डॉक्टर से परामर्श कर दें. वहीं, बारिश की समाप्ति के एक माह बाद तक डेंगू का खतरा रहता है. ऐसे में आशंका है कि नवंबर के पहले सप्ताह तक ज्यादा सतर्क रहना होगा. उधर, पैर पसार रहे डेंगू को लेकर सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है. बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है.

जान ले रहा डी-टू स्ट्रेन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकतर मौतें डेंगू के डी-टू स्ट्रेन के कारण होने का दावा किया है. उन्‍होंने बताया क‍ि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्‍लीड‍िंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट्स काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.

बुखार को हल्के में न लें

किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.

डेंगू के प्रकार

टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.

इसे भी पढ़ें: पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का अजब कारिस्तानी: मार्कशीट में नंबर की जगह लिख दिया कांग्रेस

केजीएमयू में भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ हुई थी शिकायत

केजीएमयू के शिक्षकों की नियुक्ति में दिव्यांगजन आरक्षण संबंधी नियमों की अनदेखी की गई. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से की गई. साथ ही मामला न्यायालय भी पहुंच गया थ. इसके बाद अब केजीएमयू ने अपना भर्ती विज्ञापन रद्द कर दिया. विश्वविद्यालय में 10 जनवरी 2020 को एनॉटमी, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ, पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री, पैथालॉजी और फॉर्माकोलॉजी विभाग के विभिन्न पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था. इन विभाग में भर्ती प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार हो चुके हैं. कार्य परिषद में इसके लिफाफे खोले जाने थे. मामला न्यायालय पहुंचने के बाद आनन-फानन में विवि प्रशासन ने कार्य परिषद सदस्यों से संपर्क साधा. सभी सदस्यों से सहमति मिलने के बाद केजीएमयू ने अपना भर्ती विज्ञापन रद्द कर दिया है. केजीएमयू कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का आदेश जारी किया है. अब नए सिरे से भर्ती होगी.

लखनऊ: यूपी में डेंगू का प्रकोप जारी है. पिछले 24 घंटे में 110 नए मरीज मिले हैं. इनमें से लखनऊ के 26 मरीज हैं. साथ ही 44 घरों में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया है. वहीं, केजीएमयू में दिव्यांग आरक्षण में गड़बड़ी करने पर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई है. वहीं, राज्य में मच्छरजनित और बैक्टीरियल बीमारी का प्रकोप जारी है. जलभराव और गंदगी से स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस व डेंगू-मलेरिया भयावह हो रहा है. हजारों मरीज बुखार से कराह रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 12 सितम्बर तक 58 जिलों में कुल 2,073 केस रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं, अब मरीजों की संख्या 6598 हो गई है.

संचारी रोग निदेशक मेजर डॉ. जीएस बाजपेयी के मुताबिक, स्क्रबटाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस बैक्टीरिया है. इसका बुखार ज्यादा दिन रहने पर ब्रेन पर असर करता है. ऐसे में वयस्क को डॉक्सीसाइक्लिन और बच्चों को एजिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक डॉक्टर से परामर्श कर दें. वहीं, बारिश की समाप्ति के एक माह बाद तक डेंगू का खतरा रहता है. ऐसे में आशंका है कि नवंबर के पहले सप्ताह तक ज्यादा सतर्क रहना होगा. उधर, पैर पसार रहे डेंगू को लेकर सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है. अस्पतालों में इलाज की मुफ्त व्यवस्था की गई है. बुखार के मरीजों का घर-घर सर्वे किया जा रहा है.

जान ले रहा डी-टू स्ट्रेन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने यूपी के फिरोजाबाद जिले में अधिकतर मौतें डेंगू के डी-टू स्ट्रेन के कारण होने का दावा किया है. उन्‍होंने बताया क‍ि यह स्ट्रेन बहुत घातक होता है और जानलेवा है. यह अक्सर ब्‍लीड‍िंग का कारण बनता है. इसके अलावा यह प्लेटलेट्स काउंट को भी तेजी से प्रभावित करता है. यह स्ट्रेन मथुरा और आगरा में भी पाया गया है.

बुखार को हल्के में न लें

किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.

डेंगू के प्रकार

टाइप-1 सामान्य डेंगू : इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर : इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं, शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप-3 डेंगू शॉक सिंड्रोम : इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. इससे व्यक्ति शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण

तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द व कमजोरी लगना, भूख न लगना, मरीज का जी मिचलाना, चेहरे, गर्दन, चेस्ट पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना. वहीं, डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना.

ऐसे करें डेंगू से बचाव

घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी, सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.

इसे भी पढ़ें: पूर्वांचल यूनिवर्सिटी का अजब कारिस्तानी: मार्कशीट में नंबर की जगह लिख दिया कांग्रेस

केजीएमयू में भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ हुई थी शिकायत

केजीएमयू के शिक्षकों की नियुक्ति में दिव्यांगजन आरक्षण संबंधी नियमों की अनदेखी की गई. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री और राज्यपाल से की गई. साथ ही मामला न्यायालय भी पहुंच गया थ. इसके बाद अब केजीएमयू ने अपना भर्ती विज्ञापन रद्द कर दिया. विश्वविद्यालय में 10 जनवरी 2020 को एनॉटमी, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ, पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री, पैथालॉजी और फॉर्माकोलॉजी विभाग के विभिन्न पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था. इन विभाग में भर्ती प्रक्रिया के तहत साक्षात्कार हो चुके हैं. कार्य परिषद में इसके लिफाफे खोले जाने थे. मामला न्यायालय पहुंचने के बाद आनन-फानन में विवि प्रशासन ने कार्य परिषद सदस्यों से संपर्क साधा. सभी सदस्यों से सहमति मिलने के बाद केजीएमयू ने अपना भर्ती विज्ञापन रद्द कर दिया है. केजीएमयू कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का आदेश जारी किया है. अब नए सिरे से भर्ती होगी.

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