लखीमपुर खीरी: विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में महिला निजता स्वच्छता जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. प्रीति वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे. इस कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को सैनेटरी हाइजीन किट वितरित किए गये. सामाजिक संस्था ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के सहयोग से आजोजित इस कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया गया.
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आम जनमानस की आजीविका प्रभावित हुई है. उसके सामने पोषण के साथ-साथ महिलाओं की निजी स्वच्छता का भी संकट आन खड़ा हुआ है. महिलाएं किसी भी विषय मे अपने परिवार को प्राथमिकता देती है इसलिए एस आर्थिक तंगी के दौर में महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित न हो इस पर कार्यक्रम के दौरान चर्चा की गई. इस कार्यक्रम के दौरान सेव द चिल्ड्रन संस्था ने 2000 साबुन और सैनिटरी नैपकिन्स की व्यवस्था की.
महिलाओं को जागरूक करने के लिए पुरुष भी आएं आगे
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. प्रीति वर्मा ने बताया कि इस विषय को गोपनीय रखने के कारण इससे अनेकों भ्रांतियां जुड़ गई हैं, जिसका दुष्परिणाम भी महिलाओं और बालिकाओं को भुगतना पड़ता है. माहवारी के दौरान उचित देखभाल सफाई और सही प्रबंधन न होने के कारण तथा सामाजिक रूढ़ियों की वजह से यौन संक्रमण, रक्ताल्पता और अनेकों रोग झेलते हुए महिलाओं को इस अज्ञानता की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है. सुखमय गृहस्थी का आधार और पुरुषों से काफी अधिक जीवन संघर्ष की क्षमता रखने वाली नारी से जुड़े संवेदनशील मुद्दे पर जागरूकता लाने के लिए पुरुषों को भी आगे आना चाहिए.
माहवारी एक प्राकृतिक क्रिया
जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि माहवारी एक प्राकृतिक क्रिया है. इसको बहुत ही सहजता से लेना चाहिए. महिलाओं और बालिकाओं को अपनी बात बिना किसी संकोच के करनी चाहिए. दूर दराज से आई हुई प्रवासी और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को इस अभियान से उनकी निजी स्वच्छता प्रबंधन में सहायता मिलेगी.
अवधारणाओं को दूर करना माहवारी दिवस का उद्देश्य
कार्यक्रम के दौरान साथिया फाउंडेशन ने ‘बालिका निजता स्वच्छता जागरूकता’ नामक कार्टून आधारित पुस्तक भेंट की, जिससे कोशोरियों को माहवारी की प्रक्रिया समझने में मदद मिलेगी. जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार निगम ने बताया कि माहवारी दिवस का उद्देश्य समाज में फैली मासिक धर्म सम्बन्धी गलत अवधारणाओं को दूर करना है. महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन सम्बन्धी सही जानकारी देना है इस कार्यक्रम का लक्ष्य है. 28 मई की तारीख निर्धारित करने के पीछे मकसद है कि मई वर्ष का पांचवा महीना होता है. यह अमूमन प्रत्येक 28 दिनों के पश्चात होने वाले स्त्री के पांच दिनों के मासिक चक्र का परिचायक है.
महिलाओं के सामने आती हैं कई चुनौतियां
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अश्वनी ने बताया कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. महिलाओं और किशोरियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसलिए हर वर्ष 28 मई को विश्व मासिक स्वच्छता दिवस मनाया जाता है. उन्होनें हाथ धुलने के सही तरीके को प्रदर्शित किया.