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लखीमपुर खीरी: वकील को आई साइबर कॉल, मांगा ओटीपी नंबर

यूपी के लखीमपुर जिले में एक अधिवक्ता से साइबर ठगी के लिए फोन कॉल किया गया. अधिवक्ता के पास फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताया और अधिवक्ता से अपना ओटीपी नंबर भेजने को कहा. लेकिन अधिक्ता ने ऐसा करने से मना कर दिया.

अधिवक्ता राजीव पाण्डेय
अधिवक्ता राजीव पाण्डेय
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Published : Aug 29, 2020, 4:27 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में एसबीआई का अफसर बनकर ठगी करने का मामला सामने आया है. ठग ने एक वकील को फोन किया और अपना ओटीपी सेंड करने के लिए कहा, लेकिन वकील ने मामले को भांपते हुए अपना ओटीपी नंबर नहीं किया. मामला लखीमपुर खीरी जिले का है.

सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने बताया कि शुक्रवार शाम 4:23 मिनट पर उनके फोन पर इस नंबर से 8514046196 कॉल आया. कॉलर ने बताया कि वह एसबीआई से बोल रहा है. कॉलर ने उनसे केवाईसी नॉर्म पूरे करने के लिए पूछताछ शुरू की. इसके बाद एक ओटीपी वापस उसके मोबाइल पर भेजने की बात करने लगा. इस पर वकील राजीव पाण्डेय ने कॉलर से कहा कि वह केवाईसी के सभी नार्म बैंक में जाकर पूरे कर चुके हैं. पैन कार्ड,आधार कार्ड और जितने भी कागजात लगने थे वह बैंक में पहले ही सबमिट कर चुके हैं.

लखीमपुर खीरी में वकील को आई साइबर कॉल

अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने बैंक में अपने एक रिश्तेदार श्री दीक्षित का हवाला देते हुए बताया कि वो केवाईसी पूरी कर चुके हैं. कालर बैंक में रिश्तेदार की बात सुनकर थोड़ा हड़बड़ाया, लेकिन उसने फिर से सम्भलते हुए कहा कि पहले फिंगरप्रिंट नहीं लगता था, लेकिन अब बैंक में नया नियम लागू किया है कि आपको फिंगरप्रिंट देना होगा. इसके लिए केवाईसी नम्बर नोट करें और एक ओटीपी आपके मोबाइल पर भेजा गया है, जो आप वापस सेंड करें.

इस पर अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने कहा अगर बहुत जरूरत है तो वह कल बैंक आकर जमा कर देंगे, लेकिन कॉलर ओटीपी भेजने को बार बार कहता रहा तो राजीव बोले कि वो अभी बैंक में आकर अपने कागजात जमा कर सकते हैं. उनका घर बैंक से थोड़ी दूर पर है. इस पर कालर ने कहा कि वह सब ठीक है. अधिवक्ता राजीव पांडे ने कॉलर का नाम पूछा तो कॉलर ने अपना नाम मनोज कुमार मिश्रा बताया. यहीं से अधिवक्ता राजीव पाण्डेय का शक और बढ़ गया कि पहले उसने अपना नाम कुछ और बताया था और अब मनोज कुमार मिश्रा बता रहा है. अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने समझदारी दिखाते हुए कोई ओटीपी शेयर नहीं की, जिससे उनके खाते से पैसे निकलने से बच गए.

साइबर ठगी लॉकडाउन के बाद तेजी से बढ़ रही है. जरा सी आपकी ना समझी चंद सेकंडों में आपकी मेहनत से कमाई पर पानी फेर सकती है. साइबर ठग जमतारा से फोन करते हैं और बैंक से बोलने की बात करते हैं. अगर आप जरा भी चूके और आपने अपना एटीएम का पासवर्ड और ठगों के भेजे किसी मैसेज को क्लिक कर ओटीपी भेज दिया तो चंद मिनटों में आपका खाता खाली हो जाएगा.

खीरी के एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि लोगों को होशियार रहने की जरूरत है. साइबर क्राइम इस वक्त काफी बढ़ा हुआ है. भोलेभाले लोगों को ऐसे लोग अपना निशाना बनाते हैं. कोई भी अगर आपको आईआरडीए या बैंक से फोंन कर कोई ओटीपी या कोई अन्य गोपनीय जानकारी मांगे तो बिल्कुल भी मत दें. बैंक कभी फोन कर आपसे कोई जानकारी नहीं मांगती है.

