ललितपुर : कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नेहरूनगर से अपहृत चार वर्षीय बालक को एक दंपती ने संतान प्राप्ति के लिए बलि देने के लिए खरीदा था. पुलिस टीमों ने मड़ावरा क्षेत्र के गांव रनगांव निवासी एक होमगार्ड के घर से बालक को बरामद कर लिया. पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. अदालत ने सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया. अभी मुख्य आरोपी महिला फरार है. उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है.
एसपी निखिल पाठक ने बृहस्पतिवार को जानकारी देते हुए बताया कि मोहल्ला नेहरूनगर निवासी आशीष (4) पुत्र कल्याण चंदेल बीते चार अप्रैल को सुबह 6.55 बजे बहन के साथ दूध लेने गया था. यहां रास्ते में एक नकाबपोश महिला ने आशीष का अपहरण कर लिया था. जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस के अलावा एसओजी झांसी, ललितपुर और सर्विलांस टीमों सहित कुल 15 टीमें बालक की खोजबीन में लगी हुई थीं. टीमों ने जिले के अलावा मध्य प्रदेश के बीना, सागर, दमोह, मुंगावली, अशोकनगर, भोपाल समेत कई इलाकों में दबिश दी.
एसपी ने बताया कि पुलिस को अपहृत बालक के एक रिश्तेदार ने एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से बालक के रनगांव में होमगार्ड शंकर बरार पुत्र डरू बरार के घर होने की सूचना दी गई. इस पर पुलिस टीमों ने तत्काल रनगांव पहुंचकर होमगार्ड के घर को घेरकर अपहृत बालक को सकुशल बरामद कर लिया.
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होमगार्ड ने बताया कि उसके बेटे जगतदेव की शादी को करीब सोलह वर्ष हो गए थे लेकिन अब तक संतान नहीं हुई थी. तंत्र विद्या से वह बालक की बलि देकर संतान प्राप्ति करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि उसके दामाद गोविंद नगर निवासी जितेंद्र पुत्र मथुरा प्रसाद ने उसके ही मोहल्ले की गीता उर्फ चंदावली वाली पत्नी फूलचंद से 80 हजार रुपये में बच्चा दिलाने का सौदा किया था.
गीता ने चार अप्रैल को चेहरा ढककर नेहरूनगर से मासूम आशीष का अपहरण किया था. एसपी ने बताया कि गीता की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम दबिश दे रही है. पकड़े गए आरोपियों में मड़ावरा क्षेत्र के ग्राम रनगांव निवासी शंकर बरार पुत्र डरूलाल, जगतदेव पुत्र शंकर बरार, इंद्रा पत्नी जगतदेव एवं गोविंदनगर निवासी जितेंद्र उर्फ जित्तू पुत्र मथुरा प्रसाद शामिल हैं. उन्हें पुलिस ने न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया.
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