लखीमपुर खीरीः इंडो-नेपाल बॉर्डर के लखीमपुर खीरी जिले से टेरर फंडिंग के हुए खुलासे के मामले में पकड़े गए नाइजीरियाई नागरिकों के पेन ड्राइव, मोबाइल और लैपटॉप की एटीएस ने जांच कर ली है. एटीएस अब इन के माध्यम से टेरर फंडिंग के राज को उजागर करने का प्रयास करेगी. वहीं एटीएस ने पकड़े गए मोबाइल लैपटॉप और तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामान बुधवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया. साथ ही एटीएस ने मुम्बई से पकड़े गए दो नाइजीरियाई और एक भारतीय युवक की रिमांड एप्लीकेशन सीजेएम कोर्ट में डाली है.
फंडिंग की मिलेगी जानकारी
एटीएस के डिप्टी एसपी ने बुधवार को मुम्बई से 23 अक्टूबर को पकड़े गए दो नाइजीरियाई नागरिकों चिनेउबा माइकल और पीटर हरमन असेंगा की रिमांड एप्लीकेशन सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत की. नाइजीरियाई नागरिकों के साथ पकड़े गए मुम्बई के अर्जुन अशोक खराडे को भी एटीएस रिमांड पर लेना चाहती है. एटीएस की टीम ने नाइजीरियाई नागरिकों से गिरफ्तारी के वक्त पकड़े गए तमाम इलेक्ट्रॉनिक सामानों की जांच के बाद कोर्ट में पेश किया. इसमें तीन लैपटॉप, चार मोबाइल, 13 भारतीय सिम कार्ड, एक विदेशी सिम कार्ड, 13 इंटरनेट डोंगल, दो पेन ड्राइव, तीन राउटर और नाइजीरियाई नागरिकों के पासपोर्ट और पहचान पत्र शामिल हैं. एटीएस ने इन बरामद किए गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों की जांच में तमाम जानकारियां भी जुटाई है.
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नाइजीरियाई नागरिकों की रिमांड की मांग
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में नेपाली और भारतीय मुद्रा की बरामदगी और 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद से इस मामले का खुलासा हुआ था. तब से टेरर फंडिंग की कड़ी से कड़ी यूपी एटीएस मिला रही है. एटीएस की टीम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और पूछताछ के आधार पर अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है. सीजेएम अदालत में आने वाली 31 अक्टूबर को रिमांड एप्लीकेशन पर सुनवाई होगी.