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लखनऊ: पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत, हिंदू-मुस्लिमों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 101 वां उर्स ए आला हजरत दारुल उलूम पहली बार आयोजित किया गया. इस अवसर पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने आला हजरत के बारे में कुछ अहम बातों का जिक्र किया.

पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत.
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Published : Oct 25, 2019, 7:59 AM IST

लखनऊ: आला हजरत की वफात गुरुवार को पहली बार लखनऊ दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान नगर तेलीबाग में मनाया गया. इस मौके पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने इस बारे में अहम बातों का जिक्र किया.

पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत.

101 वें उर्स-ए-आला हजरत दारुल उलूम
101 वां उर्स ए आला हजरत दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान तेली बाग में मनाया गया. इस मौके पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने बताया कि आला हजरत सरकार रूहानी इल्म के चश्मदीद थे. उन्होंने 68 साल की जिंदगी में 156 से ज्यादा विषयों में करीब 1000 किताबें लिखीं. आला हजरत दुनिया की करीब 120 भाषाएं जानते थे. इसी तरह उन्होंने भाईचारे का पैगाम दुनिया को दिया. इस दौरान उर्स में हिंदू-मुस्लिमों सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. शेर मोहम्मद खान बरकाती ने बताया कि ये कार्यक्रम पहली बार लखनऊ में मनाया जा रहा है.

लखनऊ: आला हजरत की वफात गुरुवार को पहली बार लखनऊ दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान नगर तेलीबाग में मनाया गया. इस मौके पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने इस बारे में अहम बातों का जिक्र किया.

पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत.

101 वें उर्स-ए-आला हजरत दारुल उलूम
101 वां उर्स ए आला हजरत दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान तेली बाग में मनाया गया. इस मौके पर शेर मोहम्मद खान बरकाती ने बताया कि आला हजरत सरकार रूहानी इल्म के चश्मदीद थे. उन्होंने 68 साल की जिंदगी में 156 से ज्यादा विषयों में करीब 1000 किताबें लिखीं. आला हजरत दुनिया की करीब 120 भाषाएं जानते थे. इसी तरह उन्होंने भाईचारे का पैगाम दुनिया को दिया. इस दौरान उर्स में हिंदू-मुस्लिमों सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. शेर मोहम्मद खान बरकाती ने बताया कि ये कार्यक्रम पहली बार लखनऊ में मनाया जा रहा है.

Intro:रूहानी इल्म के चश्मदीद थे आला हजरत सरकारः मुफ्ती शेर मोहम्मद जामिया वारसिया गोमती नगर लखनऊ


Body:लखनऊ आला हजरत की वफात आज गुरुवार को पहली बार लखनऊ दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान नगर तेलीबाग में मनाया गया इस अवसर पर मुफ्ती शेर मोहम्मद जामिया वारसिया गोमती नगर लखनऊ मैं आला हजरत के बारे में बताया की आला हजरत में अपने 68 साला जिंदगी में 156 से अधिक विषय में करीब 1000 किताबें लिखी आला हजरत दुनिया के करीब 120 जवानों का एल्बम था उन्होंने भाईचारे का पैगाम दुनिया को दिया इस प्रोग्राम में हिंदू मुस्लिमों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और आला हजरत के सपने को साकार करने के लिए प्रोग्राम बनाया गया


Conclusion:101 वां उर्स ए आला हजरत दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा रमजान तेरी नगर में मनाया गया इस अवसर पर भारी संख्या में हिंदू मुस्लिम मराठी के लोग मौजूद रहे जामिया वर्षा गोमती नगर लखनऊ के मौलाना मुफ्ती शेर मोहम्मद ने बताया किया प्रोग्राम लखनऊ में पहली बार मनाया जा रहा है
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