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गन्ना किसानों ने राकेश टिकैत के सुझाव को ठुकराया, ये है पूरा मामला

यूपी के लखीमपुर खीरी में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने को लेकर किसानों ने चीनी मिल को कराया बंद. चीनी मिल बंद कराने के किसानों के फैसले को राकेश टिकैत ने बताया गलत. किसानों ने राकेश टिकैत के सुझाव को ठुकराया. कहा- जबतक भुगतान नहीं, तबतक बंद रहेगी मिल.

लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी
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Published : Dec 11, 2021, 8:16 PM IST

लखीमपुर खीरी : बजाज चीनी मिल पर करोड़ों रुपये के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन में अब राकेश टिकैत की भी एंट्री हो गई है. वहीं, बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर किसानों का धरना गोला मिल पर दसवें दिन और पलिया बजाज चीनी मिल पर 15 दिन बाद शनिवार को भी जारी रहा. वहीं, भीरा में भी किसान आमरण क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं.

दूसरी तरफ मिल बन्द कर पेमेंट की मांग कर रहे किसानों को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का सन्देश भी आया है. राकेश टिकैत ने मिल बन्दकर धरना प्रदर्शन करने को अनुचित बताया है, और मिल चलवाने की बात कही है. लेकिन सभी किसानों ने राकेश टिकैत की बात मानने से इनकार कर दिया है. इधर डीएम, एसपी, सीडीओ भी शनिवार को किसानों को मनाने और समझाने गोला चीनी मिल पहुंचे. लेकिन किसानों ने कहा- बिना पिछले साल के पेमेंट के किसान हटने वाले नहीं. वहीं, इस दौरान किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष रामसिंह वर्मा की हालत धरना स्थल पर ही बिगड़ गई. आनन-फानन में उनको एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है.

राकेश टिकैत

गौरतलब है कि खीरी जिले की बजाज की तीन चीनी मिलों पर करीब 600 करोड़ रुपये किसानों का पिछले सत्र का बकाया है. इसको लेकर पलिया में सबसे पहले किसानों ने चीनी मिल बंद कराकर धरना शुरू कर दिया. पलिया से शुरू हुआ धरना गोला भी पहुंच गया. गोला में भी किसानों ने चीनी मिल बंद करा गेट पर धरना देना शुरू कर दिया. पलिया में पिछले 15 दिनों से धरना चल रहा है, तो गोला में बकाया मूल्य भुगतान को लेकर पिछले 10 दिनों से लगातार किसानों का आंदोलन जारी है. किसान चीनी मिल चलने नहीं दे रहे हैं और बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं. गोला चीनी मिल पर किसानों का करीब 250 करोड़ रुपया बकाया है. वहीं पलिया चीनी मिल पर भी 200 करोड़ से ज्यादा बकाया है. खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर भी डेढ़ सौ करोड़ बकाया है, जो पिछले पेराई सत्र का है.

शनिवार को किसानों को मनाने खीरी के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी संजीव सुमन और सीडीओ अनिल कुमार सिंह पहुंचे. किसानों की सभी अफसरों ने समस्या जानी. किसानों ने अपनी पीड़ा अफसरों को सुनाई. बोले- हमें अपने बेटे-बेटियों की पढ़ाई रुकवानी पड़ रही. फीस न जमा होने से बच्चे स्कूल में बेइज्जत किये जा रहे. शादी विवाह से लेकर दवा इलाज के लिए भी पैसा नहीं. डीएम ने बहुत समझाया कि चीनी मिल बन्द करने से आपका ही नुकसान है, पर किसान बोले अब आरपार की लड़ाई होगी. भुगतान नहीं तो मिल नहीं चलेगी.


वहीं, पलिया में किसानों का मिल गेट पर धरना 15वें दिन भी जारी रहा. किसान बकाया भुगतान की मांग को लेकर लगातार क्रमिक अनशन पर हैं. भीरा में भी पलिया चीनी मिल के किसान अनशन कर रहे हैं. रोज पांच किसान सांकेतिक रूप से समिति कार्यालय के आगे भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. धीरा में किसानों का नेतृत्व कर रहे अजीत सिंह ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान न होने से हम लोगों पर कर्जा बढ़ता चला जा रहा है. हम करें तो क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा. ऐसे में बिना भुगतान के चीनी मिल नहीं चलने दी जाएगी, अब चाहे जो हो जाए. इधर किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष राम सिंह वर्मा की हालत अचानक धरना स्थल पर खराब हो गई. इसके बाद उनको एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है.

इसे भी पढे़ं- सपा-बसपा सरकार में लाखों रुपये लेकर दी जाती थी नौकरी, हम काबिलियत पर दे रहे : नंद गोपाल नंदी


किसानों ने टिकैत के संदेश को भी नहीं माना

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का एक वीडियो संदेश लखीमपुर खीरी जिले में बजाज चीनी मिल पर धरना दे रहे किसानों के लिए आया है. राकेश टिकैत ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि मिल बंद करके धरना देने में समझदारी नहीं है. कभी भी मिल बंद कर धरना प्रदर्शन सफल नहीं हो सकता, क्योंकि किसानों को अगली फसल भी बोनी होती है, गेहूं बोना होता है. मिल ही बंद हो जाएगी तो किसानों का काम ठप हो जाएगा. धरना देने के और भी स्थान हैं. किसान डीएम दफ्तर या कहीं और धरना दे सकते हैं. मिल बंद करके धरना ठीक नहीं. राकेश टिकैत ने किसानों से धरना उठाने की मांग की है, और मिल चलवाने का संदेश दिया है. पर किसानों ने राकेश टिकैत के इस बयान को डीएम, एसपी द्वारा माइक से सुनाने के बाद भी अपना आंदोलन खत्म न करने का ऐलान कर दिया है. किसानों का कहना है कि जब तक भुगतान नहीं तब तक मिल बंद रहेगी.


