लखीमपुर खीरी: जिले में गन्ने के वैज्ञानिकों ने किसानों से गन्ने की खेती के गुर सीखे. गन्ने की खेती में किसानों द्वारा अपनाए जा रहे नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हुए. कम लागत में कैसे ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसको लेकर किसानों से वैज्ञानिकों ने खुलकर चर्चा भी की. विकास भवन के सभागार में इस वर्कशाप का आयोजन किया गया.
जिला गन्ना अधिकारी डॉ. ब्रजेश पटेल ने बताया कि खीरी जिला गन्ने की खेती में अग्रणी है. ऐसे में यहां के गन्ना किसान हर साल उत्तर प्रदेश में कोई न कोई कीर्तिमान बनाते आए हैं. किसान सबसे बड़ा वैज्ञानिक होता है और वह अपने फील्ड पर नए-नए प्रयोग करता रहता है. इन्हीं नए प्रयोगों को जानने के लिए हमने एक वर्कशाप का आयोजन कराया, जिसमें कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान आमने-सामने बैठकर खेती में मुनाफा ज्यादा और लागत कम करने के अपने प्रयासों पर चर्चा कर सकें. गन्ना किसानों के नवाचारों से वैज्ञानिक रूबरू हो सकें और अगर उसमें कोई वैज्ञानिक या तकनीकी खामी है तो उसे बता सकें.
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युवा किसानों ने किया प्रतिभाग
मुख्य अतिथि के रूप में आए गन्ना शोध संस्थान के निदेशक और कृषि वैज्ञानिक डॉ. जे. सिंह ने बताया कि किसान हमेशा से ही बड़ा प्रयोग धर्मी रहा है. हम लोग लैब में काम करते हैं और किसान अपने खेतों में उसका प्रयोग करता है. इसलिए जरूरी हो जाता है कि हम किसान से उसकी प्रैक्टिसेज के बारे में जानें और खेती में लागत को कम करने के लिए किसान क्या-क्या उपाय कर रहा है, इस पर एक खुला डिस्कशन हो सके. इसीलिए यह वर्कशॉप रखा गया था. व्हाट्सएप में युवा किसानों ने जिस तरीके से प्रतिभाग किया और अपने नवाचारों से अवगत कराया वह काबिले तारीफ है. हमें किसानों से काफी कुछ सीखने को मिला और कुछ वैज्ञानिक तथ्य और तकनीकी बारीकियां हमने भी किसानों को बताई.
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प्रथम पुरस्कार से कुलवन्त सिंह को किया गया सम्मानित
डीएम डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश में प्रथम पुरस्कार पाने वाले किसान कुलवन्त सिंह को माला पहना सम्मानित किया. कुलवन्त सिंह ने पौध गन्ने में 2,100 कुण्टल से ज्यादा गन्ना पैदा कर यूपी में गन्ना विभाग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.