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उत्तराखंड जलप्रलय: लापता 29 मजदूरों को किया गया मृत घोषित, पीड़ित परिजनों को यूपी सरकार ने दिए 2-2 लाख रुपये

उत्तराखंड जल प्रलय में लापता हुए लखीमपुर खीरी जिले के 29 श्रमिकों को मृत घोषित कर दिया गया है. 29 पीड़ित परिवारीजनों को यूपी सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये के चेक शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान सौंपे गए.

पीड़ित परिजनों को यूपी सरकार ने दिए 2-2 लाख रुपये
पीड़ित परिजनों को यूपी सरकार ने दिए 2-2 लाख रुपये
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Published : Jul 24, 2021, 5:09 PM IST

लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड जल प्रलय की त्रासदी में मारे गए खीरी जिले के 29 लापता श्रमिकों के परिजनों को यूपी सरकार ने अब दो-दो लाख रुपयों की आर्थिक सहायता का मरहम लगाया है. डीएम डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया,एसपी विजय ढुल,निघासन के विधायक शशांक वर्मा और खीरी सांसद अजय मिश्रा के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय ने 29 पीड़ित परिवारीजनों को यूपी सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये के चेक शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित कर सौंपे. अभी पीड़ितों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये एनटीपीसी भी देगा. इसके अलावा पीएम राहत कोष से दो लाख,एसडीआरएफ फंड से और उत्तराखंड सरकार से भी इन 29 परिवारों को आर्थिक सहायता और मिलनी है.

निघासन में आयोजित चेक विरतण कार्यक्रम में विधायक शशांक वर्मा ने कहा कि यूपी सरकार आपके इस दुख में साथ है. हर परिवार को आर्थिक सहायता दी जा रही है, थोड़ा विलम्ब जरूर हुआ, लेकिन आप सबके साथ अन्याय नहीं होगा. सांसद प्रतिनिधि संजय सिंह ने कहा कि आपने जो खोया है वह अमूल्य था, लेकिन ये सरकारी सहायता आपके परिवार के लिए कुछ मदद के लिए है.

डीएम डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया ने कहा कि ये अकल्पनीय क्षति है. शासन प्रशासन आपको ये आर्थिक मदद दे रहा है जो आपके परिवार के काम आएगी.


उत्तराखंड के चमोली में हुआ था बड़ा हादसा

उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी 2021 को जोशीमठ ग्लेशियर फटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा नदी में आई बाढ़ में एनटीपीसी का निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना में काम कर रहे तीस मजदूर लापता हो गए थे, जिनकी तलाश की गई थी. इनमें से चार मजदूरों के शव मिल गए थे, लेकिन 29 के शव आज तक नहीं मिले. एक लंबी सरकारी प्रक्रिया के बाद 29 लोगों को सिविल डेड घोषित किया गया, जिसके बाद इन मृतक मजदूरों के परिजनों को अब प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दी जा रही है. फिलहाल अभी प्रधानमंत्री राहत कोष से पैसा मिलना बाकी है, लेकिन मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवारों को दो- दो लाख रुपये के चेक दिए गए हैं, जिन चार मजदूरों के शव मिल चुके थे उनको पीएम राहत कोष से दो-दो लाख,सीएम राहत कोष से दो दो लाख,एसडीआरएफ उत्तराखंड से चार-चार लाख,सीएम उत्तराखंड राहत कोष से भी एक एक लाख रुपया मिल चुका है. यानी चारों मृतको के परिजनों को नौ नौ लाख रुपया मिल चुका है.

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड आपदा : सरकार ने जारी की लापता लोगों की सूची, परिवार में मचा कोहराम

दो जून को लापता 29 मजदूरों को किया गया मृत घोषित

उत्तराखंड सरकार से आए पत्र पर यूपी सरकार ने रिपोर्ट भेजी. इसके बाद इन 29 लापता मजदूरों को मृत घोषित किया गया. उत्तराखंड के चमोली जिला प्रसाशन द्वारा 29 लापता लोगों को मृत घोषित करने के बाद अब उन्हें सहायता राशि दी जा रही है. डीएम खीरी डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि जलप्रलय में लापता 29 और मृतक चारों लोगों के परिजनों को दो करोड़ 10 लाख की आर्थिक सहायता अभी तक पहुंचाई जा चुकी है. अभी एनटीपीसी सभी 33 मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपया और देगी.

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड जल प्रलय: लखीमपुर खीरी के 31 मजदूर लापता

हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी पीएलआई

उत्तराखंड त्रासदी में मारे गए 33 मजदूरों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रसपा नेता और तिकोनियां के समाजसेवी राजीव गुप्ता ने हाईकोर्ट में पीएलआई दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई थी. राजीव गुप्ता का कहना है कि हाईकोर्ट के दखल के बाद यूपी सरकार ने आनन फानन में फटकार से बचने के लिए मृतकों को दो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है.

