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ललितपुर: सगे भाई बहन को सर्प ने डसा, झाड़-फूंक, अंधविश्वास में गई दोनों की जान

यूपी के ललितपुर जखौरा क्षेत्र में सगे भाई-बहनों को सर्प ने डस लिया था. परिजन उन्हें अस्पताल न ले जाकर ओझाओं से झाड़ फूंक के चक्कर में घूमते रहे. लिहाजा समय से अस्पताल न पहुंचने के कारण दोनों भाई बहन काल के गाल में समा गए.

सर्प के डसने से गई भाई बहन की जान.
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Published : Sep 19, 2019, 10:20 PM IST

ललितपुर: जिले में आज भी अंधविश्वास इस कदर हावी है कि यहां के लोग वैज्ञानिक तौर तरीकों से ज्यादा झाड़ फूंक पर विश्वास करते हैं. इसी अंधविश्वास के चलते थाना जखौरा के तिलहरी ग्राम में दो सगे भाई-बहन को सर्प ने डस लिया था. परिजन उनको अस्पताल न ले जाकर ओझाओं से झाड़ फूंक के चक्कर में घुमते रहे. लिहाजा समय से अस्पताल न पहुंचने के कारण दोनों भाई बहन काल के गाल में समा गए.

झाड़ फूंक में गई भाई बहन की गई जान.

झाड़ फूंक में गई भाई बहन की गई जान

  • जखौरा ब्लॉक के तिलहरी ग्राम में दो भाई बहन को सर्प ने डस लिया था. जिनको परिजन समय अस्पताल नहीं ले गये.
  • सर्प दंश के बाद परिजन दोनों को झाड़ फूंक के चक्कर में ओझाओं के पास ले गये थे.
  • दोनों पीड़ित बच्चों पर विष का प्रभाव लगातार बढ़ता गया. जब तक दोनों को हॉस्पिटल ले जाते, तब तक दोनों ने दम तोड़ दिया.
  • ग्रामीणों के मुताबिक दोनों बच्चे अपनी मां के साथ झोपड़ी में सो रहे थे. तभी सांप ने दोनों को डस लिया.

गांव वालों ने सुनाई अंधविश्वास की कहानी

  • गांव के वृद्ध बताया हम लोग सर्प डसने पर पीड़ित को कारस देवता के पास ले जाते हैं. वहां झाड़ फूंककर दवाई पिलाई जाती है और मरीज सही हो जाता है.
  • एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि आज भी लोग अंधविश्वास और भ्रांतियों में जी रहे हैं. लोगों को मेडिकल साइंस से ज्यादा पुराने ढर्रे को लोग अपना रहे हैं.


जखौरा के तिलहरी ग्राम में दोनों भाई बहन खेत में लेटे हुए थे, तभी इनको सर्प ने काट लिया. सर्प के काटने के बाद ये लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ गए. यदि समय से अस्पताल में ले जाते तो दोनों शायद बच जाते.
केसव दास, सीओ नाराहट

ललितपुर: जिले में आज भी अंधविश्वास इस कदर हावी है कि यहां के लोग वैज्ञानिक तौर तरीकों से ज्यादा झाड़ फूंक पर विश्वास करते हैं. इसी अंधविश्वास के चलते थाना जखौरा के तिलहरी ग्राम में दो सगे भाई-बहन को सर्प ने डस लिया था. परिजन उनको अस्पताल न ले जाकर ओझाओं से झाड़ फूंक के चक्कर में घुमते रहे. लिहाजा समय से अस्पताल न पहुंचने के कारण दोनों भाई बहन काल के गाल में समा गए.

झाड़ फूंक में गई भाई बहन की गई जान.

झाड़ फूंक में गई भाई बहन की गई जान

  • जखौरा ब्लॉक के तिलहरी ग्राम में दो भाई बहन को सर्प ने डस लिया था. जिनको परिजन समय अस्पताल नहीं ले गये.
  • सर्प दंश के बाद परिजन दोनों को झाड़ फूंक के चक्कर में ओझाओं के पास ले गये थे.
  • दोनों पीड़ित बच्चों पर विष का प्रभाव लगातार बढ़ता गया. जब तक दोनों को हॉस्पिटल ले जाते, तब तक दोनों ने दम तोड़ दिया.
  • ग्रामीणों के मुताबिक दोनों बच्चे अपनी मां के साथ झोपड़ी में सो रहे थे. तभी सांप ने दोनों को डस लिया.

गांव वालों ने सुनाई अंधविश्वास की कहानी

  • गांव के वृद्ध बताया हम लोग सर्प डसने पर पीड़ित को कारस देवता के पास ले जाते हैं. वहां झाड़ फूंककर दवाई पिलाई जाती है और मरीज सही हो जाता है.
  • एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि आज भी लोग अंधविश्वास और भ्रांतियों में जी रहे हैं. लोगों को मेडिकल साइंस से ज्यादा पुराने ढर्रे को लोग अपना रहे हैं.


