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लखीमपुर खीरी: गन्ना किसानों से वैज्ञानिकों ने सीखे खेती के गुर, नवाचारों से हुए रूबरू

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में गन्ना विभाग ने गन्ना किसानों के नवाचारों से गन्ना वैज्ञानिकों को रूबरू कराने को लिए विकास भवन के सभागार में वर्कशाप का आयोजन किया. शाहजहांपुर गन्ना शोध संस्थान के निदेशक डॉ. जे सिंह मुख्य अतिथि रहे.

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गन्ना किसानों से वैज्ञानिकों ने सीखे खेती के गुर.
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Published : Feb 11, 2020, 10:22 AM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में गन्ने के वैज्ञानिकों ने किसानों से गन्ने की खेती के गुर सीखे. गन्ने की खेती में किसानों द्वारा अपनाए जा रहे नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हुए. कम लागत में कैसे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसको लेकर किसानों से वैज्ञानिकों ने खुलकर चर्चा भी की. विकास भवन के सभागार में इस वर्कशाप का आयोजन किया गया.

गन्ना किसानों से वैज्ञानिकों ने सीखे खेती के गुर.
गन्ने की खेती के लिए वर्कशाप आयोजन
जिला गन्ना अधिकारी डॉ. ब्रजेश पटेल ने बताया कि खीरी जिला गन्ने की खेती में अग्रणी है. ऐसे में यहां के गन्ना किसान हर साल उत्तर प्रदेश में कोई न कोई कीर्तिमान बनाते आए हैं. किसान सबसे बड़ा वैज्ञानिक होता है और वह अपने फील्ड पर नए-नए प्रयोग करता रहता है. इन्हीं नए प्रयोगों को जानने के लिए हमने एक वर्कशाप का आयोजन कराया, जिसमें कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान आमने-सामने बैठकर खेती में मुनाफा ज्यादा और लागत कम करने के अपने प्रयासों पर चर्चा कर सकें. गन्ना किसानों के नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हो सकें और अगर उसमें कोई वैज्ञानिक या तकनीकी खामी है तो उसे बता सकें.

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युवा किसानों ने किया प्रतिभाग

मुख्य अतिथि के रूप में आए गन्ना शोध संस्थान के निदेशक और कृषि वैज्ञानिक डॉ. जे. सिंह ने बताया कि किसान हमेशा से ही बड़ा प्रयोग धर्मी रहा है. हम लोग लैब में काम करते हैं और किसान अपने खेतों में उसका प्रयोग करता है. इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम किसान से उसकी प्रैक्टिसेज के बारे में जानें और खेती में लागत को कम करने के लिए किसान क्या-क्या उपाय कर रहा है, इस पर एक खुला डिस्कशन हो सके. इसीलिए यह वर्कशॉप रखा गया था. व्हाट्सएप में युवा किसानों ने जिस तरीके से प्रतिभाग किया और अपने नवाचारों से अवगत कराया वह काबिले तारीफ है. हमें किसानों से काफी कुछ सीखने को मिला और कुछ वैज्ञानिक तथ्य और तकनीकी बारीकियां हमने भी किसानों को बताई.

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प्रथम पुरस्कार से कुलवन्त सिंह को किया गया सम्मानित

डीएम डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश में प्रथम पुरस्कार पाने वाले किसान कुलवन्त सिंह को माला पहना सम्मानित किया. कुलवन्त सिंह ने पौध गन्ने में 2,100 कुण्टल से ज्यादा गन्ना पैदा कर यूपी में गन्ना विभाग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

लखीमपुर खीरी: जिले में गन्ने के वैज्ञानिकों ने किसानों से गन्ने की खेती के गुर सीखे. गन्ने की खेती में किसानों द्वारा अपनाए जा रहे नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हुए. कम लागत में कैसे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसको लेकर किसानों से वैज्ञानिकों ने खुलकर चर्चा भी की. विकास भवन के सभागार में इस वर्कशाप का आयोजन किया गया.

गन्ना किसानों से वैज्ञानिकों ने सीखे खेती के गुर.
गन्ने की खेती के लिए वर्कशाप आयोजन
जिला गन्ना अधिकारी डॉ. ब्रजेश पटेल ने बताया कि खीरी जिला गन्ने की खेती में अग्रणी है. ऐसे में यहां के गन्ना किसान हर साल उत्तर प्रदेश में कोई न कोई कीर्तिमान बनाते आए हैं. किसान सबसे बड़ा वैज्ञानिक होता है और वह अपने फील्ड पर नए-नए प्रयोग करता रहता है. इन्हीं नए प्रयोगों को जानने के लिए हमने एक वर्कशाप का आयोजन कराया, जिसमें कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान आमने-सामने बैठकर खेती में मुनाफा ज्यादा और लागत कम करने के अपने प्रयासों पर चर्चा कर सकें. गन्ना किसानों के नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हो सकें और अगर उसमें कोई वैज्ञानिक या तकनीकी खामी है तो उसे बता सकें.

