लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज मयंक त्रिपाठी ने लाखों के नकली नोट के साथ गिरफ्तार किए गए अभियुक्त निजामुद्दीन अंसारी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सरकारी वकील सुरेश चंद्र यादव के मुताबिक, 25 मई 2016 को अभियुक्त को चारबाग के रेलवे ऑफिसर्स रिटायरिंग रूम से गिरफ्तार किया गया था. अभियुक्त के पास से एक हजार रुपये के नकली नोट के पांच बंडल और 500 के नकली नोट के चार बंडल के साथ अन्य कीमत के भी नकली नोट बरामद किये गए थे. बरामद हुए सभी नकली भारतीय करेंसी सात लाख रुपये से अधिक की थी. अभियुक्त के पास से बड़ी मात्रा में सिम कार्ड भी बरामद हुए थे, जिनमें से कुछ विदेशों के थे. इसके खिलाफ थाना एटीएस में एफआईआर दर्ज हुई थी.
अभियुक्त की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए दलील दी गई थी कि उसे एटीएस द्वारा फर्जी फंसाया गया है और बरामदगी के दौरान दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया. लिहाजा बरामदगी को संदिग्ध माना जाना चाहिए. हालांकि एटीएस की ओर से पेश साक्ष्यों पर भरोसा करते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ पेश साक्ष्य संदेह से परे हैं व अभियोजन ने अपना केस साबित किया है.