ललितपुर : ललितपुर और बुंदेलखंड की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले पूर्व सांसद बड़े दाऊ सुजान सिंह बुंदेला का गुरुवार काे निधन हो गया है. वह 79 साल के थे. पूर्व सांसद की तबीयत काफी समय से खराब चल रही थी. अमेरिका में उनका इलाज चल रहा था. निधन की जानकारी मिलते ही परिजनों और समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई. शुक्रवार काे उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव डोंगराखुर्द में किया जाएगा.
ग्राम प्रधान से लेकर सांसद तक का सफर तय करने वाले सुजान सिंह बुंदेला को जिले की माटी से बेहद लगाव था. उनका कहना था कि पहले विकास और पार्टी की नीतियों पर चुनाव होता था, लेकिन आज जाति और पैसा चुनाव जीतने का फंडा हो गया है. 1984 में टिकट के लिए जब झांसी के दावेदार आगे आए तो उन्होंने कहा था कि छोटा जिला और छोटे भाई को टिकट मिलना चाहिए. इसके बाद कांग्रेस से पहली बार टिकट मिला. इसके बाद वह जीत कर संसद पहुंचे.
राजनीति की शुरुआत उन्होंने वर्ष 1972 में की थी. अपने गांव डोंगराखुर्द से निर्विरोध वह प्रधान चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वर्ष 1974 में ललितपुर जिला बनते ही जिला परिषद में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए. वर्ष 1980 में ललितपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर सदन में पहुंचे. इसके बाद क्षेत्र का विकास कराय. वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में दावेदारों पर मंथन किया तो झांसी से पूर्व सांसद डॉ. गोविंद दास रिछारिया ने अपने बेटे ओम प्रकाश रिछारिया के लिए टिकट का दावा पेश किया.
इसके बाद सुजान सिंह इस बात पर अड़ गए कि छोटा जिला-छोटे भाई को यहां से टिकट मिलना चाहिए. रिश्तों की कद्र करते हुए डॉ.गोविंद दास ने उनकी बात मान ली. पार्टी हाईकमान ने सुजान सिंह के टिकट की संस्तुति कर दी. वह चुनाव में दमदारी से उतरे और पहली बार संसद पहुंचे. पूर्व सांसद के पुत्र युवा नेता गुड्डू राजा ने बताया कि अंतिम संस्कार पैतृक गांव डोंगराखुर्द में किया जाएगा.
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