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ललितपुर: लॉकडाउन के चलते बंद हुई मजदूरी, पैदल ही घर लौट रहे प्रवासी मजदूर - मध्य प्रदेश से ललितपुर पहुंचे प्रवासी मजदूर

लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का अपने गृह जनपद आने का सिलसिला जारी है. ललितपुर के विकासखंड ग्राम गाड़िया के रहने वाले 46 मजदूर मध्यप्रदेश से पैदल ही सफर करके अपने बीवी बच्चों के साथ आए. यहां प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई सहायता नहीं दी गई. भूखे प्यासे मजदूर जिला अस्पताल में पड़े हैं.

500 किमी पैदल सफर कर गृह जनपद पहुंचे प्रवासी मजदूर
500 किमी पैदल सफर कर गृह जनपद पहुंचे प्रवासी मजदूर
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Published : May 8, 2020, 10:16 PM IST

ललितपुर: वैश्विक महामारी के बीच प्रवासी मजदूरों का अपने गृह जनपद आने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में गुरुवार देर रात जिले के विकासखंड ग्राम गाड़िया के रहने वाले मजदूर मजदूरी के लिए मध्यप्रदेश के पीथमपुर गए थे. लॉकडाउन के चलते रोजी रोटी बंद होने के कारण 46 मजदूर अपने बीवी बच्चों सहित अपने गांव पैदल ही भूखे-प्यासे निकल पड़े.

पैदल ही घर के लिए निकल पड़े मजदूर
दरअसल जिले के विकासखंड ग्राम गाड़िया के रहने वाले मजदूर रोजी रोटी कमाने के लिए मध्यप्रदेश के पीथमपुर में बीवी बच्चों सहित मजदूरी करने गए थे. वहां कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते सभी काम धंधा बंद होने से मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही थी. इस कारण सभी मजदूर अपने गृह जनपद के लिए निकल पड़े. साधन न मिलने से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी. बताते हैं कि रास्ते में कहीं ट्रक, पिकअप और पैदल चल कर सभी मजदूर लगभग 10-12 दिनों बाद जिला अस्पताल पहुंचे.

पुलिस को सूचना देने पर भी कोई सहायता नहीं मिली और स्थिति यह है कि उनके पास न तो खाने को है न पीने को. हाल यह है कि भूखे प्यासे सभी मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. सभी मजदूर अस्पताल परिसर में भूख और प्यास से बिलखते पड़े हैं.

मजदूर का छलक उठा दर्द
मजदूर अनिल ने बताया कि पीथमपुर से आ रहे हैं. ग्राम गाड़िया के रहने वाले हैं और लॉकडाउन की वजह से मजदूरी नहीं मिली तो वहां से निकलना पड़ा. 12 दिन में आ पाए हैं. कहीं ट्रक मिला, कहीं पिकअप, तो कहीं पुलिस ने सूचना दी और वाहन भी दिलाया. इसकी वजह से 10-12 दिन में आ पाए औऱ आज हम अभी अस्पताल में आए हैं. पुलिस को सूचना दी और हम लोगों की कोई मदद नहीं हो रही. हम बीवी, बच्चे समेत 46 लोग हैं.

ललितपुर: वैश्विक महामारी के बीच प्रवासी मजदूरों का अपने गृह जनपद आने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में गुरुवार देर रात जिले के विकासखंड ग्राम गाड़िया के रहने वाले मजदूर मजदूरी के लिए मध्यप्रदेश के पीथमपुर गए थे. लॉकडाउन के चलते रोजी रोटी बंद होने के कारण 46 मजदूर अपने बीवी बच्चों सहित अपने गांव पैदल ही भूखे-प्यासे निकल पड़े.

पैदल ही घर के लिए निकल पड़े मजदूर
दरअसल जिले के विकासखंड ग्राम गाड़िया के रहने वाले मजदूर रोजी रोटी कमाने के लिए मध्यप्रदेश के पीथमपुर में बीवी बच्चों सहित मजदूरी करने गए थे. वहां कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते सभी काम धंधा बंद होने से मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही थी. इस कारण सभी मजदूर अपने गृह जनपद के लिए निकल पड़े. साधन न मिलने से लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ी. बताते हैं कि रास्ते में कहीं ट्रक, पिकअप और पैदल चल कर सभी मजदूर लगभग 10-12 दिनों बाद जिला अस्पताल पहुंचे.

पुलिस को सूचना देने पर भी कोई सहायता नहीं मिली और स्थिति यह है कि उनके पास न तो खाने को है न पीने को. हाल यह है कि भूखे प्यासे सभी मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. सभी मजदूर अस्पताल परिसर में भूख और प्यास से बिलखते पड़े हैं.

मजदूर का छलक उठा दर्द
मजदूर अनिल ने बताया कि पीथमपुर से आ रहे हैं. ग्राम गाड़िया के रहने वाले हैं और लॉकडाउन की वजह से मजदूरी नहीं मिली तो वहां से निकलना पड़ा. 12 दिन में आ पाए हैं. कहीं ट्रक मिला, कहीं पिकअप, तो कहीं पुलिस ने सूचना दी और वाहन भी दिलाया. इसकी वजह से 10-12 दिन में आ पाए औऱ आज हम अभी अस्पताल में आए हैं. पुलिस को सूचना दी और हम लोगों की कोई मदद नहीं हो रही. हम बीवी, बच्चे समेत 46 लोग हैं.

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