लखीमपुर खीरी: सरकारी गेहूं खरीद से जुड़े कर्मचारियों से डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने अपील की है. डीएम ने कहा कि यह आपदा का वक्त है और ऐसे में किसानों का गेहूं ईमानदारी से खरीदना हमारा धर्म है. पिछले पांच दिनों में 5 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. किसानों के आधार कार्ड नंबर, नाम और बैंक डिटेल में गड़बडी के कारण भुगतान में समस्या हो रही है. बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर ही चल रहा है. वहीं लॉकडाउन होने से किसान भी सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर कम संख्या में पहुंच रहे है.
किसानों को एसडीएम से कराना होगा सत्यापन
यूपी के सभी जिलों की तरह लखीमपुर खीरी जिले में भी गेहूं की खरीद 15 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. लॉकडाउन के कारण यूपी सरकार ने गेहूं की खरीद के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था कराई है, अगर किसी को 100 क्विंटल से ज्यादा गेहूं बेचना है तो उस किसान को एसडीएम से सत्यापन भी कराना होगा. खीरी जिले को इस बार दो लाख पाच हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला है.
8 एजेंसियों के माध्यम से हो रही गेहूं की खरीद
डिप्टी आरएमओ लालमणि पांडेय ने बताया कि खीरी में 154 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. आठ एजेंसियों के जरिए गेहूं खरीद हो रही है. अभी तक पांच हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. लॉकडाउन के कारण पहले के मुकाबले गेहूं खरीद केंद्रों पर इस बार किसान कम आ रहे हैं. गेहूं का बाजार भाव 1800-1850 के आसपास ही चल रहा. वहीं सरकारी गेहूं खरीद 1,925 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है.
पांच हजार किसानों की हुआ रजिस्ट्रेशन
खीरी जिले में क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद के लिए 5 हजार किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए हैं. यदि कोई किसान 100 क्विंटल से ज्यादा बिक्री करना चाहता है तो उस किसान को एसडीएम से सत्यापन भी कराना होगा. वहीं तमाम किसानों के आधार नंबर, नाम और बैंक डिटेल में गड़बड़ी मिल रही है. इस कारण किसानों को भुगतान मिलने में समस्याएं भी आ रही है. ऐसे में पीएफएमएस से पेमेंट नहीं हो पा रहा. साफ्टवेयर नाम के मिसमैच होते ही भुगतान रोक देता है.
खीरी के डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि गेहूं खरीद की शुरुआती दिक्कतों में अब सुधार कर लिया गया है. अब लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ा जा रहा है. वहीं गेहूं खरीद से जुड़े कर्मचारियों से मेरी अपील है कि इस संकट की घड़ी में किसानों का गेहूं ईमानदारी से खरीदें, जिससे किसानों को किसी प्रकार की दिक्कतें ना हों.