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ललितपुर: जल संरक्षण और संचयन को लेकर डीएम ने की अनोखी पहल - ओडी और रोहिणी नदी का जीर्णोद्धार

पिछले वर्ष पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी ओडी नदी को नवजीवन देने के बाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने अब जन सहयोग से सौरई तालाब और रोहिणी नदी को पुनर्जीवित करने की पहल की है. साथ ही गांव में जल स्तर को सुधारने के लिये तालाबों का निर्माण भी कराया.

नदी को पुनर्जीवित करने के प्रयास में जुटे ग्रामीण.
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Published : Jun 28, 2019, 7:22 AM IST

ललितपुर: बुंदेलखंड देश का वह इलाका है, जिसका जिक्र आते ही सूखा, गरीबी और भुखमरी की तस्वीर आंखों के सामने कौंध जाती है. लेकिन जिलाधिकारी और एक NGO संस्था ने मिलकर यहां के उन जलस्रोतों को नव जीवन देने की एक अनोखी पहल की है, जिनका अस्तित्व समाप्त हो चुका था. यह पहल आने वाले समय के लिए पानी की समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर साबित होगी.

रोहिणी नदी को पुनर्जीवित करने में जुटे डीएम.
जल संचयन पर जोर
  • ललितपुर जिला एक मात्र ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक बांध है.
  • जिलाधिकारी ने एक एनजीओ संस्था के साथ मिलकर रोहिणी नदी व सौराई तालाब को पुनर्जीवित करने की पहल की है.
  • डीएम कई गांवों में तालाबों के निर्माण के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं.
  • जल संचयन से किसानों के लिए फसलों की सिंचाई करने में आसानी होगी और भूगर्भ जल स्तर में भी सुधार होगा.
  • जिले में खराब पड़ी खदानों के गड्डों को भी तालाब में तब्दील किया गया है.
  • अपना अस्तित्व खो चुकी ओडी नदी को भी जिलाधिकारी ने पुनर्जीवित किया है.

जिलाधिकारी और संस्था ने सूखे हुए खेत, तालाब और बांध की साफ-सफाई करने की जो मुहिम शुरू की है, इससे बारिश के पानी का जल संचय होगा. हमको खेती के लिए पानी मिलेगा.
-देवेंद्र सिंह, किसान

ललितपुर में वर्षा कम नहीं होती है, लेकिन वर्षा के जल का प्रबंधन ठीक नहीं है. इसके कारण हमारे यहां पानी का जलस्तर भी नीचे जा रहा है और पानी की कमी रहती है. जिलाधिकारी द्वारा जो नदियों के संरक्षण व पुनर्जीवित करने का काम किया गया है, वह सराहनीय है.
-अजय श्रीवास्तव, एनजीओ संचालक

  • जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष से ही जल संरक्षण के लिए काफी अच्छा काम कर रहे हैं .
  • उन्होंने बताया कि जनपद को जल संरक्षण को लेकर दो राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी मिले है.
  • नितिन गडकरी के द्वारा एक नदी को पुनर्जीवित करने के लिए और निष्प्रयोजित स्थानों को तालाबों में बदलने को लेकर.
  • ओडी नदी के साथ साथ दो नदियों को भी पुनर्जीवित करने का काम किया है.
  • इसके साथ ही करीब 50 तालाबों को गहरीकरण करने का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है.
  • व्यक्तिगत किसानों के लिए खेत तालाब योजना है.
  • इसमें पिछले वर्ष 530 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया था.

इस वर्ष 510 का टारगेट है, जिनको लाभान्वित किया जाएगा. साल 2017-18 भी 370 लोगों को लाभान्वित किया गया था. यदि हमने बरसात के पानी को रोकने का काम कर लिया तो यहां पानी समस्या काफी हल हो जाएगी.
-मानवेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी, ललितपुर

ललितपुर: बुंदेलखंड देश का वह इलाका है, जिसका जिक्र आते ही सूखा, गरीबी और भुखमरी की तस्वीर आंखों के सामने कौंध जाती है. लेकिन जिलाधिकारी और एक NGO संस्था ने मिलकर यहां के उन जलस्रोतों को नव जीवन देने की एक अनोखी पहल की है, जिनका अस्तित्व समाप्त हो चुका था. यह पहल आने वाले समय के लिए पानी की समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर साबित होगी.

रोहिणी नदी को पुनर्जीवित करने में जुटे डीएम.
जल संचयन पर जोर
  • ललितपुर जिला एक मात्र ऐसा जिला है, जहां सबसे अधिक बांध है.
  • जिलाधिकारी ने एक एनजीओ संस्था के साथ मिलकर रोहिणी नदी व सौराई तालाब को पुनर्जीवित करने की पहल की है.
  • डीएम कई गांवों में तालाबों के निर्माण के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं.
  • जल संचयन से किसानों के लिए फसलों की सिंचाई करने में आसानी होगी और भूगर्भ जल स्तर में भी सुधार होगा.
  • जिले में खराब पड़ी खदानों के गड्डों को भी तालाब में तब्दील किया गया है.
  • अपना अस्तित्व खो चुकी ओडी नदी को भी जिलाधिकारी ने पुनर्जीवित किया है.

