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ललितपुर: बुंदेलखंड के इस युवक ने चीन में योग का बजाया डंका - चीन में भारत के योग गुरु

यूपी के ललितपुर जिले के निवासी सोहन सिंह योग गुरु के रूप में चीन में अपनी पहचान बना चुके हैं. वह चीन के 9 अलग-अलग शहरों में योग सेंटर चला रहा हैं. सालों बाद ललितपुर लौटे सोहन ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की.

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ललितपुर के योग गुरु
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Published : Nov 29, 2019, 2:52 PM IST

ललितपुर: जिले के ग्राम बरखेड़ा में जन्मे सोहन सिंह योग गुरु के रूप चीन में अपना नाम बना चुके है. वे चीन के 9 अलग-अलग शहरों में योग सेंटर चला रहा हैं. सालों बाद अपने गृह जनपद लौटे सोहन सिंह ने चंद्र शेखर आजाद पार्क में अपने बचपन के साथियों के साथ योग किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि भारत में भी वह 30 योगा सेंटर खोलने की तैयारी में हैं, जिसकी बात भारत सरकार से चल रही है.

योग गुरु सोहन यादव से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

सोहन सिंह कंप्यूटर साइंस के थे प्रोफेसरः

  • सोहन सिंह यादव मूलरूप से बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के बरखेड़ा गांव के निवासी हैं.
  • किसी दौर में सोहन को दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था.
  • सोहन यादव के घर का मूल व्यवसाय खेती था.
  • सोहन की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई.
  • सागर विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री के दौरान उन्हें एक शिक्षक ने योग की जानकारी दी.
  • इसके बाद से योग सोहन के जीवन का अंग बन गया.
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद सोहन कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर के रूप में नौकरी करने के लिए चीन पहुंचे.
  • यहां वह पार्ट टाइम में योग की क्लास पढ़ाते थे.
  • उन्होंने चीन के 9 अलग-अलग शहरों में योग सेंटर खोल लिए हैं.
  • आज सोहन यादव चीन में योगगुरु के नाम से एक बड़ा नाम कमा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: ललितपुर: शिक्षा विभाग की उदासीनता, स्कूली बच्चों को नहीं मिले स्वेटर

योग गुरु सोहन यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमारे गुरुओं से जैसा योग मिला उस विधा को संसार मे आगे बढ़ाया जाए. चीन में योगा के 9 सेंटर हैं और 10वें का डेकोरेशन चल रहा है. भारत में 30 योगा सेंटर खोलने का प्लान है. भारत सरकार से बात चल रही है. कंप्यूटर साइंस की डिग्री करने के बाद विदेश जाना हुआ. विश्विद्यालय में कंप्यूटर प्रोफेसर रहने के दौरान पार्ट टाइम में योगा पढ़ाता था.

ललितपुर: जिले के ग्राम बरखेड़ा में जन्मे सोहन सिंह योग गुरु के रूप चीन में अपना नाम बना चुके है. वे चीन के 9 अलग-अलग शहरों में योग सेंटर चला रहा हैं. सालों बाद अपने गृह जनपद लौटे सोहन सिंह ने चंद्र शेखर आजाद पार्क में अपने बचपन के साथियों के साथ योग किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि भारत में भी वह 30 योगा सेंटर खोलने की तैयारी में हैं, जिसकी बात भारत सरकार से चल रही है.

योग गुरु सोहन यादव से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

सोहन सिंह कंप्यूटर साइंस के थे प्रोफेसरः

  • सोहन सिंह यादव मूलरूप से बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के बरखेड़ा गांव के निवासी हैं.
  • किसी दौर में सोहन को दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था.
  • सोहन यादव के घर का मूल व्यवसाय खेती था.
  • सोहन की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई.
  • सागर विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री के दौरान उन्हें एक शिक्षक ने योग की जानकारी दी.
  • इसके बाद से योग सोहन के जीवन का अंग बन गया.
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद सोहन कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर के रूप में नौकरी करने के लिए चीन पहुंचे.
  • यहां वह पार्ट टाइम में योग की क्लास पढ़ाते थे.
  • उन्होंने चीन के 9 अलग-अलग शहरों में योग सेंटर खोल लिए हैं.
  • आज सोहन यादव चीन में योगगुरु के नाम से एक बड़ा नाम कमा चुके हैं.