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लखीमपुर खीरी : बजाज चीनी मिल पर करोड़ों रुपये के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन में अब राकेश टिकैत की भी एंट्री हो गई है. वहीं, बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर किसानों का धरना गोला मिल पर दसवें दिन और पलिया बजाज चीनी मिल पर 15 दिन बाद शनिवार को भी जारी रहा. वहीं, भीरा में भी किसान आमरण क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं.

दूसरी तरफ मिल बन्द कर पेमेंट की मांग कर रहे किसानों को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का सन्देश भी आया है. राकेश टिकैत ने मिल बन्दकर धरना प्रदर्शन करने को अनुचित बताया है, और मिल चलवाने की बात कही है. लेकिन सभी किसानों ने राकेश टिकैत की बात मानने से इनकार कर दिया है. इधर डीएम, एसपी, सीडीओ भी शनिवार को किसानों को मनाने और समझाने गोला चीनी मिल पहुंचे. लेकिन किसानों ने कहा- बिना पिछले साल के पेमेंट के किसान हटने वाले नहीं. वहीं, इस दौरान किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष रामसिंह वर्मा की हालत धरना स्थल पर ही बिगड़ गई. आनन-फानन में उनको एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है.

राकेश टिकैत

गौरतलब है कि खीरी जिले की बजाज की तीन चीनी मिलों पर करीब 600 करोड़ रुपये किसानों का पिछले सत्र का बकाया है. इसको लेकर पलिया में सबसे पहले किसानों ने चीनी मिल बंद कराकर धरना शुरू कर दिया. पलिया से शुरू हुआ धरना गोला भी पहुंच गया. गोला में भी किसानों ने चीनी मिल बंद करा गेट पर धरना देना शुरू कर दिया. पलिया में पिछले 15 दिनों से धरना चल रहा है, तो गोला में बकाया मूल्य भुगतान को लेकर पिछले 10 दिनों से लगातार किसानों का आंदोलन जारी है. किसान चीनी मिल चलने नहीं दे रहे हैं और बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं. गोला चीनी मिल पर किसानों का करीब 250 करोड़ रुपया बकाया है. वहीं पलिया चीनी मिल पर भी 200 करोड़ से ज्यादा बकाया है. खम्भारखेड़ा चीनी मिल पर भी डेढ़ सौ करोड़ बकाया है, जो पिछले पेराई सत्र का है.

शनिवार को किसानों को मनाने खीरी के डीएम महेंद्र बहादुर सिंह, एसपी संजीव सुमन और सीडीओ अनिल कुमार सिंह पहुंचे. किसानों की सभी अफसरों ने समस्या जानी. किसानों ने अपनी पीड़ा अफसरों को सुनाई. बोले- हमें अपने बेटे-बेटियों की पढ़ाई रुकवानी पड़ रही. फीस न जमा होने से बच्चे स्कूल में बेइज्जत किये जा रहे. शादी विवाह से लेकर दवा इलाज के लिए भी पैसा नहीं. डीएम ने बहुत समझाया कि चीनी मिल बन्द करने से आपका ही नुकसान है, पर किसान बोले अब आरपार की लड़ाई होगी. भुगतान नहीं तो मिल नहीं चलेगी.


वहीं, पलिया में किसानों का मिल गेट पर धरना 15वें दिन भी जारी रहा. किसान बकाया भुगतान की मांग को लेकर लगातार क्रमिक अनशन पर हैं. भीरा में भी पलिया चीनी मिल के किसान अनशन कर रहे हैं. रोज पांच किसान सांकेतिक रूप से समिति कार्यालय के आगे भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. धीरा में किसानों का नेतृत्व कर रहे अजीत सिंह ने बताया कि गन्ना मूल्य भुगतान न होने से हम लोगों पर कर्जा बढ़ता चला जा रहा है. हम करें तो क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा. ऐसे में बिना भुगतान के चीनी मिल नहीं चलने दी जाएगी, अब चाहे जो हो जाए. इधर किसान मजदूर संगठन के जिला अध्यक्ष राम सिंह वर्मा की हालत अचानक धरना स्थल पर खराब हो गई. इसके बाद उनको एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है.

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किसानों ने टिकैत के संदेश को भी नहीं माना

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का एक वीडियो संदेश लखीमपुर खीरी जिले में बजाज चीनी मिल पर धरना दे रहे किसानों के लिए आया है. राकेश टिकैत ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि मिल बंद करके धरना देने में समझदारी नहीं है. कभी भी मिल बंद कर धरना प्रदर्शन सफल नहीं हो सकता, क्योंकि किसानों को अगली फसल भी बोनी होती है, गेहूं बोना होता है. मिल ही बंद हो जाएगी तो किसानों का काम ठप हो जाएगा. धरना देने के और भी स्थान हैं. किसान डीएम दफ्तर या कहीं और धरना दे सकते हैं. मिल बंद करके धरना ठीक नहीं. राकेश टिकैत ने किसानों से धरना उठाने की मांग की है, और मिल चलवाने का संदेश दिया है. पर किसानों ने राकेश टिकैत के इस बयान को डीएम, एसपी द्वारा माइक से सुनाने के बाद भी अपना आंदोलन खत्म न करने का ऐलान कर दिया है. किसानों का कहना है कि जब तक भुगतान नहीं तब तक मिल बंद रहेगी.


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