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सोनभद्र: सामूहिक हत्याकांड में एसडीएम, सीओ समेत 10 अफसर निलंबित - up crime

यूपी के सोनभद्र के घेरावल में जमीनी विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या हो गई थी. इसके बाद सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को विधानसभा में  पेश की गई, जिस पर सरकार ने यह कार्रवाई की है.

सामूहिक हत्याकांड में 10 अफसर निलंबित.
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Published : Jul 19, 2019, 12:49 PM IST

लखनऊ: सोनभद्र के घेरावल में जमीन के विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या के बाद सरकार 10 अफसरों को निलंबित कर दिया है. इन अफसरों में उप जिलाधिकारी घेरावल, सीओ घोरावल, प्रभारी निरीक्षक घेरावल, बीट दरोगा, बीट कांस्टेबल, हल्का मुंशी, लेखपाल समेत 10 अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं. बता दें कि सोनभद्र के घेरावल में जमीनी विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या हो गई थी. इसके बाद सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट आ विधानसभा में शुक्रवार को पेश की गई, जिस पर सरकार ने यह कार्रवाई की है.

सामूहिक हत्याकांड में 10 अफसर निलंबित.
जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाईजांच रिपोर्ट में सामने आया है कि दोनों पक्षों के बीच 1955 से विवाद चल रहा है. शांति भंग की आशंका की पूर्व में कार्रवाई भी हो चुकी है. जांच में यह भी साबित हुआ है कि दोनों पक्षों में संघर्ष की संभावना होने के बावजूद पिछले 4 माह से एसडीएम और सीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. जिसके चलते यह घटना हुई है. लिहाजा, सरकार ने सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

जांच अधिकारी किए गए नामित
प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 17 जुलाई की घटना से पूर्व दोनों पक्षों के बीच जो भी आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं. उसमें जो भी चूक हुई है, उसकी जांच के लिए अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन को जांच अधिकारी नामित किया गया है. सरकार ने राजस्व अभिलेखों की गहनता से जांच करने के लिए पूर्व के राजस्व अधिकारियों का दायित्व निर्धारित करने के लिए एक तीन स्तरीय कमेटी बनाने का भी फैसला लिया है.

यह है जांच अधिकारी
अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन, कमिश्नर विंध्याचल मंडल, कमिश्नर वाराणसी मंडल समेत राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए प्रमुख सचिव श्रम और विंध्याचल मंडल के कमिश्नर को सदस्य नामित किया गया है.

लखनऊ: सोनभद्र के घेरावल में जमीन के विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या के बाद सरकार 10 अफसरों को निलंबित कर दिया है. इन अफसरों में उप जिलाधिकारी घेरावल, सीओ घोरावल, प्रभारी निरीक्षक घेरावल, बीट दरोगा, बीट कांस्टेबल, हल्का मुंशी, लेखपाल समेत 10 अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं. बता दें कि सोनभद्र के घेरावल में जमीनी विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या हो गई थी. इसके बाद सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट आ विधानसभा में शुक्रवार को पेश की गई, जिस पर सरकार ने यह कार्रवाई की है.

सामूहिक हत्याकांड में 10 अफसर निलंबित.
जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाईजांच रिपोर्ट में सामने आया है कि दोनों पक्षों के बीच 1955 से विवाद चल रहा है. शांति भंग की आशंका की पूर्व में कार्रवाई भी हो चुकी है. जांच में यह भी साबित हुआ है कि दोनों पक्षों में संघर्ष की संभावना होने के बावजूद पिछले 4 माह से एसडीएम और सीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. जिसके चलते यह घटना हुई है. लिहाजा, सरकार ने सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

जांच अधिकारी किए गए नामित
प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 17 जुलाई की घटना से पूर्व दोनों पक्षों के बीच जो भी आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं. उसमें जो भी चूक हुई है, उसकी जांच के लिए अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन को जांच अधिकारी नामित किया गया है. सरकार ने राजस्व अभिलेखों की गहनता से जांच करने के लिए पूर्व के राजस्व अधिकारियों का दायित्व निर्धारित करने के लिए एक तीन स्तरीय कमेटी बनाने का भी फैसला लिया है.

यह है जांच अधिकारी
अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन, कमिश्नर विंध्याचल मंडल, कमिश्नर वाराणसी मंडल समेत राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए प्रमुख सचिव श्रम और विंध्याचल मंडल के कमिश्नर को सदस्य नामित किया गया है.

Intro:सामूहिक हत्याकांड में एसडीएम, सीओ समेत 10 अफसर निलंबित

नोट: अगर विधानसभा से दिलीप शुक्ला जी ने खबर फाइल की हो तो उसी को प्राथमिकता दी जाए। सहृदय धन्यवाद

लखनऊ। मिर्जापुर के घेरावल में जमीन के विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या के बाद सरकार 10 अफसरों को निलंबित करने का फैसला लिया है। इन अफसरों में उप जिलाधिकारी घेरावल, सीओ घोरावल, प्रभारी निरीक्षक घेरावल, बीट दरोगा, बीट कांस्टेबल, हल्का मुंशी, लेखपाल समेत 10 अधिकारी सस्पेंड किए गए हैं। बता दें कि मिर्जापुर के घेरावल में जमीन के विवाद में 10 लोगों की सामूहिक हत्या हो गई थी। इसके बाद सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट आज विधानसभा में रखी गई, जिस पर सरकार ने यह जानकारी दी है।


Body:जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि दोनों पक्षों के बीच 1955 से विवाद चल रहा है। शांति भंग की आशंका की पूर्व में कार्रवाई भी हो चुकी है। जांच में यह भी साबित हुआ है कि दोनों पक्षों में संघर्ष की संभावना होने के बावजूद पिछले 4 माह से एसडीएम और सीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते यह घटना हुई है। लिहाजा, सरकार ने सभी अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 17 जुलाई की घटना से पूर्व दोनों पक्षों के बीच जो भी आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं, उसमें जो भी चूक हुई है। उसकी जांच के लिए अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन को जांच अधिकारी नामित किया गया है। सरकार ने राजस्व अभिलेखों की गहनता से जांच करने के लिए पूर्व के राजस्व अधिकारियों का दायित्व निर्धारित करने के लिए एक तीन स्तरीय कमेटी बनाने का भी फैसला लिया है।





Conclusion:यह थे जांच अधिकारी

अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन, कमिश्नर विंध्याचल मंडल, कमिश्नर वाराणसी मंडल

राजस्व अभिलेखों की जांच के लिए प्रमुख सचिव श्रम और विंध्याचल मंडल के कमिश्नर को सदस्य नामित किया गया।
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