ETV Bharat / state

उत्तराखंड सुरंग में फंसे मजदूर की मां ने कहा- बड़े बेटे की मौत को नहीं भूल नहीं पाए, अब छोटा बेटा फंस गया - tunnel under construction in Uttarkashi

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में लखीमपुर खीरी का एक श्रमिक मंजीत चौधरी (Manjeet Chaudhary worker) भी फंसा हुआ है. पीड़ित की मां ने कहा कि उसके परिवार की कोई सुध नहीं लेने वाला है.

ि
ि
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 1:52 PM IST

श्रमिक की मां ने बताया.

लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड सुरंग हादसे में के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर 41 श्रमिकों फंसे हुए हैं. श्रमिकों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान जारी है. हादसे के 10वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. इस सुरंग हादसे में लखीमपुर खीरी के श्रमिक मंजीत चौधरी भी फंसे हुए हैं. उनके परिजन पूजा-अर्चना कर घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए परिजनों ने हवन-पूजन आयोजित किए हैं.

उत्तराखंड सुरंग हादसे में फंसे लखीमपुर खीरी के मंजीत चौधरी की मां ने बताया कि "मेरे नसीब को भगवान ने पता नहीं किस कलम से लिखा था, मेरा बड़ा बेटा मुंबई में एक साल पहले मजदूरी करने गया था. वहां पर उसकी मौत हो गई थी, अब दूसरा बेटा मंजीत परिवार की जिम्मेदारियां उठा रहा था, तो वह भी 10 दिन से उत्तरकाशी की टनल गुफा में फंसा हुआ है". बता दें कि मंजीत के पिता दोनों आंखों से अंधे हैं, परिवार को अब कोई भी देखने वाला नहीं है.

लखीमपुर खीरी के भैरमपुर मांझा का रहने वाला मंजीत चौधरी अपने परिवार के पालन पोषण के लिए परदेश में पैसा कमाने गया था. मंजीत की मां चौधराईन ने बताया कि ठपड़ोसी गांव के थारु लोगों के साथ मंजीत रक्षाबंधन के त्यौहार में अपनी बहन से राखी बंधवाकर दूसरे दिन घर से उत्तरकाशी पैसा कमाने के लिए गया था. परिवार को शायद यह नहीं पता था कि मंजीत भाई दूज का त्यौहार अपने घर पर नहीं कर पाएगा. मंजीत की बहन इंतजार करती रही. मंजीत की मां ने बताया कि बड़े बेटे की मौत अभी तक परिवार भूल नहीं पाया है, अब मंजीत की खबर सुनते ही परिवार पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा है. मंजीत के बारे में सिर्फ फोन पर देख रहे हैं, उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है. मंजीत की मां और बहन उसकी घर वापसी के लिए दिन-रात पूजा-अर्चना कर दुआ कर रही हैं, टनल में फंसे मंजित के परिवार का कोई भी अधिकारी सुध नहीं लेने आया है.

एसडीएम निघासन ने बताया शासन स्तर से अभी तक किसी प्रकार का दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है. तहसील प्रशासन लगातार परिवार से संपर्क में है. परिवार की हर संभव मदद के लिए तहसील प्रशासन तैयार है.

यह भी पढे़ं- बरेली में एक और महिला की हत्या, अब तक 10 का हो चुका है मर्डर

यह भी पढे़ं- उत्तरकाशी टनल हादसा 10वां दिन: वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन से रेस्क्यू कार्य जारी, वॉकी-टॉकी से मजदूरों से संपर्क करने की कोशिश

श्रमिक की मां ने बताया.

लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड सुरंग हादसे में के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर 41 श्रमिकों फंसे हुए हैं. श्रमिकों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान जारी है. हादसे के 10वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. इस सुरंग हादसे में लखीमपुर खीरी के श्रमिक मंजीत चौधरी भी फंसे हुए हैं. उनके परिजन पूजा-अर्चना कर घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए परिजनों ने हवन-पूजन आयोजित किए हैं.

उत्तराखंड सुरंग हादसे में फंसे लखीमपुर खीरी के मंजीत चौधरी की मां ने बताया कि "मेरे नसीब को भगवान ने पता नहीं किस कलम से लिखा था, मेरा बड़ा बेटा मुंबई में एक साल पहले मजदूरी करने गया था. वहां पर उसकी मौत हो गई थी, अब दूसरा बेटा मंजीत परिवार की जिम्मेदारियां उठा रहा था, तो वह भी 10 दिन से उत्तरकाशी की टनल गुफा में फंसा हुआ है". बता दें कि मंजीत के पिता दोनों आंखों से अंधे हैं, परिवार को अब कोई भी देखने वाला नहीं है.

लखीमपुर खीरी के भैरमपुर मांझा का रहने वाला मंजीत चौधरी अपने परिवार के पालन पोषण के लिए परदेश में पैसा कमाने गया था. मंजीत की मां चौधराईन ने बताया कि ठपड़ोसी गांव के थारु लोगों के साथ मंजीत रक्षाबंधन के त्यौहार में अपनी बहन से राखी बंधवाकर दूसरे दिन घर से उत्तरकाशी पैसा कमाने के लिए गया था. परिवार को शायद यह नहीं पता था कि मंजीत भाई दूज का त्यौहार अपने घर पर नहीं कर पाएगा. मंजीत की बहन इंतजार करती रही. मंजीत की मां ने बताया कि बड़े बेटे की मौत अभी तक परिवार भूल नहीं पाया है, अब मंजीत की खबर सुनते ही परिवार पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा है. मंजीत के बारे में सिर्फ फोन पर देख रहे हैं, उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है. मंजीत की मां और बहन उसकी घर वापसी के लिए दिन-रात पूजा-अर्चना कर दुआ कर रही हैं, टनल में फंसे मंजित के परिवार का कोई भी अधिकारी सुध नहीं लेने आया है.

एसडीएम निघासन ने बताया शासन स्तर से अभी तक किसी प्रकार का दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है. तहसील प्रशासन लगातार परिवार से संपर्क में है. परिवार की हर संभव मदद के लिए तहसील प्रशासन तैयार है.

यह भी पढे़ं- बरेली में एक और महिला की हत्या, अब तक 10 का हो चुका है मर्डर

यह भी पढे़ं- उत्तरकाशी टनल हादसा 10वां दिन: वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन से रेस्क्यू कार्य जारी, वॉकी-टॉकी से मजदूरों से संपर्क करने की कोशिश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.