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लखीमपुर खीरी में बाघ की तस्वीर कैद, शिकार के बाद नील गाय के साथ दिखा

लखीमपुर खीरी में बाघ का खौफ बरकरार हैं. बाघ की तस्वीर वन विभाग के कैमरे में रिकॉर्ड हो गयी. इस फोटो में बाघ एक नील गाय खाता दिखा.

लखीमपुर खीरी में बाघ
लखीमपुर खीरी में बाघ
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Published : Dec 1, 2021, 10:29 PM IST

लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में नीलगाय का शिकार करने के बाद उसको खाते हुए बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई है. अब यह बाघ शहर के नजदीक जिला मुख्यालय के पास आ गया है. बाघ की वजह से आसपास के करीब 10 हजार की आबादी में खौफ का माहौल है. लखीमपुर वन विभाग ने बाघ की तलाश में कैमरे लगाए थे. इसमें बाघ की तस्वीर कैद हो गई.

लखीमपुर में सांडा गांव में सिख झाले के पास मंगलवार सुबह नीलगाय का अधखाया शव मिला. वहीं पास ही बाघ के पगचिन्ह भी देखे गए. इससे माना जा रहा है कि बाघिन ने ही नील गाय का शिकार किया होगा. हांलाकि एक सप्ताह से इलाके में बाघिन के पगचिन्ह मिल रहे थे. बाघ और बाघिन एक साथ देखे जाने का दावा भी ग्रामीण कर रहे थे. सांडा गांव में लखीमपुर वन विभाग की टीम ने नीलगाय की शिकार वाली जगह पर कैमरा लगा दिया था. बाघ रात में फिर उसी शिकार वाली जगह पहुंचा और अपने शिकार नील गाय को खाया.

ये भी पढ़ें- राजा महेंद्र प्रताप की जयंती पर राज्यमंत्री उदयभान बोले- बीजेपी से जुड़ा एक भी व्यक्ति अपराधी नहीं...पढ़िए पूरी खबर

शारदा नगर रेंज के वन दरोगा नागेंद्र पांडे ने बताया कि इलाके में निगरानी बढ़ा दी गयी है. वहां पर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. बाघ ने नीलगाय का शिकार वहां पर किया था, इसलिए उस इलाके को नो डिस्टरबेंस जोन बना दिया गया है. फिलहाल वन विभाग की टीम क्षेत्र में निगरानी कर रही है. इलाके में लोगों को सतर्क किया गया है. लोगों से कहा गया है कि वो उस इलाके में ना जाएं, जिन इलाके में बाघ के आने की खबर मिल रही है. लोग यहां अपने गन्ने की छिलाई भी करने नहीं जा रहे हैं.

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लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में नीलगाय का शिकार करने के बाद उसको खाते हुए बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हो गई है. अब यह बाघ शहर के नजदीक जिला मुख्यालय के पास आ गया है. बाघ की वजह से आसपास के करीब 10 हजार की आबादी में खौफ का माहौल है. लखीमपुर वन विभाग ने बाघ की तलाश में कैमरे लगाए थे. इसमें बाघ की तस्वीर कैद हो गई.

लखीमपुर में सांडा गांव में सिख झाले के पास मंगलवार सुबह नीलगाय का अधखाया शव मिला. वहीं पास ही बाघ के पगचिन्ह भी देखे गए. इससे माना जा रहा है कि बाघिन ने ही नील गाय का शिकार किया होगा. हांलाकि एक सप्ताह से इलाके में बाघिन के पगचिन्ह मिल रहे थे. बाघ और बाघिन एक साथ देखे जाने का दावा भी ग्रामीण कर रहे थे. सांडा गांव में लखीमपुर वन विभाग की टीम ने नीलगाय की शिकार वाली जगह पर कैमरा लगा दिया था. बाघ रात में फिर उसी शिकार वाली जगह पहुंचा और अपने शिकार नील गाय को खाया.

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शारदा नगर रेंज के वन दरोगा नागेंद्र पांडे ने बताया कि इलाके में निगरानी बढ़ा दी गयी है. वहां पर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. बाघ ने नीलगाय का शिकार वहां पर किया था, इसलिए उस इलाके को नो डिस्टरबेंस जोन बना दिया गया है. फिलहाल वन विभाग की टीम क्षेत्र में निगरानी कर रही है. इलाके में लोगों को सतर्क किया गया है. लोगों से कहा गया है कि वो उस इलाके में ना जाएं, जिन इलाके में बाघ के आने की खबर मिल रही है. लोग यहां अपने गन्ने की छिलाई भी करने नहीं जा रहे हैं.

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