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योग गुरु सोहन यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हमारे गुरुओं से जैसा योग मिला उस विधा को संसार मे आगे बढ़ाया जाए. चीन में योगा के 9 सेंटर हैं और 10वें का डेकोरेशन चल रहा है. भारत में 30 योगा सेंटर खोलने का प्लान है. भारत सरकार से बात चल रही है. कंप्यूटर साइंस की डिग्री करने के बाद विदेश जाना हुआ. विश्विद्यालय में कंप्यूटर प्रोफेसर रहने के दौरान पार्ट टाइम में योगा पढ़ाता था.

Intro:एंकर- बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के ग्राम बरखेड़ा में एक गरीब परिवार में जन्मे सोहन सिंह का नाम आज से पहले आपने कभी सुना भी नही होगा.लेकिन सोहन सिंह योग गुरु के रूप नाम से चीन में अपना एक नाम बना चुके है.और बुंदेलखंड की माटी का लाल आज चीन के 9 अलग-अलग शहरों में सोहन योग सेंटर चला रहा हैं.सालों बाद सोहन सिंह ललितपुर लौटे जहाँ पर चंद्र शेखर आजाद पार्क में अपने बचपन के साथियों के साथ योग किया और ETV भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि उनका भारत मे भी 30 योगा सेंटर खोलने का प्लान है जिसकी बात भारत सरकार से चल रही है.


Body:वीओ-किसी ने सच कहा है कि 'जहां चाह वहां राह' इसका अर्थ है कि अगर मन में कुछ करने की चाहत और जज्बा हो,तो राह अपने आप खुल जाती है या फिर दूसरों में शब्दों में यह कहें कि 'करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान,रसरी आवत-जात के,सिल पर परत निशान'.ये दोहा भले ही रहीम दास ने दशकों पहले लिखा हो बुंदेलखंड के सपूत सोहन सिंह पर एकदम सटीक बैठता है,बता दे कि सोहन सिंह यादव मूलरूप से बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के एक छोटे से ग्राम बरखेड़ा के रहने वाले हैं किसी दौर में सोहन को दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था.सोहन यादव के घर का मूल व्यवसाय खेती था.जिससे केवल घर ही चलता था और ऊंची पढ़ाई के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था और सोहन की प्राथमिक शिक्षा गांव में ही हुई.जिसके बाद सागर विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री करने के पहुंचे, जहाँ पर उन्हें एक शिक्षक के द्वारा योग की पूर्ण जानकारी दी गई.जिसके बाद से ही योग सोहन के जीवन का अंग बन गया और पढ़ाई पुरी करने के बाद सोहन कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर के रूप में नौकरी करने के लिए चीन पहुंचे.जहाँ पर पार्ट टाइम में योग की क्लास पढ़ाते थे और समय के बदलाव के साथ चीन के 9 अलग-अलग शहरों में योग सेंटर खोलकर आज सोहन यादव चीन में योगगुरु के नाम से अपना एक बड़ा नाम कमा चुके है.


Conclusion:बाइट-वही योगगुरु सोहन यादव ने ETV भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि मैं सोहन योगा का संस्थापक हूँ.चीन में सोहन योगा के 9 सेंटर है, 10 वें का डेकोरेशन चल रहा है और चीन में एक काम ऐसा भी है कि एडवांस योगा में ज्यादा है और कोशिश है कि जैसा योग हमे मिला है हमारे गुरुओं से,उस विधा को संसार मे आगे बढ़ाया जाए.चीन में ठीक चल रहा है और भारत मे प्लान है 30 योगा सेंटर खोलने का भारत सरकार से बात चल रही है और देखते है इसमे आगे क्या हो सकता है.हमारा प्लान है जम्मू कश्मीर औऱ लदाख को मिला के,तो यदि सहयोग हमे सरकार का मिलता है तो हम शुरू करेंगे.वही बताया कि कंप्यूटर साइंस की डिग्री करने के बाद विदेश जाना हुआ.लेकिन योग हमेशा जीवन का हिस्सा रहा.कई जगह काम करने के बाद करीव 14 साल पहले चीन पहुंचा और वहाँ पर भी विश्विद्यालय में भी कंप्यूटर प्रोफेसर रहा लेकिन योगा मैं पार्ट टाइम पड़ता था.फिर एक समय आता है कि शेयर करना पड़ता है जिससे सभी का कुछ हो सके. चाहे वो शारिरिक बदलाव हो,मानसिक हो या आनंद की वर्षा हो.उसी हिसाब से फिर सोहन योगा का काम शुरू हुआ और दाल रोटी चल रही है.

बाइट-सोहन यादव (योगगुरु,चीन)



नोट-इस स्पेशल स्टोरी से संबंधित विसुअल wrap से up_lal_01_sohan_yoga_vis_byte_7203547 स्लग के साथ भेज दिए गए है कृपया संज्ञान ले।
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