ललितपुर: दो वर्ष पूर्व बने मुख्यालय स्थित गोविंद सागर बांध पर स्थित रोड की हालत बहुत जर्जर है. करोड़ों रुपये की लागत से बना यह रोड महज कुछ ही दिनों में उखड़ गया. हालात तो यह है कि अब यहां सड़क में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क दिखाई पड़ रही है. हैरान करने वाली बात यह है कि आखिरकार सड़क पर ऐसा क्या मटैरियल डाला गया था, जो महज कुछ ही दिनों में सड़क उखड़ गई.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रोड़-
जनपद मुख्यालय पर स्थित गोविंद सागर बांध पर दो वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. सड़क में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क दिखाई पड़ रही है. फिलहाल इस सड़क ने सिचाई विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े की पोल खोल कर रख दी है. स्थानीय लोगों के द्वारा शिकायत करने के वावजूद भी ठेकेदार के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
ठेकेदारों के खिलाफ कब लिया जाएगा एक्शन-
गोविंद सागर पर दो वर्ष पूर्व सड़क की हालत इतनी जर्जर थी की लोग वहां जाने से कतराते थे. स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार मांग करने के बाद शासन ने इस बारे में सुध ली और इस सड़क को बनवाने के लिए लगभग दो करोड़ रुपये भी दिए थे. सड़क बनने के बाद से यह सड़क फिर से उखड़ना शुरू हो गई और वर्तमान में पूरी तरह से सड़क उखड़ गई है. स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत करने बाद भी जिला प्रशासन सड़क का घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहा है.
इस मामले में स्थानीय निवासी अजय तोमर कहते हैं कि मुख्यालय स्थित गोविंद सागर बांध पर आने जाने के लिए लगभग डेढ वर्ष पूर्व विभाग द्वारा करोडों रुपये की लागत से रोड बनाई गई थी. रोड बनने के कुछ समय बाद ही वह रोड उखड़ गई थी. इस संदर्भ में मेरे द्वारा अधिकारियों को ज्ञापन दिया गया था कि इस सड़क निर्माण की गुड़वत्ता काफी खराब है जो बनते ही उखड़ गई. वहीं डेढ़ वर्ष बाद भी वर्तमान में सड़क ही गायब ही गई है. ऐसे में करोड़ों रुपए का चूना ठेकेदार और अधिकारियों के बंदरबांट के कारण सरकार को लगा है, जिससे राहगीर परेशान हो रहे हैं. हमारी मांग की ऐसे भ्रष्ट ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
डीएम मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि इस सड़क को मैने भी देखा है कि सड़क बहुत ज्यादा टूटी हुई है. दो वर्ष पहले ही सड़क पर काम हुआ था. मैं इसको दिखवाऊंगा कि इसमें कितना रुपए खर्च हुआ था और इसकी जांच कराई जाएगी.