ललितपुर: आज के इस विकास के दौर में भी जिले में सहरिया बस्ती के लोग बदहाली की जिंदगी जीने को मजबूर हैं, जहां पिछली और मौजूदा सरकारों ने इनकी कोई सुध नहीं ली. वहीं जिला प्रशासन भी अब तक कुम्भकर्णी नींद सोया हुआ है.
झोपड़ियों में रहकर कर रहे हैं गुजारा
जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर ग्राम रोंडा में सहरिया बस्ती के लगभग 100 परिवार के लोग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं, जहां इन लोगों के पास कोई काम धंधा नहीं हैं. वहीं इन लोगों को नरेगा में भी काम नहीं दिया जाता है, जिसके चलते ये लोग लकड़ी और जड़ी-बूटी बेचकर झुग्गी-झोपड़ियों में रहकर अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रहे हैं.
निकलने तक के लिए नहीं है रास्ता
वर्षो से पक्की सड़कों और नालियों का निर्माण नहीं कराया गया है. इन लोगों के पास निकलने के लिए रास्ता भी नहीं है. बस्ती के चारों ओर गंदगी का आलम है. इन लोगों का कहना है कि कई बार इन सब समस्याओं को लेकर प्रधान से शिकायत की, लेकिन हर बार हमें प्रधान द्वारा टाल दिया गया. बस चुनाव के समय वोट मांगने सब नेता आते हैं और वादे करके चले जाते हैं.
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इस मामले में जहां नेता पिछली सरकारों को इसका जिम्मेदार बता रहे हैं. वहीं अधिकारी प्रधान का दायित्व बातते हुए जांच कराने की बात कह रहे हैं.