लखीमपुर खीरी: जिले में एसबीआई का अफसर बनकर ठगी करने का मामला सामने आया है. ठग ने एक वकील को फोन किया और अपना ओटीपी सेंड करने के लिए कहा, लेकिन वकील ने मामले को भांपते हुए अपना ओटीपी नंबर नहीं किया. मामला लखीमपुर खीरी जिले का है.

सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने बताया कि शुक्रवार शाम 4:23 मिनट पर उनके फोन पर इस नंबर से 8514046196 कॉल आया. कॉलर ने बताया कि वह एसबीआई से बोल रहा है. कॉलर ने उनसे केवाईसी नॉर्म पूरे करने के लिए पूछताछ शुरू की. इसके बाद एक ओटीपी वापस उसके मोबाइल पर भेजने की बात करने लगा. इस पर वकील राजीव पाण्डेय ने कॉलर से कहा कि वह केवाईसी के सभी नार्म बैंक में जाकर पूरे कर चुके हैं. पैन कार्ड,आधार कार्ड और जितने भी कागजात लगने थे वह बैंक में पहले ही सबमिट कर चुके हैं.

लखीमपुर खीरी में वकील को आई साइबर कॉल

अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने बैंक में अपने एक रिश्तेदार श्री दीक्षित का हवाला देते हुए बताया कि वो केवाईसी पूरी कर चुके हैं. कालर बैंक में रिश्तेदार की बात सुनकर थोड़ा हड़बड़ाया, लेकिन उसने फिर से सम्भलते हुए कहा कि पहले फिंगरप्रिंट नहीं लगता था, लेकिन अब बैंक में नया नियम लागू किया है कि आपको फिंगरप्रिंट देना होगा. इसके लिए केवाईसी नम्बर नोट करें और एक ओटीपी आपके मोबाइल पर भेजा गया है, जो आप वापस सेंड करें.

इस पर अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने कहा अगर बहुत जरूरत है तो वह कल बैंक आकर जमा कर देंगे, लेकिन कॉलर ओटीपी भेजने को बार बार कहता रहा तो राजीव बोले कि वो अभी बैंक में आकर अपने कागजात जमा कर सकते हैं. उनका घर बैंक से थोड़ी दूर पर है. इस पर कालर ने कहा कि वह सब ठीक है. अधिवक्ता राजीव पांडे ने कॉलर का नाम पूछा तो कॉलर ने अपना नाम मनोज कुमार मिश्रा बताया. यहीं से अधिवक्ता राजीव पाण्डेय का शक और बढ़ गया कि पहले उसने अपना नाम कुछ और बताया था और अब मनोज कुमार मिश्रा बता रहा है. अधिवक्ता राजीव पाण्डेय ने समझदारी दिखाते हुए कोई ओटीपी शेयर नहीं की, जिससे उनके खाते से पैसे निकलने से बच गए.

साइबर ठगी लॉकडाउन के बाद तेजी से बढ़ रही है. जरा सी आपकी ना समझी चंद सेकंडों में आपकी मेहनत से कमाई पर पानी फेर सकती है. साइबर ठग जमतारा से फोन करते हैं और बैंक से बोलने की बात करते हैं. अगर आप जरा भी चूके और आपने अपना एटीएम का पासवर्ड और ठगों के भेजे किसी मैसेज को क्लिक कर ओटीपी भेज दिया तो चंद मिनटों में आपका खाता खाली हो जाएगा.

खीरी के एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि लोगों को होशियार रहने की जरूरत है. साइबर क्राइम इस वक्त काफी बढ़ा हुआ है. भोलेभाले लोगों को ऐसे लोग अपना निशाना बनाते हैं. कोई भी अगर आपको आईआरडीए या बैंक से फोंन कर कोई ओटीपी या कोई अन्य गोपनीय जानकारी मांगे तो बिल्कुल भी मत दें. बैंक कभी फोन कर आपसे कोई जानकारी नहीं मांगती है.

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