लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी में हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के मामले में SIT की आशीष मिश्र (Ashish Mishra) की पुलिस कस्टडी मांग पर लखीमपुर कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बाद में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्र को तीन दिनों की पुलिस रिमांड में भेजने का आदेश दिया है. आशीष लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा मामले का मुख्य आरोपी है.
बता दें कि इस मामले की रिमांड मजिस्ट्रेट दीक्षा भारती ने सोमवार तक आरोपी आशीष मिश्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था और सोमवार को सुनवाई की डेट लगाई थी. सोमवार को सीजेएम चिंतामणि की अदालत में सुनवाई हुई. अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सीजेएम सुनने के बाद रिमांड पर भेजे जाने का फैसला सुरक्षित रखा था. बाद में तीन दिनों की रिमांड पर भेजे जाने का फैसला सुनाया.
इस मामले पर वरिष्ठ लोक अभियोजन एसपी यादव ने बताया कि आज सुनवाई हुई है. हमने मजिस्ट्रेट के सामने पुलिस कस्टडी रिमांड पहले से ही दी हुई थी. इस पर आरोपी के वकील अवधेश सिंह ने पुलिस रिमांड की अर्जी पर आपत्ति दाखिल की थी. कोर्ट ने बचाव पक्ष को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
वकील ने उठाए सवाल
लखीमपुर हिंसा मामले में सीजेएम कोर्ट के सामने आशीष मिश्र के पक्ष की तरफ से सीनियर अधिवक्ता अवधेश दुबे और अवधेश सिंह, रामाशीष मिश्रा, रमेश मिश्रा और शैलेंद्र सिंह गौड़ ने पक्ष रखा था. पुलिस रिमांड पर सवाल उठाते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि 12 घंटे लंबी पूछताछ की गई है. पानी तक मांगने पर ही दिया गया. पुलिस अब और क्या पूछताछ करना चाहती है. कोर्ट में बचाव पक्ष ने अपना पक्ष रखते हुए आशंका जताई कि पुलिस कस्टडी के दौरान उसे यातना भी दी जा सकती है.
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आरोपी आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने सवाल उठाए हैं कि उनके मुवक्किल से पुलिस ने सुबह 10.40 से लेकर रात 11 बजे तक पूछताछ की, यह रिकॉर्ड पूछताछ है. यूपी में शायद ही इतनी लंबी पूछताछ किसी से हुई हो, पर इसके बाद भी क्या पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है? जो वह उनके मुवक्किल को रिमांड पर लेना चाहती हैं? अवधेश सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल ने पुलिस को दंगल स्थल पर उनकी मौजूदगी के 100 से ज्यादा फोटो वीडियो फुटेज और तमाम सबूत दिए हैं. पुलिस के पास गिरफ्तारी का कोई ठोस सबूत नहीं है. इसीलिए पुलिस उनके मुवक्किल को परेशान कर रही है.
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बता दें कि इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे के घर नोटिस चस्पा की गई थी. साथ ही आरोपी अजय मिश्र के खिलाफ समन भी जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि 8 अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश होना था, मगर आशीष तय वक्त पर पुलिस के सामने नहीं पहुंचा. उधर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे को लेकर यूपी सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. आखिरकार, तमाम उठापटक के बाद आशीष मिश्र 9 अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश हो गया. जहां, शनिवार को देर रात 11 घण्टे की पूंछतांछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 3 अक्टूबर को हादसे के बाद उपजी हिंसा में 3 किसानों और एक पत्रकार की मौत के साथ ही 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं और मंत्री के ड्राइवर की भी मौत हो गई थी. इस मामले में चार अक्टूबर को किसान जगजीत सिंह की तहरीर पर मुख्य आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र पर धारा 302, 304 आईपीसी समेत तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने 7 अक्टूबर को केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे पुलिस लाइंस में संबंध किया था.
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इन धाराओं में दर्ज हुए मुकदमे
बता दें कि आशीष लखीमपुर के तिकुनिया कांड का मुख्य आरोपी है. उस पर 302, 304 ए 147, 148, 149, 279, 120बी समेत तमाम गम्भीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. क्राइम ब्रांच दफ्तर में डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल की अगुआई में आईपीएस सुनील कुमार सिंह की टीम ने 10 घंटे की पूछताछ के बाद आरोपी को गिरफ्तार करने की बात मीडिया को बताई. एसआईटी टीम को आरोपी अपनी बेगुनाही के कोई ठोस सबूत नहीं दे पाया.