लखीमपुर खीरी: यूपी सरकार ने पंचायत चुनाव कराने को कमर कस ली है. वहीं जिले में बीएलओ ड्यूटी में मनमानी को लेकर धरना देने लगे. बीएलओ ड्यूटी में लगे अनुदेशकों और शिक्षामित्रों ने आरोप लगाए कि मलाईदार ड्यूटी में शिक्षकों को लगाया जाता है. वहीं मुफ्त वाली ड्यूटी शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को दी जाती है. शिक्षामित्रों ने बीएलओ ड्यूटी में असमानता खत्म करने की मांग करते हुए ड्यूटी का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी. डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन कर डीएम और सांसद को ज्ञापन देकर ड्यूटी गांव के पास लगाने की मांग की. उन्होंने सभी की ड्यूटी का अनुपात ठीक करने को कहा.
पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति और आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एशोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले अनुदेशक और शिक्षामित्र पंचायत चुनाव में लगाई गई बीएलओ ड्यूटी को लेकर नाराज हैं. शिक्षामित्रों ने कहा कि सरकार और अफसर 10 हजार पाने वाले शिक्षामित्रों को बेगार वाली ड्यूटी में लगा देते हैं. इसमें कोई पारिश्रमिक नहीं मिलता. वहीं 60-70 हजार पाने वाले शिक्षकों की ड्यूटी मलाईवाले कामों में लगाई जाती है, ऐसा नहीं चलेगा. कहा कि पंचायत चुनाव में अनुदेशक, शिक्षामित्र और शिक्षक एक अनुपात में ड्यूटी में लगाए जाएं.
महिला अनुदेशकों और शिक्षामित्रों को घर के पास मिले ड्यूटी
प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों ने कहा कि महिला अनुदेशक और शिक्षामित्रों को मूल निवास से 15-20 किलोमीटर दूर बीएलओ ड्यूटी में लगाया गया, जो गलत है. देर शाम होने पर महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? ऐसे में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को हटाकर बाहरी जिलों की शिक्षिकाओं से यह काम कराया जाए. वहीं विद्यालय समय से अतिरिक्त समय में ड्यूटी नहीं करेंगे. पहले 800 मतदाता पर एक बीएलओ लगाया जाता था. इस बार 1500 से दो हजार मतदाताओं पर एक बीएलओ लगाया जा रहा, जो न्यायसंगत नहीं है.
बकाया वेतन मिलने के बाद करेंगे काम
बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने कहा कि वे पंचायत चुनाव ड्यूटी तभी करेंगे, जब उनका पिछला बकाया वेतन आहरित किया जाएगा. साथ ही डीएम उनकी मांगों का निस्तारण करेंगे. अनुदेशकों ने मांग की कि वे लोकसभा और विधानसभा पुनरीक्षण भी कर रहे हैं. वहीं फिर से पंचायत चुनाव में उनकी ड्यूटी लगा दी गई. शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने कहा कि मांगें न माने जाने पर बीएलओ ड्यूटी का बहिष्कार करेंगे.