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लखीमपुर खीरी: गन्ना किसान बोले, हमारे लिए बजट में नया क्या है? - यूपी समाचार

योगी सरकार ने अपना बजट पेश कर दिया है. बजट को ऐतिहासिक बताया जा रहा है तो वहीं लखीमपुर के किसानों का कहना है कि बजट से हमें कोई फायदा नहीं है.

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गन्ना किसान.
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Published : Feb 18, 2020, 11:35 PM IST

लखीमपुर खीरी: योगी सरकार ने बजट पेश कर दिया है. इस बजट को लेकर किसानों ने कहा कि गन्ने का रेट 325 रुपए करने की घोषणा चार साल पुरानी है. बजट में हमारे लिए नया क्या है? किसानों ने कहा कि बजट में घोषणाएं तो हो जाती हैं. हमारा पिछले साल का ही गन्ना बकाया नहीं मिला. इस साल के पेमेंट के लिए तो मिलों ने हाथ भी नहीं लगाया है.

यूपी बजट पर किसानों की राय.

किसानों ने कहा कि 325 रुपए गन्ने का रेट देने की बजट में घोषणा जनता को लुभाने के लिए है. किसानों का कहना है कि ये तो सपा के शासन काल में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही 325 रेट कर दिया था. तब से एक चवन्नी गन्ने का रेट नहीं बढ़ा. मोहनपुरवा गांव के किसान विनोद वर्मा ने कहा कि हम लोग मिलों को गन्ना दहेज की तरह देकर भूल जा रहे हैं. हमारे पिछले साल का पेमेंट नहीं हुआ. 84 हजार 700 करोड़ रुपये गन्ने के बकाया पेमेंट को भी विनोद लॉलीपॉप बताते हैं.

इसे भी पढ़ें:- योगी सरकार का सबसे बड़ा बजट, 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ से होगा यूपी का विकास

शीतलापुर गांव के गन्ना किसान अनुज ने कहा कि सरकार बजट में दावे तो करती है. फायदा उन्हीं किसानों को मिलता है, जिनकी पहुंच सांसद और विधायक तक है. आम किसानों को बजट की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. योगी सरकार के गन्ना बजट को लेकर खीरी जिले के गन्ना किसानों का कहना है कि सरकार बस उनका पेमेंट करा दे.

लखीमपुर खीरी: योगी सरकार ने बजट पेश कर दिया है. इस बजट को लेकर किसानों ने कहा कि गन्ने का रेट 325 रुपए करने की घोषणा चार साल पुरानी है. बजट में हमारे लिए नया क्या है? किसानों ने कहा कि बजट में घोषणाएं तो हो जाती हैं. हमारा पिछले साल का ही गन्ना बकाया नहीं मिला. इस साल के पेमेंट के लिए तो मिलों ने हाथ भी नहीं लगाया है.

यूपी बजट पर किसानों की राय.

किसानों ने कहा कि 325 रुपए गन्ने का रेट देने की बजट में घोषणा जनता को लुभाने के लिए है. किसानों का कहना है कि ये तो सपा के शासन काल में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही 325 रेट कर दिया था. तब से एक चवन्नी गन्ने का रेट नहीं बढ़ा. मोहनपुरवा गांव के किसान विनोद वर्मा ने कहा कि हम लोग मिलों को गन्ना दहेज की तरह देकर भूल जा रहे हैं. हमारे पिछले साल का पेमेंट नहीं हुआ. 84 हजार 700 करोड़ रुपये गन्ने के बकाया पेमेंट को भी विनोद लॉलीपॉप बताते हैं.

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शीतलापुर गांव के गन्ना किसान अनुज ने कहा कि सरकार बजट में दावे तो करती है. फायदा उन्हीं किसानों को मिलता है, जिनकी पहुंच सांसद और विधायक तक है. आम किसानों को बजट की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. योगी सरकार के गन्ना बजट को लेकर खीरी जिले के गन्ना किसानों का कहना है कि सरकार बस उनका पेमेंट करा दे.

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