लखीमपुर खीरीः गोला विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक अरविन्द गिरी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. विधायक काफी समय से अदालत के सामने हाजिर नहीं हो रहे थे. जिला शासकीय अधिवक्ता कपिल कटियार ने बताया कि कोर्ट ने विधायक और एक अन्य शख्स पर गैर जमानती वारंट के साथ कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने एसपी खीरी को पत्र लिखकर वारंट तामील करवाने को कहा है.
जानकारी के अनुसार, गोला विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक अरविन्द गिरी पर कोर्ट ने मंगलवार को गैर जमानती वारंट जारी किया है. मामला 2006 का है. जब विधायक समाजवादी पार्टी के एमएलए थे, उस दौरान जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव था. चुनाव विधायक के एक रिश्तेदार लड़ रहे थे. इसी समय विधायक अपने कुछ साथियों के साथ किशनपुर सेंचुरी पहुंचे. वहां उन्होंने बिना अनुमति के गेस्ट हाउस का ताला तोड़ा और कागजात फाड़कर चौकीदार से मारपीट करते हुए उसे अपने कब्जे में ले लिया था. इसके बाद वहां शराब पीकर संगीत बजवाया था, जो टाइगर रिजर्व के नियमों के खिलाफ है. बिना अनुमति जंगल में हुड़दंग करने समेत कई गंभीर धाराओं में विधायक और उनके साथियों पर मुकदमा वन विभाग ने किया था.
मामला टाइगर रिजर्व का होने के चलते विधायक और उनके साथियों पर मुकदमा चल रहा था. इस मामले में विधायक सहित उनके साथी रंजीत सिंह, कई जिला पंचायत सदस्य सहित प्रधानों पर आरोप लगे थे. इस पर हाईकोर्ट ने दशकों बाद इस केस को एमपी-एमएलए कोर्ट में चलाने के आदेश दिए थे. आरोप के मामले में लखीमपुर में एडीजे थर्ड की अदालत में सभी पत्रावली भेज दी गई थी. तभी से ये मामला एसीजेएम थर्ड एमपी-एमएलए की अदालत में चल रहा था.
इस मामले में विधायक के कई साथियों को हाईकोर्ट से जमानत हो गई थी. विधायक अरविंद गिरी और अन्य आरोपी तीन साल से कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए थे. इसी को लेकर अदालत ने विधायक अरविन्द गिरी और अर्जुन सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस मामले में धारा 82 के तहत कुर्की के भी आदेश दिए गए हैं. कोर्ट ने एसपी को भी पत्र लिखकर आरोपियों को अदालत में हाजिर कराने के लिए कहा है.
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