जनहित याचिका में यूपी सरकार के वकील ने तीन सप्ताह का समय मांगा था. राजीव गुप्ता का कहना है कि उन्होने गरीब मजदूरों के रहने के लिए मकान और नौकरी समेत 41 लाख के मुआवजे का दावा किया है.

लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड जल प्रलय की त्रासदी में मारे गए खीरी जिले के 29 लापता श्रमिकों के परिजनों को यूपी सरकार ने अब दो-दो लाख रुपयों की आर्थिक सहायता का मरहम लगाया है. डीएम डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया,एसपी विजय ढुल,निघासन के विधायक शशांक वर्मा और खीरी सांसद अजय मिश्रा के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय ने 29 पीड़ित परिवारीजनों को यूपी सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये के चेक शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित कर सौंपे. अभी पीड़ितों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये एनटीपीसी भी देगा. इसके अलावा पीएम राहत कोष से दो लाख,एसडीआरएफ फंड से और उत्तराखंड सरकार से भी इन 29 परिवारों को आर्थिक सहायता और मिलनी है.

निघासन में आयोजित चेक विरतण कार्यक्रम में विधायक शशांक वर्मा ने कहा कि यूपी सरकार आपके इस दुख में साथ है. हर परिवार को आर्थिक सहायता दी जा रही है, थोड़ा विलम्ब जरूर हुआ, लेकिन आप सबके साथ अन्याय नहीं होगा. सांसद प्रतिनिधि संजय सिंह ने कहा कि आपने जो खोया है वह अमूल्य था, लेकिन ये सरकारी सहायता आपके परिवार के लिए कुछ मदद के लिए है.

डीएम डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया ने कहा कि ये अकल्पनीय क्षति है. शासन प्रशासन आपको ये आर्थिक मदद दे रहा है जो आपके परिवार के काम आएगी.


उत्तराखंड के चमोली में हुआ था बड़ा हादसा

उत्तराखंड के चमोली जिले में सात फरवरी 2021 को जोशीमठ ग्लेशियर फटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा नदी में आई बाढ़ में एनटीपीसी का निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना में काम कर रहे तीस मजदूर लापता हो गए थे, जिनकी तलाश की गई थी. इनमें से चार मजदूरों के शव मिल गए थे, लेकिन 29 के शव आज तक नहीं मिले. एक लंबी सरकारी प्रक्रिया के बाद 29 लोगों को सिविल डेड घोषित किया गया, जिसके बाद इन मृतक मजदूरों के परिजनों को अब प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दी जा रही है. फिलहाल अभी प्रधानमंत्री राहत कोष से पैसा मिलना बाकी है, लेकिन मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ित परिवारों को दो- दो लाख रुपये के चेक दिए गए हैं, जिन चार मजदूरों के शव मिल चुके थे उनको पीएम राहत कोष से दो-दो लाख,सीएम राहत कोष से दो दो लाख,एसडीआरएफ उत्तराखंड से चार-चार लाख,सीएम उत्तराखंड राहत कोष से भी एक एक लाख रुपया मिल चुका है. यानी चारों मृतको के परिजनों को नौ नौ लाख रुपया मिल चुका है.

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दो जून को लापता 29 मजदूरों को किया गया मृत घोषित

उत्तराखंड सरकार से आए पत्र पर यूपी सरकार ने रिपोर्ट भेजी. इसके बाद इन 29 लापता मजदूरों को मृत घोषित किया गया. उत्तराखंड के चमोली जिला प्रसाशन द्वारा 29 लापता लोगों को मृत घोषित करने के बाद अब उन्हें सहायता राशि दी जा रही है. डीएम खीरी डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया ने बताया कि जलप्रलय में लापता 29 और मृतक चारों लोगों के परिजनों को दो करोड़ 10 लाख की आर्थिक सहायता अभी तक पहुंचाई जा चुकी है. अभी एनटीपीसी सभी 33 मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपया और देगी.

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हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी पीएलआई

उत्तराखंड त्रासदी में मारे गए 33 मजदूरों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रसपा नेता और तिकोनियां के समाजसेवी राजीव गुप्ता ने हाईकोर्ट में पीएलआई दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई थी. राजीव गुप्ता का कहना है कि हाईकोर्ट के दखल के बाद यूपी सरकार ने आनन फानन में फटकार से बचने के लिए मृतकों को दो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है.

जनहित याचिका में यूपी सरकार के वकील ने तीन सप्ताह का समय मांगा था. राजीव गुप्ता का कहना है कि उन्होने गरीब मजदूरों के रहने के लिए मकान और नौकरी समेत 41 लाख के मुआवजे का दावा किया है.

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