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ललितपुरः डीएम का गोवंशों के स्वाभाविक मौत से इनकार, बताई ये वजह

उत्तर प्रदेश के ललितपुर में लगातार हो रही गोवंशों की मौत पर जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता करके बताया कि गोवंशों की मौत स्वाभाविक नहीं हो रही है. बल्कि सूखा भूसा खाने से गोवंशों की मौत हो रही है. जिलाधिकारी ने स्वयं ललितपुर जिले की गोशालाओं में जाकर निरीक्षण किया था.

गोवंशों की मौत स्वाभाविक नहीं.
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Published : Nov 19, 2019, 9:30 PM IST

ललितपुर: शनिवार को मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ललितपुर में संचालित हो रही गोवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया था. जहां पर गड़बड़ियां मिली थी और मंडलायुक्त ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी. वहीं गोवंश आश्रय स्थल में हो रही गायों की मौतों को लेकर पशु चिकित्साधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए थे.

जानकारी देते जिलाधिकारी.


जिलाधिकारी ने किया गोशालाओं का निरीक्षण
जिलाधिकारी ने गोशालाओं का दौरा करने के बाद पाया कि जिले की गोशालाओं और गोवंशों की स्थिति बहुत ही दयनीय है, क्योंकि खाने को सिर्फ सूखा भूसा उनको मिलता है. सूखे भूसे में न तो कोई न्यूट्रेन्स और न ही कोई मिनरल्स होता है और न कोई फैट होता है. इसलिए सूखा भूसा कोई गाय खाएगी तो क्या होगा उसका,वो 2-3 महीने में ठठरी(गंभीर बीमार) बन जायेगी और 3-4 महीने में मर जाएगी.


जिलाधिकारी ने कहा कि मुझे कोई गाय ऐसी नहीं दिखी कि जिसकी स्वाभाविक मौत हुई हो. स्वाभाविक मौत उनकी होती है जो बुढ्ढी हो जायें अपनी उम्र पूरी कर लें वो स्वाभाविक मौत होती है.

ये भी पढ़ें:- एनएच-74 घोटाला: ईडी की बड़ी कार्रवाई, 21.96 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

अच्छी भली गाय 4-6 महीने सूखा भूसा खा के ठठरी बन जाये और फिर गिर जाए तो वह स्वाभाविक मौत नहीं है और यहां जो मौत स्वाभाविक दिखाई जा रही है वो उन्हीं की स्वाभाविक मौत दिखाई जा रही है. डॉक्टर क्या करेगा और प्रशासन क्या करेगा.
-योगेश कुमार शुक्ला,जिलाधिकारी

ललितपुर: शनिवार को मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ललितपुर में संचालित हो रही गोवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया था. जहां पर गड़बड़ियां मिली थी और मंडलायुक्त ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी. वहीं गोवंश आश्रय स्थल में हो रही गायों की मौतों को लेकर पशु चिकित्साधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए थे.

जानकारी देते जिलाधिकारी.


जिलाधिकारी ने किया गोशालाओं का निरीक्षण
जिलाधिकारी ने गोशालाओं का दौरा करने के बाद पाया कि जिले की गोशालाओं और गोवंशों की स्थिति बहुत ही दयनीय है, क्योंकि खाने को सिर्फ सूखा भूसा उनको मिलता है. सूखे भूसे में न तो कोई न्यूट्रेन्स और न ही कोई मिनरल्स होता है और न कोई फैट होता है. इसलिए सूखा भूसा कोई गाय खाएगी तो क्या होगा उसका,वो 2-3 महीने में ठठरी(गंभीर बीमार) बन जायेगी और 3-4 महीने में मर जाएगी.


जिलाधिकारी ने कहा कि मुझे कोई गाय ऐसी नहीं दिखी कि जिसकी स्वाभाविक मौत हुई हो. स्वाभाविक मौत उनकी होती है जो बुढ्ढी हो जायें अपनी उम्र पूरी कर लें वो स्वाभाविक मौत होती है.

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अच्छी भली गाय 4-6 महीने सूखा भूसा खा के ठठरी बन जाये और फिर गिर जाए तो वह स्वाभाविक मौत नहीं है और यहां जो मौत स्वाभाविक दिखाई जा रही है वो उन्हीं की स्वाभाविक मौत दिखाई जा रही है. डॉक्टर क्या करेगा और प्रशासन क्या करेगा.
-योगेश कुमार शुक्ला,जिलाधिकारी

Intro:एंकर-गौरतलब है कि शनिवार को मंडलायुक्त व जिलाधिकारी ललितपुर में संचालित हो रही गौवंश आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया था.जहाँ पर गड़बड़ियां मिली थी और मंडलायुक्त ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी.वही गौवंश आश्रय स्थल में हो रही गायों की मौतों को लेकर पशुचिकित्साधिकारी को भी निलंबित करने के निर्देश दिए थे.जिसके बाद जिलाधिकारी ने स्वयं ललितपुर जिले की गौशालाओं में जाकर निरीक्षण किया.जिसके बाद उन्होंने प्रेसवार्ता कर बताया कि ललितपुर जिले में गौशालाओं में गायों की मौत स्वाभाविक बताया जा रहा है.लेकिन गायों की स्वाभाविक मौत नही खाने पीने की कमी से हो रही है



Body:बाइट-वही जिलाधिकारी ने कहा कि जिले की गौशालाओं गौवंशो की स्थिति बहुत ही दयनीय है क्योंकि सिर्फ सूखा भूसा उनको मिलता है.सूखे भूसे में न तो कोई न्यूट्रेन्स और न ही कोई मिनरल्स होता है और न कोई फेट होता है.तो सूखा भूसा कोई गाय खाएगी तो अल्टीमेटली क्या होगा उसका,वो 2-3 महीने में ठठरी(गंभीर बीमार) बन जायेगी और 3-4 महीने में नीचे गिर जाएगी.फिर पशुचिकित्साधिकारी जाए भी तो क्या करेगा.लेकिन जो स्थिति है जब आप उनको भरपूर खाना नही देंगे तो कितने दिन जीवित रहेंगे.वही कहा कि मुझे कोई गाय ऐसी नही दिखी कि जिसकी स्वाभाविक मौत हुई हो.स्वाभाविक मौत उनकी होती है जो बुढ्ढी हो जाये अपनी उम्र पूरी कर ले और वो अपने आप घबरा कर गिर गई और मौत हो गई.तो स्वाभाविक मौत होती है.अच्छी भली गाय 4-6 महीने सूखा भूसा खा के ठठरी बन जाये और फिर गिर जाए तो वह स्वाभाविक मौत नही है और यहाँ जो मौत स्वाभाविक दिखाई जा रही है वो उन्ही की स्वाभाविक मौत दिखाई जा रही है.और फिर डॉक्टर क्या करेगा और प्रशासन क्या करेगा.प्रशासन जो करना चाइए वो पहले किया नही और अब ठठरी हो गई तो करेगा क्या.

बाइट-जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला


Conclusion:नोट-इस खबर से संबंधित जिलाधिकारी की बाइट wrap से up_lal_01_statement_on_cow_vis_byte_7203547 स्लग के साथ भेज दी गई है कृपया संज्ञान लें।
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