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ललितपुर : शिक्षा का गिरता स्तर, शिक्षक कर रहे हैं खानापूर्ति - ललितपुर प्राथमिक स्कूल

सरकारें देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं. जिले के कई स्कूल में शिक्षक समय से नहीं जाते हैं. वहीं दूरदराज के स्कूलों में अध्यापक जाते ही नहीं हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं.

ललितपुर में शिक्षा का गिरता स्तर.
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Published : May 14, 2019, 7:56 PM IST

ललितपुर : सरकारें देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं. वहीं जिले में मोटी रकम तनख्वाह के रूप में पाने वाले शिक्षक घर बैठकर आराम कर रहे हैं. जिले के कई स्कूल में शिक्षक समय से नहीं जाते हैं. वहीं दूरदराज के स्कूलों में अध्यापक जाते ही नहीं हैं.

ललितपुर में शिक्षा का गिरता स्तर.
  • सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारें शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं.
  • शिक्षा विभाग में लापरवाह अधिकारियों और शिक्षकों द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
  • जिले में कई सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जहां पर शिक्षक कभी समय पर नहीं आते हैं और कई विद्यालय में शिक्षक आते ही नहीं हैं.
  • वह अपनी तनख्वाह घर बैठे पा रहे हैं.
  • अभिभावकों का कहना है कि जनपद में शिक्षा का स्तर गिरता ही जा रहा है. दूरदराज के स्कूलों में अध्यापक जाते ही नहीं हैं. वहां ताला लटका रहता है.

हम शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. कहीं-कहीं ऐसी शिकायतें सामने आ रही थी कि स्कूल समय से नहीं खुल रहे हैं. कहीं कुछ लापरवाही हो रही थी. इसको लेकर औचक निरीक्षण भी किए गए. इसमें गत दो निरीक्षण में 10 अध्यापकों को निलंबित किया गया और कई शिक्षकों का एक दिन का वेतन भी काटा गया है. सुधार की दृष्टि से ही कार्रवाई की गई है. यदि अब भी सुधार नहीं हुआ तो आगे भी कार्रवाई चलती रहेगी.

-मनोज कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

ललितपुर : सरकारें देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं. वहीं जिले में मोटी रकम तनख्वाह के रूप में पाने वाले शिक्षक घर बैठकर आराम कर रहे हैं. जिले के कई स्कूल में शिक्षक समय से नहीं जाते हैं. वहीं दूरदराज के स्कूलों में अध्यापक जाते ही नहीं हैं.

ललितपुर में शिक्षा का गिरता स्तर.
  • सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारें शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं.
  • शिक्षा विभाग में लापरवाह अधिकारियों और शिक्षकों द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
  • जिले में कई सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जहां पर शिक्षक कभी समय पर नहीं आते हैं और कई विद्यालय में शिक्षक आते ही नहीं हैं.
  • वह अपनी तनख्वाह घर बैठे पा रहे हैं.
  • अभिभावकों का कहना है कि जनपद में शिक्षा का स्तर गिरता ही जा रहा है. दूरदराज के स्कूलों में अध्यापक जाते ही नहीं हैं. वहां ताला लटका रहता है.

हम शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं. कहीं-कहीं ऐसी शिकायतें सामने आ रही थी कि स्कूल समय से नहीं खुल रहे हैं. कहीं कुछ लापरवाही हो रही थी. इसको लेकर औचक निरीक्षण भी किए गए. इसमें गत दो निरीक्षण में 10 अध्यापकों को निलंबित किया गया और कई शिक्षकों का एक दिन का वेतन भी काटा गया है. सुधार की दृष्टि से ही कार्रवाई की गई है. यदि अब भी सुधार नहीं हुआ तो आगे भी कार्रवाई चलती रहेगी.

-मनोज कुमार वर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

Intro:एंकर-कहा जाता है कि देश का भविष्य बच्चों को मिलने वाली प्राथमिक शिक्षा पर निर्भर करता है.और सरकारें भी देश के भविष्य को बेहतर बनाने में कोई कसर नही छोड़ रही है.करोड़ों रुपए शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए पानी की तरह बहा रही है लेकिन सरकार की मंशानुसार शिक्षा का स्तर नही हो पा रहा है.वहीं उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में मोटी मोटी रकम तनख्वाह के रूप में पाने वाले शिक्षक घर बैठकर आराम कर रहे हैं।


Body:वीओ-सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारें देश के भविष्य को शिक्षित करने के उद्देश्य से व शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए करोडों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं.लेकिन शिक्षा विभाग में लापरवाह अधिकारियों व शिक्षकों के द्वारा देश के भविष्य यानी छोटे छोटे बच्चों के भविष्य के साथ साथ खिलवाड़ किया जा रहा है,बताते चले ललितपुर जिले में कई सरकारी विद्यालय ऐसे है,जहाँ पर शिक्षक कभी समय पर नही जाते है और कई विद्यालय में शिक्षक जाते ही नही है.वे केवल अपनी तनख्वाह घर बैठे पा रहे हैं. बाइट-वहीं अभिभावकों का कहना है कि जनपद में शिक्षा का स्तर गिरता ही जा रहा है,दूरदराज के स्कूलों में अध्यापक भी नही जाते है वहाँ ताला लटका रहता है.जहाँ सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है शिक्षा के क्षेत्र में,लेकिन कोई फर्क नही पड़ रहा है और कोई जन जागृति नही है.शिक्षकों को तनख्वाह के रूप में मोटी मोटी रकम मिल रही है जिसमे वो एक पैसे का भी काम नही कर रहे हैं.वहीं शिक्षक स्कूल नही जाते है इसका प्रभाव बच्चों,अभिभावकों में पढ़ रहा है,आज जब हमारे बच्चे शिक्षित नही होंगे,साक्षर नही होंगे.तो क्या करेंगे भविष्य में. बाइट-पवन संज्ञा(अभिभावक) बाइट-राहुल शर्मा(अभिभावक)


Conclusion:बाइट-वहीं जब इस मामले को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से वार्ता की गई तो उनका कहना है कि हमारी प्राथमिकता है कि बेसिक शिक्षा को सुधार की दृष्टिकोण से,बच्चों में शैक्षिक सम्प्राप्ति को औऱ शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें.लेकिन कहीं कही ऐसी शिकायतें सामने आ रही थी कि स्कूल समय से नही खुल रहे है और कही कुछ लापरवाही हो रही थी.उसको लेकर के औचक निरीक्षण भी किये गए.जिसमे गत दो निरीक्षण में 10 अध्यापकों को निलंबित किया गया और करीब 1 दर्जन से अधिक शिक्षकों का एक दिन का वेतन भी काटा गया है और सुधार की दृष्टि से ही कार्यवाही की गई है.यदि अब भी सुधार की स्थिति नही आती है,तो आगे भी कार्यवाही चलती रहेगी. बाइट-मनोज कुमार वर्मा(जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी)
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