ललितपुरः देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. जगह-जगह तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है, इसी कड़ी में ललितपुर के बासी ग्राम में तिरंगा यात्रा निकाला गया. लेकिन यह क्षेत्र आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाएं से वंचित है. जहां गांव में जाने के लिए लोगों को सड़क से 5 किमी पैदल किचड़ भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है. जहां शुक्रवार को इसी किचड़ भरे रास्ते से ग्रामिणों ने तिरंगा यात्रा निकाला.
जनपद ललितपुर के मड़ावरा विकासखंड के गांव कवराटा में लोग पक्की सड़क, पानी-बिजली और मूलभूत संसाधन से वंचित है. ग्रामिण अपनी सुविधा और आवागमन के लिये श्रमदान कर एक कच्ची पगडंडी का निर्माण कर किया गया. जिस पर वर्ष 2013-14 में जिला पंचायत द्वारा सोलिंग कार्य कर इस बंद कर दिया गया. पुलिया के अभाव में एम्बुलेंस समेत कोई भी चार पहिया वाहन गांव तक नहीं पुहंच पाता. जिसके चलते किसी भी आपातकालीन स्थिति में गांव वालों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं खंडविकास अधिकारी मड़ावरा दीपेंद्र पांडे ने इस मामले पर कहा जांच करवा के सम्पर्क मार्ग बनवाया जाएगा. यह कार्यवाही जल्द ही अमल में लाई जायेगी.
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जामनी बांध के भराव क्षेत्र में एक टापू पर बसा यह गांव ग्राम पंचायत पहाड़ीकला के तहत आता है. जहां लगभग एक हजार की आबादी वाले इस गांव में साढ़े चार सौ के करीब मतदाता हैं, फिर भी विकास कार्य यहां पर न के बराबर कराये गये हैं. गांव में सरकारी सुविधाओं के नाम पर महज एक प्राईमरी स्कूल ही है. जहां गांव के बच्चे नाममात्र के लिये ही पढ़ने आते हैं. वहीं बरसात में विद्यालय तक पहुंचने के लिये शिक्षकों समेत छात्रों को काफी दिक्कत उठाना पड़ती है. बारिश के चार महीनों में कवराटा गांव का सम्पर्क मुख्य भूमि से लगभग पूरी तरह कट से जाता है. ग्राम पंचायत द्वारा गांव में डलवाये गये सीसी रोड मानकविहीन है. नालियों के अभाव में गंदगी और कीचड़ से सराबोर रास्तों पर गुजरना बेहद सांसत भरा होता है.
गांव में नहीं पहुंचती एम्बुलेंसः कवराटा निवासी तखत सिंह बताते हैं कि पक्की सड़क के अभाव में इस गांव में एम्बुलेंस सेवा भी मुहैया नहीं होती और न ही कोई स्वास्थ्य सेवा. गांव में अगर कोई बीमार हो जाये तो पलंग पर रखकर पैदल लाना पड़ता है.
जलभराव से हो रहा रास्ते का कटावः पूर्व प्रधान पूरनसिंह लोधी बताते हैं कि पहाड़ीकला से उनके गांव तक बारह वर्ष पहले साढ़े चार किमी रास्ता ग्रामीणों द्वारा श्रमदान सहयोग से तैयार किया गया था, जिससे काम चल रहा है. बांध में पानी के भराव और बड़ी-बड़ी लहरों से रास्ते का कटाव तेजी से हो रहा है. रास्ते के किनारे पिचिंग कार्य कराया जाना बेहद जरूरी है.
बगैर पुलिया के किसी काम का नहीं रास्ताः पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य भागवत सिंह लोधी बताते हैं, उनके गांव को जाने वाले रास्ते में पहाड़ी मौजे में दुर्जन एवं सोबरन के खेत के पास पुलिया निर्माण बेहद जरुरी है. पुलिया के बगैर रास्ते का कोई लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता.
ग्रामीण हो रहे पलायन को मजबूरः कवराटा निवासी युवा रामकुमार सिंह बताते हैं कि गांव में पक्की सड़क के अभाव में बिजली, पानी के संसाधनों समेत तमाम विकास कार्यों की गति अवरुद्ध हो गयी हैं.संसाधनों के अभाव में ग्रामीणजन गांव से पलायन करने को मजबूर हैं.
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