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इस स्कूल में जान हथेली पर लेकर पढ़ाई करने को मजबूर विद्यार्थी, जानिए कौन है इसका जिम्मेदार - खंड शिक्षा अधिकारी नरेश रावत

ललितपुर में शिक्षा विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है. सौजना गांव प्राथमिक विद्यालय को जर्जर घोषित किए जाने के बाद भी अधिकारी उसका निर्माण व अस्थाई व्यवस्था नहीं करा रहे रहे हैं. इसका नतीजा यह की बच्चों को पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ रहा है.

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ललिलतपुर में प्राइमरी स्कूल की हालात
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Published : Aug 24, 2022, 5:05 PM IST

ललितपुरः विकासखंड महरौनी के सौजना गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर बनी हुई है. जगह-जगह दीवारों में दरारे आ चुकी हैं. कई बार ग्रामीणों, जनप्रतिनिधि और अध्यापक ने संबंधित अधिकारियों से शिकायत की. इसके बाद भी किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की गई. जिसकी वजह से यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है.

ललिलतपुर में प्राइमरी स्कूल की हालात

ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल पहले पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने विद्यालय को जर्जर घोषित किया था. इसके बाद भी विद्यालय भवन का नव निर्माण और अस्थाई व्यवस्था नहीं की गई. जिससे विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है. छात्रों का भविष्य ही नहीं, उनकी जिंदगी मौत के साए में नजर आ रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने पर खंड शिक्षा अधिकारी नरेश रावत ने आदेश जारी किया कि विद्यालय के कमरों में किसी छात्र को न बैठाएं. अगर अध्यापक व किसी छात्र को किसी प्रकार की क्षति होती है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी. इसीलिए अध्यापक पेड़ के नीचे कक्षाएं संचालित कर रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि अब बरसात के समय में पेड़ के नीचे कक्षा संचालन करना काफी खतरनाक हो सकता है. बरसात के समय में जगह-जगह आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं. अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में जारी किया कि विद्यालय परिसर में स्थित कमरे, बरामदा, रसोईघर, बाउंड्री वाल, मेन गेट आदि काफी जर्जर स्थिति में हैं, कभी भी गिर सकते हैं. इसके बाद भी विभागीय अधिकारी लापरवाह पूर्ण रवैया बच्चों के भविष्य व जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला साबित हो रहा है.

पढ़ेंः प्रिंसिपल से विवाद के कारण स्कूल में छात्रों को नहीं मिल रहा मिड डे मील

ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षा विभाग समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों से तमाम शिकायतें करने के बाद भी भवन की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है. सरकार परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने में कोई कमी नहीं कर रही है. विद्यालयों में भौतिक और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कायाकल्प योजना के माध्यम से भी रुपये पानी की तरह बहाया जा रहे हैं. इन सब के बाद भी कुछ सरकारी विद्यालयों की स्थिति खराब बनी हुई है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी को मौके का निरीक्षण करने भेजा है. जांच के बाद ही कुछ कार्रवाई होगी.

पढ़ेंः बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, क्लासरूम में सोती दिखीं प्रिसिंपल, Video Viral

ललितपुरः विकासखंड महरौनी के सौजना गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर बनी हुई है. जगह-जगह दीवारों में दरारे आ चुकी हैं. कई बार ग्रामीणों, जनप्रतिनिधि और अध्यापक ने संबंधित अधिकारियों से शिकायत की. इसके बाद भी किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की गई. जिसकी वजह से यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है.

ललिलतपुर में प्राइमरी स्कूल की हालात

ग्रामीणों का कहना है कि 2 साल पहले पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने विद्यालय को जर्जर घोषित किया था. इसके बाद भी विद्यालय भवन का नव निर्माण और अस्थाई व्यवस्था नहीं की गई. जिससे विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है. छात्रों का भविष्य ही नहीं, उनकी जिंदगी मौत के साए में नजर आ रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने पर खंड शिक्षा अधिकारी नरेश रावत ने आदेश जारी किया कि विद्यालय के कमरों में किसी छात्र को न बैठाएं. अगर अध्यापक व किसी छात्र को किसी प्रकार की क्षति होती है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी. इसीलिए अध्यापक पेड़ के नीचे कक्षाएं संचालित कर रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि अब बरसात के समय में पेड़ के नीचे कक्षा संचालन करना काफी खतरनाक हो सकता है. बरसात के समय में जगह-जगह आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं. अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में जारी किया कि विद्यालय परिसर में स्थित कमरे, बरामदा, रसोईघर, बाउंड्री वाल, मेन गेट आदि काफी जर्जर स्थिति में हैं, कभी भी गिर सकते हैं. इसके बाद भी विभागीय अधिकारी लापरवाह पूर्ण रवैया बच्चों के भविष्य व जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला साबित हो रहा है.

पढ़ेंः प्रिंसिपल से विवाद के कारण स्कूल में छात्रों को नहीं मिल रहा मिड डे मील

ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षा विभाग समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों से तमाम शिकायतें करने के बाद भी भवन की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है. सरकार परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने में कोई कमी नहीं कर रही है. विद्यालयों में भौतिक और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कायाकल्प योजना के माध्यम से भी रुपये पानी की तरह बहाया जा रहे हैं. इन सब के बाद भी कुछ सरकारी विद्यालयों की स्थिति खराब बनी हुई है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी को मौके का निरीक्षण करने भेजा है. जांच के बाद ही कुछ कार्रवाई होगी.

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