जिलाधिकारी और संस्था ने सूखे हुए खेत, तालाब और बांध की साफ-सफाई करने की जो मुहिम शुरू की है, इससे बारिश के पानी का जल संचय होगा. हमको खेती के लिए पानी मिलेगा.
-देवेंद्र सिंह, किसान

ललितपुर में वर्षा कम नहीं होती है, लेकिन वर्षा के जल का प्रबंधन ठीक नहीं है. इसके कारण हमारे यहां पानी का जलस्तर भी नीचे जा रहा है और पानी की कमी रहती है. जिलाधिकारी द्वारा जो नदियों के संरक्षण व पुनर्जीवित करने का काम किया गया है, वह सराहनीय है.
-अजय श्रीवास्तव, एनजीओ संचालक

  • जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष से ही जल संरक्षण के लिए काफी अच्छा काम कर रहे हैं .
  • उन्होंने बताया कि जनपद को जल संरक्षण को लेकर दो राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी मिले है.
  • नितिन गडकरी के द्वारा एक नदी को पुनर्जीवित करने के लिए और निष्प्रयोजित स्थानों को तालाबों में बदलने को लेकर.
  • ओडी नदी के साथ साथ दो नदियों को भी पुनर्जीवित करने का काम किया है.
  • इसके साथ ही करीब 50 तालाबों को गहरीकरण करने का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है.
  • व्यक्तिगत किसानों के लिए खेत तालाब योजना है.
  • इसमें पिछले वर्ष 530 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया था.

इस वर्ष 510 का टारगेट है, जिनको लाभान्वित किया जाएगा. साल 2017-18 भी 370 लोगों को लाभान्वित किया गया था. यदि हमने बरसात के पानी को रोकने का काम कर लिया तो यहां पानी समस्या काफी हल हो जाएगी.
-मानवेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी, ललितपुर

Intro:एंकर-बुंदेलखंड देश का वह इलाका है जिसका जिक्र आते ही सूखा,गरीबी और भुखमरी की तस्वीर आँखों के सामने कौंध जाती है.लेकिन ललितपुर जिले में जिलाधिकारी व एक NGO संस्था ने मिलकर यहाँ के उन जलस्रोतों को नव जीवन देने की एक अनोखी पहल की है जिनका अस्तित्व समाप्त हो चुका था.यह पहल आने वाले समय व अभी के समय के लिए पानी की समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर साबित होगी. पिछले वर्ष पूर्ण रूप से समाप्त हो चुकी ओडी नदी को नवजीवन देने के बाद जिलाधिकारी ललितपुर ने अब जन सहयोग से सौरई तालाब और रोहिणी नदी को पुनर्जीवित करने की पहल की है.साथ ही गाँव मे भी जल स्तर को सुधारने के खेत तालाबों का निर्माण भी कराया।


Body:वीओ-बताते चले कि ललितपुर जिला एकमात्र ऐसा जिला है जहां सबसे अधिक बांध है फिर भी दुर्भाग्यवश जनपदवासियों को पानी समस्या से हर वर्ष जूझना पड़ता है.जिसका मुख्य कारण पानी का संवर्धन और पानी के सदुपयोग का पता नही होना है.और लोग अपने फायदे के लिए नदी तालाबों का दोहन करते है.लेकिन जिलाधिकारी ललितपुर ने ngo संस्था के साथ मिलकर व जन सहयोग से ओडी नदी जो कि पूरी तरह से अपना अस्तित्व खो चुकी थी जिसको पुनर्जीवित करने के सफल प्रयास के बाद रोहिणी नदी व सौराई तालाब को पुनर्जीवित करने की पहल की है.साथ पिछले वर्ष गांव में खेत तालाबों के निर्माण व अभी भी कई गावों में हो खेत तालाबों के निर्माण के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं.जिससे पानी की समस्या का हल होगा.वहीं किसानों के लिए फसलों की सिंचाई करने में आसानी होगी.और भुगर्व जल स्तर में भी सुधार होगा.जिससे आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संचय किया जा सकेगा।वही जिले में खराब पड़ी खदानों के गड्डों को भी तालाब में तब्दील किया गया है।