जखौरा के तिलहरी ग्राम में दोनों भाई बहन खेत में लेटे हुए थे, तभी इनको सर्प ने काट लिया. सर्प के काटने के बाद ये लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़ गए. यदि समय से अस्पताल में ले जाते तो दोनों शायद बच जाते.
केसव दास, सीओ नाराहट

Intro:एंकर-बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में आज भी अंधविश्वास इस कदर हावी है कि यहाँ के लोग वैज्ञानिक तौर तरीकों का प्रयोग न करके सर्प दंश की घटनाओं में ओझाओं से झाड़ फूंक पर ज्यादा विश्वास करते है.इसी अंधविश्वास के चलते थाना जखौरा के तिलहरी ग्राम में 2 सगे भाई-बहनों की सर्प दंश से बाद परिजनों द्वारा अस्पताल न ले जाकर ओझा से झाड़ फूंक के चक्कर में घुमते रहे और समय से जिला अस्पताल न पहुंचने के कारण दोनों भाई बहन काल के गाल में समा गए.


Body:वीओ-आज देश उन्नति को ओर जा रहा है और आज के इस आधुनिकता के दौर में भी लोग अंधविश्वास व टोटकों पर ज्यादा विश्वास करते है.बता से की ललितपुर जिले के ग्रामीण इलाकों के लोग आज भी वैज्ञानिक तौर तरीकों का प्रयोग न करके सर्प दंश की घटनाओं में ओझाओं से झाड़ फूंक पर ज्यादा विश्वास करते है ताज़ा मामला ललितपुर के थाना जखौरा के तिलहरी ग्राम का है जहाँ पर 2 सगे भाई-बहन अपनी माँ के साथ झोपड़ी में सो रहे थे तभी रात्रि में दोनों भाई बहन चिल्लाए. तो बच्चों की आवाज सुनकर परिजनों ने देखा तो वहाँ से एक सांप भगा.जिसके बाद दोनों बच्चों को परिजनों द्वारा अस्पताल न ले जाकर ओझा से झाड़ फूंक के चक्कर में घुमते रहे और समय से जिला अस्पताल न पहुंचने के कारण दोनों भाई बहन काल के गाल में समा गए।

बाइट-वही जब सांप के काटने को लेकर इलाज की बात गांव के वृद्ध व्यक्ति से पूछी गई.तो उनका कहना है हम लोग कारस देवता के पास जाते है और झड़ते हैं और दवाई पिलाते है जिसके बाद ठीक हो जाते और अस्पताल नही ले जाते है.और जिसको पता नही होता है वह अस्पताल ले जाता है.वहीं कहना है कि झाड़ फूंक से ठीक हो जाता है.अभी 10 दिन पहले सांप के काटने के बाद 3 दिन में अस्पताल में ठीक नही हुआ और खत्म हो गया था.फिर गांव ले गए तो ठीक हो गया.झाड़ फूंक में ज्यादा विश्वास रखते हैं.

बाइट-मुल्लू कुशवाहा (ग्रामीण)

बाइट-वहीं गांव के वृद्ध खुमान का कहना है कि झाड़ फूंक से ही सही होते है जो देवता होता है वो ही सही करते है.झाड़ फूंक में कोई इंजेक्शन नही लगाते है और जो डॉक्टर और कोई नही कर पाते वो झाड़ फूंक कर देत.और अस्पताल नही ले जाते है खुद चौन्थरा में झाड़ते है मिंत से खोलते चाहे 2 दिन मरे हो जाए या 4 दिन.

बाइट-खुमान (ग्रामीण)


Conclusion:बाइट-वही जब शहरी क्षेत्र के व्यक्ति से सर्प दंश से मौत के बारे में पूछा गया.तो बताया कि लोग आज भी पुराने अंधविश्वास पर जी रहे हैं पुरानी भ्रांतियों में जी रहे है कि झाड़ फूंक होगी तो व्यक्ति फिर से जीवित हो जाएगा.ऐसा होता नही है आज कल के वो मेडिकल साइंस को मान ही नही रहे हैं.और आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहे है और इस वजह से ऐसी घटनाएं होती है.हाल ही में भाई बहन है जखौरा क्षेत्र के उनके साथ भी ऐसी ही घटना हुई.भाई बहन को लेकर यहाँ वहां घूमते रहे और अस्पताल में इलाज करवाया नही.

बाइट-शैलेन्द्र (स्थानीय निवासी)

बाइट-वहीं इस घटना को लेकर सीईओ ने बताया कि थाना जखौरा के तिलहरी ग्राम में दोनों भाई बहन खेत मे लेटे हुए थे तभी इनको सर्प ने काट लिया.सर्प के काटने के ये लोग बाद झाड़ फूंक के चक्कर मे पड़ गए.यदि अस्पताल में समय से दिखाए होते तो संभवता बच जाते.

बाइट-केसव दास (सीईओ नाराहट)


नोट-इस खबर से संबंधित अधिकारिक बाइट व कुछ विसुअल wrap से up_lal_01_blind_faith_vis_byte_7203547 स्लग के साथ भेज दिए गए हैं. कृपया संज्ञान लें।
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