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युवा किसानों ने किया प्रतिभाग

मुख्य अतिथि के रूप में आए गन्ना शोध संस्थान के निदेशक और कृषि वैज्ञानिक डॉ. जे. सिंह ने बताया कि किसान हमेशा से ही बड़ा प्रयोग धर्मी रहा है. हम लोग लैब में काम करते हैं और किसान अपने खेतों में उसका प्रयोग करता है. इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम किसान से उसकी प्रैक्टिसेज के बारे में जानें और खेती में लागत को कम करने के लिए किसान क्या-क्या उपाय कर रहा है, इस पर एक खुला डिस्कशन हो सके. इसीलिए यह वर्कशॉप रखा गया था. व्हाट्सएप में युवा किसानों ने जिस तरीके से प्रतिभाग किया और अपने नवाचारों से अवगत कराया वह काबिले तारीफ है. हमें किसानों से काफी कुछ सीखने को मिला और कुछ वैज्ञानिक तथ्य और तकनीकी बारीकियां हमने भी किसानों को बताई.

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प्रथम पुरस्कार से कुलवन्त सिंह को किया गया सम्मानित

डीएम डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश में प्रथम पुरस्कार पाने वाले किसान कुलवन्त सिंह को माला पहना सम्मानित किया. कुलवन्त सिंह ने पौध गन्ने में 2,100 कुण्टल से ज्यादा गन्ना पैदा कर यूपी में गन्ना विभाग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

Intro:लखीमपुर- लखीमपुर खीरी जिले में गन्ने के वैज्ञानिकों ने किसानों से गन्ने की खेती के गुर सीखे। गन्ने की खेती में किसानों द्वारा अपनाए जा रहे नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हुए। कम लागत में कैसे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है इसको लेकर किसानों से वैज्ञानिकों ने खुलकर चर्चा भी की। गन्ना विभाग ने गन्ना किसानों के नवाचारों से गन्ना वैज्ञानिकों को रूबरू कराने को किसानों के खेती के तरीकों को बताया। विकास भवन के सभागार में हुई इस वर्कशाप में शाहजहांपुर गन्ना शोध संस्थान के निदेशक डॉ जे सिंह मुख्यअतिथि रहे।


Body:जिला गन्ना अधिकारी डॉ ब्रजेश पटेल ने बताया की खीरी जिला गन्ने की खेती में अग्रणी है ऐसे में यहां के गन्ना किसान हर साल उत्तर प्रदेश में कोई न कोई कीर्तिमान बनाते हैं आए हैं। किसान सबसे बड़ा वैज्ञानिक होता है और वह अपने फील्ड पर नए-नए प्रयोग करता रहता है। इन्हीं नए प्रयोगों को जानने के लिए हमने एक वर्कशाप का आयोजन कराया। जिसमें कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान आमने-सामने बैठकर खेती में मुनाफा ज्यादा और लागत कम करने के अपने प्रयासों पर डिस्कशन कर सकें। गन्ना किसानों के नवा चारों से वैज्ञानिक रूबरू हो सकें और अगर उसमें कोई वैज्ञानिक या तकनीकी खामी है तो उसे बता सके।


Conclusion:मुख्य अतिथि के रुप में आए गन्ना शोध संस्थान के निदेशक और कृषि वैज्ञानिक डॉ जे. सिंह ने बताया कि किसान हमेशा से ही बड़ा प्रयोग धर्मी रहा है। हम लोग लैब में काम करते हैं और किसान अपने खेतों में उसका प्रयोग करता है इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम किसान से उसकी प्रैक्टिसेज के बारे में जाने और खेती में लागत को कम करने के लिए किसान क्या-क्या उपाय कर रहा है। इस पर एक खुला डिस्कशन हो सके। इसीलिए यह वर्कशॉप रखा गया था। व्हाट्सएप में युवा किसानों ने जिस तरीके से प्रतिभाग किया और अपने नवाचारों से अवगत कराया वह काबिले तारीफ है। हमें किसानों से काफी कुछ सीखने को मिला और कुछ वैज्ञानिक तथ्य और तकनीकी बरी किया हमने भी किसानों को बताईं।
डीएम डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश में प्रथम पुरस्कार पाने वाले किसान कुलवन्त सिंह को माला पहना सम्मानित किया। कुलवन्त सिंह ने पौध गन्ने में 2100 कुण्टल से ज्यादा गन्ना पैदा कर यूपी में गन्ना विभाग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
बाइट-डॉ जे.सिंह(निदेशक,गन्ना शोध संस्थान शाहजहाँपुर)
बाइट-डॉ ब्रजेश पटेल(जिला गन्ना अधिकारी)
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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