लखीमपुर खीरीः नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद जिले में दो बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया है. माना जा रहा है कि नागरिकता कानून भारत में बनने के बाद यह पहला मामला है कि किसी शरणार्थी ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है. खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि दोनों के आवेदन प्राप्त हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नए कानून के नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी.
1971 में कामता गांव में बस गया था परिवार
खीरी जिले के निघासन तहसील इलाके के कामता नगर गांव के रहने वाले खीरू और मोतीचंद्र ने डीएम को आवेदन देकर भारतीय नागरिकता देने की मांग की है. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक खीरु और मोतीचंद्र के पिता स्व. धनपत मल्लाह 1971 में बांग्लादेश से जिले के निघासन इलाके में आ गए थे. इनका परिवार कामता नगर गांव में तभी से एलटीवी पर रह रहा था.
नए कानून के तहत नागरिकता पाने के लिए किया आवेदन
भारत में नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद 31 दिसंबर 2014 के पहले, भारत में रह रहे हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. इसी के तहत खीरू और मोती चंद ने भी जिला प्रशासन के सामने भारतीय नागरिकता पाने का आवेदन किया है.
जिलाधिकारी ने कहा
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि दोनों के आवेदनों पर कानूनी तरीके से विचार किया जा रहा है. गृह मंत्रालय में भी इन दोनों के आवेदन को भेजा गया है. क्योंकि कानून नया बना है तो इसके विधिक पहलुओं पर विचार किया जा रहा है. साथ ही दिशा-निर्देश भी मांगे गए हैं. खीरू और मोतीचंद के आवेदनों पर जल्द ही कानूनन निर्णय लिया जाएगा.