बाइट-वहीं किसान का कहना है कि जिलाधिकारी व संस्था ने जो मुहिम चलाई है कि जो खेत तालाब या बांध है और वह सूखे पड़े हुए है तो उनकी साफ सफाई करने की.जिससे जो सफाई होगी और बारिश के पानी का जल संचय होगा। जिससे हमको खेती के पानी मिलेगा।जो अभी खेत तालाब सूखे पड़े हुए हैं इसकी सफाई होगी जिसके बाद खेती के लिए व गांव के लोगो को इसमे जो जल संचय होगा उससे पानी मिलेगा.इसके साथ पानी भी जमीन के अंदर जाएगा.ससे पानी की समस्या का हल होगा और अभी अपने स्तर से खेत तालाबों की सफाई की है।
बाइट-देवेंद्र सिंह(किसान)

बाइट-वही आमजन के कहना है कि बुंदेलखंड में जनपद ललितपुर सबसे पिछडा इलाका है.और देश मे सबसे ज्यादा बांध ललितपुर जिले में है लेकिन यहाँ के जलस्रोतों के सूखने के कारण यहाँ पर जल की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है.मगर जिलाधिकारी के द्वारा बुझे हुए जलस्रोत थे उन्हें पुनर्जीवित करने एक बीड़ा उठाया है और जिसमे वे सफल होते नजर आ रहे हैं वही जो ओडी नदी को पुनर्जीवित करने का काम किया उससे सैंकड़ो एकड़ भूमि की सिंचाई करने की स्थिति बन गई है जिसमे पानी का संचार हो गया है वही रौहणी नदी व तालाबों को पुनर्जीवित करने बीड़ा उठाया गया है जिससे स्पष्ट है कि जिलाधिकारी की मानसिकता जनपद के विकास की है और आने वाले समय मे जो जलस्रोत है औऱ विलुप्त होते जा रहे हैं उनका भी पुनर्उधार होगा।

बाइट अजय तोमर(स्थानीय निवासी)



Conclusion:बाइट-वही ngo संचालक का कहना है कि हम लोग बुंदेलखंड की बात करते है और खासतौर से ललितपुर की बात करें तो यहाँ पर जो वर्षा होती है, बर्षा यहाँ पर कम नही होती है लेकिन वर्षा के जल का प्रबंधन ठीक नही है इसके कारण हमारे यहाँ पानी का जलस्तर भी नीचे जा रहा है और पानी की कमी कमी रहती है जब यहाँ बारिश होती है तो लगता है कि अच्छी बारिश है औऱ आने वाले मार्च अप्रैल में पानी की कमी होने लगती है.जिसको लेकर जिलाधिकारी द्वारा जो नदियों के संरक्षण व पुनर्जीवित करने का काम किया गया है वह सराहनीय है जैसे ओडी नदी का.इसके साथ जो भी छोटी छोटी नदिया है जिसका जलस्तर कम हो रहा है या मृतप्राय है इनको यदि जनभागीदारी से जीवित करने का काम करेंगे तो जलस्तर भी बढ़ेगा औऱ पानी का प्रबंधन भी ठीक होगा।वही पत्थर की खदान जो खराब पड़ी हुई है उनको भी तालाब में तब्दील किया गया है वह भी एक अच्छा प्रयास है और जलस्तर बढेगा तो आने वाली पीढ़ी के लिये भी पानी की उपलब्धता होगी।

बाइट-अजय श्रीवास्तव(ngo संचालक)

बाइट-वही जिलाधिकारी ललितपुर ने बताया कि पिछले वर्ष से ही जल संरक्षण के लिए काफी अच्छा काम कर रहे हैं और जनपद को दो राष्ट्रीय लेवल के पुरुस्कार भी मिले है नितिन गडकरी के द्वारा दिये एक नदी को पुनर्जीवित करने के लिए और निष्प्रयोजित स्थानों को तालाबों में बदलने के लिए.ओडी नदी के साथ साथ दो नदियों को भी पुनर्जीवित करने का काम किया है इसके साथ ही करीब 50 तालाबों को गहरीकरण करने का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है जिनमे विभिन्न मदों से पैसा कंवर्जेंस करके किया जा रहा है और मेनुअल काम मनरेगा से किया जा रहा है और मशीनी काम ग्राम निधि से किया जा रहा है इसके अलावा व्यक्तिगत किसानों के लिए खेत तालाब योजना है इसमें पिछले वर्ष 530 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया था इस वर्ष 510 का टारगेट है जिनको लाभान्वित किया जाएगा और 2017-18 भी 370 लोगों को लाभान्वित किया था.वही कहना है कि यदि अच्छे तरीके से जलसंरक्षण करते है तो ललितपुर इस जनपद है जहां पानी को रोक लिया तो वह हमारे काम आएगा। यदि नही रोक पाए तो किसी कम काम का नही है,क्योंकि यहाँ बरसात बरसात में पानी देखने को मिलता है यदि हमने पानी को रोकने का काम कर लिया तो यहाँ पानी समस्या काफी हल हो जाएगी.

बाइट-जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह


(नोट-इस स्पेशल स्टोरी से संबंधित विसुअल wrap के माध्यम से
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