लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मानसून की बेरुखी से अचानक बिजली की अधिकतम डिमांड लगभग 27,622 मेगावाट तक पहुंच गई है. जब 27622 मेगावाट डिमांड पहुंची थी तो लगभग 600 मेगावाट की बिजली कटौती भी हो रही थी. वर्तमान में जब गर्मी विकराल रूप ले रही है, ऐसे में उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी हो रही है. प्रदेश के अनेकों जनपद जिनमें बारिश कम हो रही है वहां पर किसानों के लिए बिजली की आवश्यकता अचानक बढ़ गई है. कृषि फीडर पर पहले से ही 10 घंटे विद्युत आपूर्ति बहुत कम है और वर्तमान में 10 घंटे से कम ही उपलब्ध हो रही है. वर्तमान में रोजाना किसानों को लगभग 1200 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है. वास्तव में किसानों की फसल के लिए इस समय बहुत जरूरी है कि उनके निजी नलकूप चलते रहें और पानी मिलता रहे, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार से उपभोक्ता परिषद ने चार घंटे अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति की बढ़ोतरी की मांग की है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'अगर अगले दो माह में चार घंटे अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति किसानों यानी कि कृषि फीडर पर लगभग 14 घंटे विद्युत आपूर्ति कर दी जाए तो कोई बहुत ज्यादा खर्च नहीं आने वाला. रोज अतिरिक्त लगभग 480 मेगावाट बिजली का और इंतजाम करना पडे़गा. परिषद अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को 10 घंटे कृषि फीडर पर बिजली देने के बजाय मानसून की बेरुखी को देखते हुए 14 घंटे विद्युत आपूर्ति कराकर प्रदेश के किसानों की फसल को बचाने में आगे आए. वर्तमान में पूरे प्रदेश में अनेकों जनपदों में किसान अपनी फसल को अपने निजी नलकूप के सहारे ही जिंदा रख पा रहे हैं. वर्तमान में जब कृषि फीडर पर 10 घंटे से कम बिजली आपूर्ति मिल पा रही है, ऐसे में किसानों को काफी समस्या उठानी पड रही है. वर्तमान में दो माह किसानों के लिए बहुत अहम हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को किसानों की विद्युत आपूर्ति को बढ़ाने की दिशा में बिना देरी निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार का कमजोर मानसून है उससे सूखे जैसी स्थिति सामने दिख रही है. ऐसे में किसानों की फसल बचाने के लिए उन्हें ज्यादा विद्युत आपूर्ति कराया जाना बहुत जरूरी हो गया है.'
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 'वर्तमान में किसान अपनी फसल को लेकर काफी संकट के दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने जो एक अप्रैल 2023 से किसानों की फ्री बिजली करने का एलान किया था उसे भी इस संकट के समय में आदेश जारी करके अपना वादा पूरा कर किसानों को बड़ा तोहफा देना चाहिए.'
मुख्यमंत्री से यूपी में किसानों को चार घंटे अतिरिक्त बिजली देने की मांग - मानसून की बेरुखी
यूपी में बिजली की मांग करीब 27 हजार मेगावाट पहुंच गई है. वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश सरकार से किसानों को चार घंटे अतिरिक्त बिजली देने की मांग की है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मानसून की बेरुखी से अचानक बिजली की अधिकतम डिमांड लगभग 27,622 मेगावाट तक पहुंच गई है. जब 27622 मेगावाट डिमांड पहुंची थी तो लगभग 600 मेगावाट की बिजली कटौती भी हो रही थी. वर्तमान में जब गर्मी विकराल रूप ले रही है, ऐसे में उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी हो रही है. प्रदेश के अनेकों जनपद जिनमें बारिश कम हो रही है वहां पर किसानों के लिए बिजली की आवश्यकता अचानक बढ़ गई है. कृषि फीडर पर पहले से ही 10 घंटे विद्युत आपूर्ति बहुत कम है और वर्तमान में 10 घंटे से कम ही उपलब्ध हो रही है. वर्तमान में रोजाना किसानों को लगभग 1200 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है. वास्तव में किसानों की फसल के लिए इस समय बहुत जरूरी है कि उनके निजी नलकूप चलते रहें और पानी मिलता रहे, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार से उपभोक्ता परिषद ने चार घंटे अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति की बढ़ोतरी की मांग की है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 'अगर अगले दो माह में चार घंटे अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति किसानों यानी कि कृषि फीडर पर लगभग 14 घंटे विद्युत आपूर्ति कर दी जाए तो कोई बहुत ज्यादा खर्च नहीं आने वाला. रोज अतिरिक्त लगभग 480 मेगावाट बिजली का और इंतजाम करना पडे़गा. परिषद अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को 10 घंटे कृषि फीडर पर बिजली देने के बजाय मानसून की बेरुखी को देखते हुए 14 घंटे विद्युत आपूर्ति कराकर प्रदेश के किसानों की फसल को बचाने में आगे आए. वर्तमान में पूरे प्रदेश में अनेकों जनपदों में किसान अपनी फसल को अपने निजी नलकूप के सहारे ही जिंदा रख पा रहे हैं. वर्तमान में जब कृषि फीडर पर 10 घंटे से कम बिजली आपूर्ति मिल पा रही है, ऐसे में किसानों को काफी समस्या उठानी पड रही है. वर्तमान में दो माह किसानों के लिए बहुत अहम हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को किसानों की विद्युत आपूर्ति को बढ़ाने की दिशा में बिना देरी निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार का कमजोर मानसून है उससे सूखे जैसी स्थिति सामने दिख रही है. ऐसे में किसानों की फसल बचाने के लिए उन्हें ज्यादा विद्युत आपूर्ति कराया जाना बहुत जरूरी हो गया है.'
परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 'वर्तमान में किसान अपनी फसल को लेकर काफी संकट के दौर से गुजर रहे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने जो एक अप्रैल 2023 से किसानों की फ्री बिजली करने का एलान किया था उसे भी इस संकट के समय में आदेश जारी करके अपना वादा पूरा कर किसानों को बड़ा तोहफा देना चाहिए.'