लखीमपुर खीरी: जिले की मितौली तहसील क्षेत्र में लोग बाघों से ज्यादा मक्खियों से परेशान हैं. पिछले लगभग 3 साल से करीब 12 गांवों के लोग, अपने घरों में मक्खियों से बचने के लिए मच्छरदानी लगाते हैं. बिना मच्छरदानी के इन गांवों में खाना खाना संभव ही नहीं है. मक्खियां खाने और चाय पानी में गिर जाती हैं. आलम ये हैं कि इन गांवों में रहने वाले लोगों के घरों में मेहमान भी आने से कतराते हैं.
मक्खियों का आतंक इतना बढ़ चुका है कि इस क्षेत्र के कई गांवों में युवाओं की शादियां नहीं हो रही हैं. लखीमपुर खीरी के मैगलगंज के पास गांव अब्बासपुर, ददौरा, आलियापुर, हैरम खेड़ा ईछनापुरवा, चपर तला, गांधी ग्राम, महुआ ढाब, सेमरा घाट में मक्खियों ने लोगों की जिंदगी को नर्क बना दिया है. यहां हर घर में मच्छरदानी लगी हुई है. मक्खियों के कारण लोग दिन में भी मच्छरदानी में ही बैठते हैं.
ईटीवी भारत की टीम ऐसे ही एक गांव पहुंची तो लोगों ने बताया कि खाना बनाते वक्त दो लोग साथ में पंखा लेकर खड़े होते हैं. वरना मक्खियां खाने के सामान में गिर जाती हैं. हर चीज ढक कर खनी पड़ती है. बिना मच्छरदारी के चैन से सांस लेने भी मुश्किल है. इन मक्खियों से परेशान लोग कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. इन्होंने दो दिन जल सत्याग्रह भी किया था. अधिकारियों ने आश्वासन तो दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
दरअसल गांव वालों के मुताबिक मक्खियों की वजह यहां का बरनाला पोल्ट्री फार्म है. यहां मुर्गियों की बीट से मक्खियों का लारवा बन रहा है. पोल्टी फार्म संचालक ने आधुनिक संयंत्र नहीं लगाया है और इस लापरवाही का खामियाजा आसपास के गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हालात ये हो गये हैं कि अब इन गांवों में युवाओं से कोई शादी नहीं करना चाहता है. लोग लड़का-लड़की देखने तो पहुंचते हैं. लेकिन मक्खियों की वजह से बात आगे नहीं बढ़ती. इछनपुर की रजिंदर कौर और सुखविंदर ने बताया कि उनके दो बेटों की शादी इन मक्खियों की वजह से नहीं हो पा रही है. इन मक्खियों और गंदगी की वजह से कोई अपनी बेटी की शादी उनके लड़कों से करना नहीं चाहता.