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ललितपुर: जिला अस्पताल में जमीन पर लिटा कर हो रहा मरीजों का इलाज

उत्तर प्रदेश के ललितपुर में संक्रामक रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार हो गई है. मरीजों की संख्या बढ़ने से मरीज जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर हैं.

जमीन पर लिटा कर हो रहा मरीजों का इलाज.
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Published : Aug 13, 2019, 3:20 PM IST

ललितपुर: जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने से भी संक्रामक रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ-साथ उल्टी और दस्त के मरीज भरे पड़े हैं. जिसमें सबसे अधिक बुरा हाल जिला अस्पताल का है. जहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं है. अचानक से मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को तो बेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है. बड़ी संख्या में मरीज जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर है.

जमीन पर लिटा कर हो रहा मरीजों का इलाज.

इसे भी पढ़ें- सुलतानपुर: जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ नर्स आपस में भिड़े, चिकित्सा कार्य बाधित

जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर मरीज

  • संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी जिले में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है.
  • इस वजह से सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है.
  • जिला अस्पताल में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ने से कई मरीजों को पलंग भी नसीब नहीं हो रहे हैं.
  • यहां कई महिलाएं भी जमीन पर लेटकर उपचार करा रही हैं, इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन मौन बना हुआ है.
  • वर्तमान में जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है.

वहीं दूरदराज गांव से मरीजों का इलाज कराने आये तीमारदारों का कहना है कि ललितपुर शहर में कभी पानी तो कभी धूप की वजह से संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं. जिससे मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है. हम भी मरीज को लेकर आये है, लेकिन जमीन पर लेट कर इलाज करवाना पड़ रहा है, क्योंकि मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण बेड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- एटा: जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, नहीं बदल रही तस्वीर

वर्तमान में कभी पानी बरस जाता है कभी धूप निकल आती है. इससे उमस बढ़ रही है और मौसम में परिवर्तन हो रहा है. इसकी वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. साथ ही भर्ती करना आवश्यक है. जिसमें ज्यादातर मरीज बुखार, उल्टी और दस्त के हैं और जितने हमारे पास बेड है. अतिरिक्त बेडों की भी व्यवस्था की है, लेकिन फिर भी मरीजों की संख्या इतनी बढ़ रही है, तो हम सभी को बेड उपलब्ध कराने में असमर्थ में हो रहे हैं.
-डॉ. अमित चतुर्वेदी, प्रभारी सीएमएस, ललितपुर

ललितपुर: जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने से भी संक्रामक रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी और निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ-साथ उल्टी और दस्त के मरीज भरे पड़े हैं. जिसमें सबसे अधिक बुरा हाल जिला अस्पताल का है. जहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं है. अचानक से मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को तो बेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है. बड़ी संख्या में मरीज जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर है.

जमीन पर लिटा कर हो रहा मरीजों का इलाज.

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जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर मरीज

  • संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी जिले में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है.
  • इस वजह से सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है.
  • जिला अस्पताल में दिन-प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ने से कई मरीजों को पलंग भी नसीब नहीं हो रहे हैं.
  • यहां कई महिलाएं भी जमीन पर लेटकर उपचार करा रही हैं, इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन मौन बना हुआ है.
  • वर्तमान में जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है.

वहीं दूरदराज गांव से मरीजों का इलाज कराने आये तीमारदारों का कहना है कि ललितपुर शहर में कभी पानी तो कभी धूप की वजह से संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं. जिससे मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है. हम भी मरीज को लेकर आये है, लेकिन जमीन पर लेट कर इलाज करवाना पड़ रहा है, क्योंकि मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण बेड उपलब्ध नहीं हो रहे हैं.

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वर्तमान में कभी पानी बरस जाता है कभी धूप निकल आती है. इससे उमस बढ़ रही है और मौसम में परिवर्तन हो रहा है. इसकी वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और भर्ती होने के लिए आ रहे हैं. साथ ही भर्ती करना आवश्यक है. जिसमें ज्यादातर मरीज बुखार, उल्टी और दस्त के हैं और जितने हमारे पास बेड है. अतिरिक्त बेडों की भी व्यवस्था की है, लेकिन फिर भी मरीजों की संख्या इतनी बढ़ रही है, तो हम सभी को बेड उपलब्ध कराने में असमर्थ में हो रहे हैं.
-डॉ. अमित चतुर्वेदी, प्रभारी सीएमएस, ललितपुर

Intro:एंकर-उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने भी संक्रमण रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है.सरकारी व निजी चिकित्सालयों में वायरल बुखार के साथ साथ उल्टी व दस्त के मरीज भरे पड़े हैं.जिसमे सबसे अधिक बुरा हाल जिला अस्पताल का है.जहाँ पर पैर रखने की भी जगह नहीं है,अचानक से मरीजों की संख्या में इजाफा होने के कारण कई मरीजों को तो बेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है बड़ी संख्या में मरीज जमीन पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर है।


Body:वीओ-बताते चले संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाए जाने के बाद भी ललितपुर जिले में मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है इस वजह से सरकारी चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में भी मरीजों की भरमार है.जिला अस्पताल में दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ने से कई मरीजों को पलंग भी नसीब नहीं हो रहे हैं. यहां कई महिलाएं भी जमीन पर लेटकर उपचार करा रही है इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन मौन बना हुआ है.वर्तमान में जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है।

बाइट-वहीं दूरदराज गांव से मरीजों का इलाज कराने आये तीमारदारों का कहना है कि ललितपुर शहर में कभी पानी कभी धूप की वजह से संक्रमण रोग बढ़ रहे हैं.जिससे मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है हम भी मरीज को लेकर आये है लेकिन जमीन पर लेट कर इलाज करवाना पड़ रहा है,क्योंकि मरीजो की संख्या अधिक होने के कारण बैड उपलब्ध नही हो रहे है.मरीजों को नीचे जमीन पर इलाज करवाना पड़ रहा है ऐसे में अस्पताल अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था करनी चाइए जिससे मरीज परेशान न हो।

बाइट-सनी राजा (तीमारदार)
बाइट-शरमन लाल अहिरवार (तीमारदार)


Conclusion:बाइट-वही जिला संयुक्त चिकित्सालय के प्रभारी सीएमएस का कहना है कि वर्तमान में कभी पानी बरस जाता है कभी धूप निकल आती है.जिससे उमस बढ़ रही है और मौसम में परिवर्तन हो रहा है.जिसकी वजह से अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और भर्ती होने के लिए आ रहे है साथ ही भर्ती करना आवश्यक है.जिसमे ज्यादातर मरीज बुखार, उल्टी और दस्त के हैं और जितने हमारे पास बैड है औऱ अतिरिक्त बेडों की भी व्यवस्था की है लेकिन फिर भी मरीजों की संख्या इतनी बढ़ रही है तो हम सभी को बैड उपलब्ध कराने में असमर्थ में हो रहे हैं.और हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को भर्ती करके सही इलाज दें औऱ व्यवस्थित ढंग से रखें।

बाइट-डॉ अमित चतुर्वेदी(प्रभारी CMS)
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